जीवन के भागदौड़ से थक गये हैं तो कुछ देर यहाँ मेरे चैनल पर ठहरकर आराम कर सकते हैं.. बहुत सुकून,शांति, अपनापन है यहाँ..जीवन है यहाँ ❤️
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Author of 3 Books: 1-Sej-Sunanda Pushker Ki Kahani, 2-Media ke Diggaj, 3- Ek khwab (all available on amazon.in)
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Audio Show: Ek Premi ki Diary & Lajjashankar @Aawaz.Com
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Awards
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बाबा नागार्जुन जिन्होंने इंदिरा गांधी सरकार को अकेले हिला दिया इनकी बेखौफ लेखनी और निडरता निर्भीकता हीं इन्हे जनकवि बनाती है नागार्जुन मेरे प्रिय कवियों में से एक हैं खास कर इनकी विद्रोही कविता चाहे वो कालिदास को तंज कसना हो चाहे इंदिरा गांधी सरकार पर निशाना हो. बहुत अच्छी प्रस्तुति दी आपने ❤️🙏
It is insult to our country and Hindu culture to honour Mohandas Karamchand as "Mahatma". When Modi comes to power for 3rd time he should ensure to officially remove Mahatma "tag" permanently.
वो अपने उत्तेजित लिंग को मनुबेन के योनि से सिर्फ स्पर्श कराते थे। लेकिन कभी पूर्ण सहवास नही किया। इस से दो लाभ थे। एक तो ये सिद्ध हो जाता था की उनकी मर्दानगी अभी कायम थी और दूसरा उनमें गजब की आत्म संयम था। ये महात्मा होने की मूलभूत शर्त थी जिस पे वो हर रात खरे उतरते थे।
जितना गांधी ने भारत की आजादी मे योगदान किया उससे ज्यादा देश का नुक़सान किया था। बुढापे मे ऐयाशी का पूरा सामान एकत्र किया था। किसी भी तरह से गांधी ने देश का भला नही किया बल्कि देश का भारी नुकसान किया।
एक मनोरुग्ण और विकृत व्यक्तिको हम सब अंधो की तरह अनुसरण करते रहे. हम अंधे थे, अज्ञानी थे,निर्मल थे इस बातका पुरा लाभ उठाते ये विकृत आदमी मजे लेता रहा.ब्रम्हचर्य के प्रयोग किसीं भी धर्म का आधार नही बलकी अपना कुकर्म ढकने के लिये चादर की तरह ये मनोरुग्ण इस्तेमाल करता रहा.इस दरम्यान कितनी औरतोंके साथ दुरव्यवहार हुआ,कित्नोंकी जिंदगी इस पापी ने बरबाद की होगी इसकी जाच होनी चाहीये, केंद्र शासनने इसपर खुलासे के लिये श्वेत पत्रिका बनाना अनिवार्य लगता है.
Mahatma Gandhi was not real freedom fighter but there are so many freedom fighters like Subhash Chandra Bose,Maharana Pratap,Sardar Patel,Chandra Shekhar Azad,Bhagat Singh,Raj guru. Why Gandhi photo is on the Indian currency? And now after all his truth his MAHATMA should be taken off from his name.
क्या आप जानते हैं?गांधीजी को राष्ट्रपिता कहकर किन महान नेताजी ने संबोधित किया था जवाब है नेताजी सुभाषचंद्रजी बोस।रविंद्रनाथ ठाकुर जी जैसे महापुरुष ने गांधीजी को महात्मा कहा था।लोहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल डा.राजेंद्रप्रसाद देशबंधु चितरंजन दास और भी अनेक भारतमाता और भारत भूमि की महान संतानों में उस 1920 से लेकर 1948 तक अखंड भारतभूमि के सपूत गांधीजी के अनुयायियों में से थे उस समय गांधीजी से कुछ महान नेताओं का वैचारिक मतभेद था उसके बावजूद वो गांधीजी का सम्मान करते थे। जय श्रीकृष्ण राधे राधे जय सियाराम नमः शिवाय। नमामि देवी नर्मदे नारायण नारायण।
गांधीजी ने 36वर्ष की आयु ने ब्रह्मचर्य का व्रत ले लिया था।गांधीजी ने अपना जीवन खुली किताब की तरह था।निश्चित रूप से उनसे कोई गलतियां हुई होगी जिससे स्वतंत्रता संग्राम के इस नायक को आज एक खलनायक की तरह प्रस्तुत किया जाता है।सत्यता को जाने बगैर उनके बारे में जिसको जो समझ में आता है वो गांधीजी में बुराइयां ढूंढना शुरू कर देता है।यदि गांधीजी इतने ही बुरे होते तो आज उनकी मृत्यु के 76वर्ष पश्चात भी उनकी चर्चा होती है।मेरे जैसा व्यक्ति की मृत्यु के दस दिन बाद ही मेरे जानने वाले मुझे भूल जाएंगे।आज 70 से अधिक देशों में उनकी मूर्तियां मुख्य चौराहों पर लगी है।वे विश्व के एकमात्र व्यक्ति हैं जिन्हें दुनिया भर के अधिकांश देशों के अधिकांश लोग उन्हें जानते है सम्मान करते है और उनकी कईं शिक्षा और सिद्धांतों को आत्मसात करते हैं।बिना सोचे विचारे जाने किसी को भी व्यर्थ बदनाम करना और निंदा करना उचित नहीं। जय श्रीकृष्ण राधे राधे जय सियाराम नमः शिवाय।नमामि देवी नर्मदे नारायण नारायण।
शादी हो गई, बच्चे भी हो गए फिर उस उम्र में ब्रह्मचर्य (?) के प्रयोग की क्या जरूरत आन पड़ी, और वह भी सिर्फ अपनी पोती के साथ? गांधी का यह प्रयोग अन्य स्त्रियों के साथ भी चलता रहा था? ईसे व्यभिचार भी तो कहा जा सकता है। और इस प्रयोग (?) का परिणाम क्या आया इस पर गांधी चुप है। ऐसी व्यक्ति को महात्मा या राष्ट्रपिता तो दूर मैं सात्विक मानव भी नहीं मानता।
कुछ हद्दपार राजनीतिज्ञ धर्मसंस्कृती का उपयोग किया कुछ वर्ग के साथ अन्याय भी किया चातुर्वर्ण्य unko जाती प्रथा उच्च नीच कबुल था जो सामाजिक अन्याय था unka ब्रह्मचर्य उसने ढोंगी अन्याय अत्याचार था महिलावर्ग के साथ