आज की न्यूज़ सबसे अधिक अच्छी लगी भाई हमारी आने वाली पीढ़ी को पता तो चले हमारे पूर्वजों ने ताकत से भरपूर कैसी कैसी सब्जी खाई है ओर हम सभी आज केमिकल वाली सब्जियों को खा कर आधी ज़िंदगी जी रहे हैं❤🙏🙏पत्रकार महोदय आपको प्रणाम🙏🙏❤
सिर्फ बस्तर नही छत्तीसगढ़ में जहां भी जंगल है वहा पाए जाते है हमारे रायगढ़ और सरगुजा ने बहुतायत में पाया जाता है और इसकी कीमत इस साल 200,300 है आज से पांच साल पहले तक 20,30 रुपए किलो होता था
तिवारी जी आपसे एक गुजारिश है की एक नया लड़का बस्तर के गांव का पत्रकारिता में कदम रख रहा है, मैने उनमें पत्रकारिता के प्रति उनमें लगन देखे है, हालाकि उसकी भाषा, ऑडियो क्याइलिटी और पत्रकारिता के गुण नही के बराबर है लेकिन फिर भी आप बस उनको अपना मार्गदर्शन या पत्रकारिता का ज्ञान दे देना, वो मेरा कोई लगता नही है, बस्तर की आवाज नाम से चैनल चलाता है परसो के मुठभेड़ की ग्राउंड रिपोर्टिंग में मैने उनके चैनल में आप को देखा । और आप उसके पत्रकारिता को देख रहे थे ।
भैया जी मैं कोंडागांव जिले से हूँ । हमारे गाँव तरफ बोड़ा बहुत निकलता है हमलोग चाकू से नहीं निकालते,इस से बोड़ा कट जाता है हम तो लकड़ी से छोटा- छोटा नोंक वाला डंडा बनाके निकालते हैं। मुझे तो निकालने में बहुत मजा आता है।
This mushroom is a gift from monsoon. This mushroom just cracks the soil above it, giving a sign of its presence. This is abundantly available in forest area of Odisha also. The best taste it gives when prepared inside chulha wrapped with banana or saal leave, spice paste based on mustard or puppy seeds. Thank you.
सरई पेड़ के नीचे से निकलता है बोड़ा, स्वाद सभी का बराबर होता है। आप जो मूल्य बता रहे हो वो बहुत अधिक है। भारत के विभिन्न शहरी क्षेत्रों में इसका औसत मूल्य रू 600 किलो से अधिक नहीं है। 😊
Isko pura Kahate Hain bhaiya Madhya Pradesh mein Madhya Pradesh ke Balaghat Jile mein bahut paya jata hai 45000 kilo Nahin yah Mushkil se 500 se Rs 600 kilo Mein Hamare Yahan Balaghat Mein Mil Jata Hai