एंडोस्कोपी और सोनोग्राफी में अंतर :-
एंडोस्कोपी -
एंडोस्कोपी जांच में शरीर में एक पतली नली डाली जाती है जिसके अगले हिस्से पर एंडोस्कोप कैमरा लगा होता है। ये कैमरा आपके शरीर के अंदरूनी अंगों की तस्वीर लेता है, जिसे सीधे मॉनीटर पर देखा जा सकता है। इसका अर्थ है कि एंडोस्कोपी जांच का मतलब है शरीर के अंदर देखना।
जब शरीर के अंदर कोई परेशानी या संक्रमण होता है या मरीज में कोई ऐसे लक्षण दिखते हैं, जिन्हें ऊपर से देखकर डॉक्टर नहीं समझ पाते हैं, तो एंडोस्कोपी जांच के लिए कहते हैं।
सोनोग्राफी-
सोनोग्राफी एक टेस्ट परिक्रिया है यह टेक्स्ट गर्भवती महिला को गर्भावस्था के दौरान किया जाता है जिसे अल्ट्रासाउंड टेस्ट भी कहा जाता है और यह अल्ट्रासाउंड टेस्ट एक मशीन के द्वारा किया जाता है अल्ट्रासाउंड मशीन के द्वारा उच्च आवृत्ति वाली तरंगों का उपयोग करके गर्भवती महिला के पेट और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे को चित्रित किया जाता है जिससे बच्चे और नाल के चित्र (सोनोग्राम) बनते हैं लेकिन वैसे तो अल्ट्रासाउंड और सोनोग्राम शब्द तकनीकी रूप से अलग है लेकिन इन दोनों नामो का इस्तेमाल सिर्फ एक ही काम के लिए किया जाता है.
अल्ट्रासाउंड स्कैन का इस्तेमाल पिछले कई सालों से किया जा रहा है। मगर तब से लेकर आज तक यह बहस जारी है कि गर्भावस्था के दौरान कितनी बार अल्ट्रासाउंड करवाना सुरक्षित है। हालांकि, ऐसे कोई प्रमाण उपलब्ध नहीं है, जो बताते हों कि स्कैन से आपके शिशु को नुकसान पहुंच सकता है। अल्ट्रासाउंड स्कैन पिछले 10 सालों की तुलना में आज काफी ज्यादा इस्तेमाल किए जाते हैं। बिना किसी जटिलता वाली सामान्य प्रेगनेंसी में भी पांच स्कैन करवाना एकदम साधारण बात है।
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Dr. Arvind Namdeo
MBBS, MD (MEDICINE)
DNB (GASTROENTEROLOGY)
Gastroenterologist, hepatologist, interventional endoscopist and endosonologist
Director - Shivalaya Hospital, 58,Sumitra parisar, Kolar Rd, Bhopal, Madhya Pradesh 462042
Ph.No. : 0755-2924400
Dr. Arvind Namdeo Contact - 6262106767
Video Credits - Brain Wrain Advertising [+91-8770188395]
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17 июн 2022