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बौद्ध और जैनों से पहले भारत में कौन सा धर्म प्रचलित था • History Of India • Hamara Ateet • 

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प्राचीन इतिहास PDF - imojo.in/1f6sRUD
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इस वीडियो के अंदर मैंने आपके प्रश्नों के उत्तर दिए हैं। पिछले वीडियो में जितने भी आप लोगों ने प्रश्न पूछे थे उनमें से जो महत्वपूर्ण प्रश्न थे उन प्रश्नों के उत्तर मैंने इस वीडियो के अंदर दिए हैं । इस वीडियो को पूरा देखो इसमें मैंने बहुत ही महत्वपूर्ण प्रश्नों की चर्चा की है ।
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10 сен 2024

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Комментарии : 384   
@dharmchandsethiajain8629
@dharmchandsethiajain8629 6 месяцев назад
श्रमण परम्परा जैन एवं बौद्ध दोनोंका शाश्वत आधार है श्रमण परम्परा को समझ ने के लिए जैन दर्शन भी पढना आवश्यक है।
@vijaykumar-9026
@vijaykumar-9026 11 месяцев назад
चलो धम्म की ओर 🙏🙏बाबासाहेब का यही सन्देश 😍😍😍14oct 1956🙏
@nareshganwre6603
@nareshganwre6603 11 месяцев назад
जय भीम, नमो बुधाय 🙏🙏🙏
@sushmashinkar2535
@sushmashinkar2535 11 месяцев назад
Namo budhay❤
@vijaykumar-9026
@vijaykumar-9026 11 месяцев назад
नमो बुद्धाय जय भीम भाई 😍😍
@vijaykumar-9026
@vijaykumar-9026 11 месяцев назад
​@@nareshganwre6603जय भीम नमो बुद्धाय चलो बुद्ध की ओर 🌹🌹
@vijaykumar-9026
@vijaykumar-9026 11 месяцев назад
​@@sushmashinkar2535नमो बुद्धाय 😍😍
@arjunghale1456
@arjunghale1456 11 месяцев назад
नमाे बुद्धाय 🙏🙏🙏 जय भिम 🌷जय शंबिधान ।
@mulnivasiuday5957
@mulnivasiuday5957 11 месяцев назад
पूरे विश्व में बौद्ध धम्म ही वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित है जो कि मानवता पर आधारित है
@keshavkumaryadav4154
@keshavkumaryadav4154 11 месяцев назад
आदिवासी मे बुढा देव को प्रमुख देव माना जाता है क्या ये budhdha ही है जो बाद मे बुढा देव नाम परिवर्तित हो गए..sir plz reply
@VICTOR-ok3mg
@VICTOR-ok3mg 11 месяцев назад
सर हिंदू धर्म के ग्रंथो के अनुसार मूर्ति पूजा, मंदिर बनाना ये सब हिंदु धर्म का हिस्सा नहि है तो हिंदु लोग मूर्ति कबसे पूजने लगे मंदिर कबसे बनाने लगे, क्या ये सब इन्होंने बौद्ध धम्म को कब्ज़ा किया है उनकी मूर्ति, मंदिर विहार आदि पर????
@outofthebox6137
@outofthebox6137 11 месяцев назад
सर प्राचीन भारत का विदेशो में व्यापार होता था तो वो उनके पुराने किताबो या ग्रंथो में भारत का उल्लेख तो होगा की वो कैसा और कौन था
@swapnil8453
@swapnil8453 11 месяцев назад
नमस्कार Hamara Atit Sir हमारा ग्यान वर्धन के लिए ह्रदय से आभारी हूँ अपने परिवार के साथ!
@yash137buddhist
@yash137buddhist 11 месяцев назад
Dhammachakra pravartan din ki hardik shubhkamnaye ☸️🙏🌷
@atulnagvanshi477
@atulnagvanshi477 11 месяцев назад
Jay bhim Namo budhhay from madhya pradesh 🙏
@anilmukhekar2526
@anilmukhekar2526 11 месяцев назад
सर ये ब्राह्मणवाद इतना बलशाली क्यो हुवा ? और लोग उसिको क्यो मानणे लगे ?
@RDOGRA
@RDOGRA 5 месяцев назад
vedeoसुनकर बहत अच्छा लगा ! सच्चे इतिहास के लिए धन्यवाद !
@user-dr3wc7pu2u
@user-dr3wc7pu2u 11 месяцев назад
सर जी में एक आदिवासी मीना कबीला से आता हो जिस गण चिन्ह के नाम मछ यानी मछली है जिस के नाम से पूर्वी राजस्थान की अरावली पर्वतमाला को मत्स्य जनपत का नाम आदिकाल में मिला था जिस की राजधानी विराट नगर थी मेरा गण चिन्ह मछ यानी मछली है इसी प्रकार पूरे देश मे मूल लोगो के अलग अलग कबीलों के अलग अलग गण चिन्ह है जिन को इन वैदिक गपोड़ी लोगो भगवान बना रखे हैं आप से मुझे यह जानना है कि इस जम्भूदीप मे मूलनिवासियों की गण वेवस्था सुरु प्रथम कब बनी थी और कुल कितने कबीले थे जय जौहर जय विश्वगुरु बुद्ध की
@aerrojukrishnamachary9217
@aerrojukrishnamachary9217 10 месяцев назад
संस्कृत भाषा तो बहुत प्राचीन है।
@swatilohar2319
@swatilohar2319 8 месяцев назад
हम सब मनुष्य प्राणी है l पर्यावरण का एक छोटासा कण है l यह एक बात सत्य है l धर्म आयेंगे और, और भी नये बनेंगे l अच्छा है कि नया कुछ सिखे l पुराणे विचार सिर्फ मार्गदर्शक है l सभी धर्म हमे कुछ अच्छी बाते सिखाते है l यह बाते हमारे शाश्वत विकास के लिए काम आयेंगी l तो कौन पहले और कौन बादमें इससे अच्छा इनके अच्छे विचार मिलाकार उनपे चर्चा हो तो सबसे अच्छा है.. धन्यवाद
@teamabhigoyat
@teamabhigoyat 11 месяцев назад
सर एक प्रश्न है दिमाग में, क्या जो कुछ पुस्तक हैं जैसे ''बौद्ध भिक्षु चीनी यात्री इतसिंग की भारत यात्रा '' और " अलबरूनी का भारत " । क्या ये पुस्तक भारत सरकार के द्वारा मान्यता प्राप्त हैं?
@pranitbhisade3174
@pranitbhisade3174 11 месяцев назад
कृपया क्या आप हमे अजंठा ओर एलोरा ( वेरूळ) के शिल्पगूफा के बारे मे विस्रुत जाणकारी दे सकते हैं , बुद्ध धर्म के विस्तार से पतन तक और हिंदु धर्म के जन्म से विस्तार तक .
@Deepakkumar-tn1no
@Deepakkumar-tn1no 11 месяцев назад
Awesome question answer.😊
@ARVINDKUMAR-if9er
@ARVINDKUMAR-if9er 11 месяцев назад
क्या महावीर और बुद्ध आपस में मिले थे??
@sanjayjadhav3981
@sanjayjadhav3981 11 месяцев назад
☸️👌💯%✔️संशोधित ऐतिहासिक सत्य है ! बुध्द ही मुलनिवासी भारतीयो की असली ऐतिहासिक विरासत है ! जयभीम ! नमो बुध्दाय !🇮🇳❤🙏
@manojkumaryadav6409
@manojkumaryadav6409 8 месяцев назад
आपने सारे प्रश्नों के जवाब बहुत अच्छे से दिए , धन्यवाद।
@jugulkishor9797
@jugulkishor9797 10 месяцев назад
❤❤❤❤❤Namo Buddhay Buddhamay Bharatvarsh JAI Samvidhan JAI Bhim JAI vigyan JAI Kisan JAI Jawan sadhu sadhu sadhu bhavatu Sabba Mangalang ❤❤❤❤❤
@lakshaykumar7366
@lakshaykumar7366 9 месяцев назад
Aapne ye kha ki hindu dharm budh ki shakha but i think budh hi sanatan ki shakha h
@satyawannasir4984
@satyawannasir4984 6 месяцев назад
Nice information sir ji.
@neeshabagde1838
@neeshabagde1838 11 месяцев назад
Bharat me buddha ka dhamm hi sanatan hai satya hai Babasaheb ji 14 oct 1956 ko buddha dhamm ki diksha diye Nmo Buddha🙏 jai bhim🙏 jai samrat Ashok 🙏 jai buddhist nagvanshi mulnivasi🙏
@arunmeshram1323
@arunmeshram1323 11 месяцев назад
सर आपकी जानकारी से बहोत अंगार लगती है लोगों को। ये लोग आपकी जानकारी को हजम नहीं कर सकते।आपका बहुत बहुत धन्यवाद सर।
@abdullatif5811
@abdullatif5811 6 месяцев назад
बोहत ही अच्छी जानकारी अलग मान्यता की मिली । मैने पहली बार सुना। अब हमेशा सुनूगा। बोहत बोहत धन्यवाद
@prakashnandurgekar-yw5hk
@prakashnandurgekar-yw5hk 7 месяцев назад
Thank sir..for your. Old imformetion.this is helde to India.
@hemantkumarchanchal1311
@hemantkumarchanchal1311 11 месяцев назад
ज्ञान वर्धन करने के लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद
@President233
@President233 11 месяцев назад
जानिये किस देश के है संघ संचालक और संस्थापक चितपावन ब्राह्मण आरएसएस की स्थापना चितपावन ब्राह्मणों ने की और इसके ज्यादातर सरसंघचलक अर्थात् मुखिया अब तक सिर्फ चितपावन ब्राह्मण होते आए हैं. क्या आप जानते हैं ये चितपावन ब्राह्मण कौन होते हैं ? चितपावन ब्राह्मण भारत के पश्चिमी किनारे स्थित कोंकण के निवासी हैं. 18वीं शताब्दी तक चितपावन ब्राह्मणों को देशस्थ ब्राह्मणों द्वारा निम्न स्तर का समझा जाता था. यहां तक कि देशस्थ ब्राह्मण नासिक और गोदावरी स्थित घाटों को भी पेशवा समेत समस्त चितपावन ब्राह्मणों को उपयोग नहीं करने देते थे. दरअसल कोंकण वह इलाका है जिसे मध्यकाल में विदशों से आने वाले तमाम समूहों ने अपना निवास बनाया जिनमें पारसी, बेने इज़राइली, कुडालदेशकर गौड़ ब्राह्मण, कोंकणी सारस्वत ब्राह्मण और चितपावन ब्राह्मण, जो सबसे अंत में भारत आए, प्रमुख हैं. आज भी भारत की महानगरी मुंबई के कोलाबा में रहने वाले बेन इज़राइली लोगों की लोककथाओं में इस बात का जिक्र आता है कि चितपावन ब्राह्मण उन्हीं 14 इज़राइली यहूदियों के खानदान से हैं जो किसी समय कोंकण के तट पर आए थे. चितपावन ब्राह्मणों के बारे में 1707 से पहले बहुत कम जानकारी मिलती है. इसी समय के आसपास चितपावन ब्राह्मणों में से एक बालाजी विश्वनाथ भट्ट रत्नागिरी से चलकर पुणे सतारा क्षेत्र में पहुँचा. उसने किसी तरह छत्रपति शाहूजी का दिल जीत लिया और शाहूजी ने प्रसन्न होकर बालाजी विश्वनाथ भट्ट को अपना पेशवा यानी कि प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया. यहीं से चितपावन ब्राह्मणों ने सत्ता पर पकड़ बनानी शुरू कर दी क्योंकि वह समझ गए थे कि सत्ता पर पकड़ बनाए रखना बहुत जरुरी है. मराठा साम्राज्य का अंत होने तक पेशवा का पद इसी चितपावन ब्राह्मण बालाजी विश्वनाथ भट्ट के परिवार के पास रहा. एक चितपावन ब्राह्मण के मराठा साम्राज्य का पेशवा बन जाने का असर यह हुआ कि कोंकण से चितपावन ब्राह्मणों ने बड़ी संख्या में पुणे आना शुरू कर दिया जहाँ उन्हें महत्वपूर्ण पदों पर बैठाया जाने लगा. चितपावन ब्राह्मणों को न सिर्फ मुफ़्त में जमीनें आबंटित की गईं बल्कि उन्हें तमाम करों से भी मुक्ति प्राप्त थी. चितपावन ब्राह्मणों ने अपनी जाति को सामाजिक और आर्थिक रूप से ऊपर उठाने के इस अभियान में जबरदस्त भ्रष्टाचार किया. इतिहासकारों के अनुसार 1818 में मराठा साम्राज्य के पतन का यह प्रमुख कारण था. रिचर्ड मैक्सवेल ने लिखा है कि राजनीतिक अवसर मिलने पर सामाजिक स्तर में ऊपर उठने का यह बेजोड़ उदाहरण है. (Richard Maxwell Eaton. A social history of the Deccan, 1300-1761: eight Indian lives, Volume 1. p. 192) चितपावन ब्राह्मणों की भाषा भी इस देश के भाषा परिवार से नहीं मिलती थी. 1940 तक ज्यादातर कोंकणी चितपावन ब्राह्मण अपने घरों में चितपावनी कोंकणी बोली बोलते थे जो उस समय तेजी से विलुप्त होती बोलियों में शुमार थी. आश्चर्यजनक रूप से चितपावन ब्राह्मणों ने इस बोली को बचाने का कोई प्रयास नहीं किया. उद्देश्य उनका सिर्फ एक ही था कि खुद को मुख्यधारा में स्थापित कर उच्च स्थान पर काबिज़ हुआ जाए. खुद को बदलने में चितपावन ब्राह्मण कितने माहिर हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अंग्रेजों ने जब देश में इंग्लिश एजुकेशन की शुरुआत की तो इंग्लिश मीडियम स्कूलों में अपने बच्चों का दाखिला कराने वालों में चितपावन ब्राह्मण सबसे आगे थे. इस तरह अत्यंत कम जनसंख्या वाले चितपावन ब्राह्मणों ने, जो मूलरूप से इज़राइली यहूदी थे, न सिर्फ इस देश में खुद को स्थापित किया बल्कि आरएसएस नाम का संगठन बना कर वर्तमान में देश के नीति नियंत्रण करने की स्थिति तक खुद को पहुँचाया,
@VICTOR-ok3mg
@VICTOR-ok3mg 11 месяцев назад
Sir long video chahiye 40 minutes ki 😅😊
@HamaraAteet
@HamaraAteet 11 месяцев назад
लम्बी वीडियो मंगलवार को मिलेगी | ये प्रश्न उत्तर वाली वीडियो है |
@adityamishra9975
@adityamishra9975 8 месяцев назад
Kripya Devraha baba par video banayen wo bhi nagna hi Raha karte the aur umra bhi bahut thi Kripya uttar dijiye🙏
@SunilKumar-rb7ck
@SunilKumar-rb7ck 11 месяцев назад
जय भीम नमो बुद्धय सर, आप की वीडियो से मुझे बहुत अधिक जानकारी मिलती है| आप की वीडियो देख कर जब में अपनी university के प्रोफेसर के सामने प्रश्न करता हूं तो वो मुझे जवाब नहीं देते मुझ पर गुस्सा हो जाते हैं| सभी प्रोफेसरों की जाति ब्राह्मण हैं
@stock.92
@stock.92 11 месяцев назад
Right
@satishsingh8979
@satishsingh8979 11 месяцев назад
इण्डिका के अनुसार सिन्धु नदी के पश्चिमी भाग को आर्यावर्त कहते थे l क्या इसका अर्थ यह हुआ कि उस भाग में वैदिक सभ्यता थी?
@ASHOK251058
@ASHOK251058 11 месяцев назад
Sir आप कितना महान काम कर रहे हैं शायद आपको भी नहीं पता। 🙏🙏🙏 आपसे निवेदन है की आप तिरुपति बाला जी के मंदिर के बारे में एक वीडियो बनाएं। मेरे रिसर्च के अनुसार यह जैन मंदिर है। 🙏🙏❤️❤️❤️❤️
@ajivaklok
@ajivaklok 11 месяцев назад
आपने मक्खली गोसल की आजीवक परंपरा का कहीं नाम नहीं लिया। क्या वे बुद्ध , जैन और ब्रह्मण के समकालीन नहीं थे। आखिर आजीवक परंपरा क्या थी और वह बुद्ध और जैनों से कैसे भिन्न थी।
@VICTOR-ok3mg
@VICTOR-ok3mg 11 месяцев назад
उपाध्याय, महायपाध्याय, चटोपाध्याय , पंडित आदि क्या ये सब ब्राह्मण के सरनेम है या नालंदा में बौद्ध भिक्षु गुरु को मिलने वाली उपाधि, क्या ब्राह्मणों ने ये सब चोरी किया है,,, प्राचीन भारत में ब्रह्मण कोनसा सरनेम लगाते थे???
@malharpawar1722
@malharpawar1722 11 месяцев назад
Thank you sir for great video
@shrinivaspandey1935
@shrinivaspandey1935 9 месяцев назад
बौद्ध , जैन और वैदिक - ये तीनों ही धर्म अनादि हैं अनन्त हैं और एक ही हैं। ये भगवान् बुद्ध , भगवान् महावीर और भगवान् शंकराचार्य का मानना है ।
@vishwakarmasharma2860
@vishwakarmasharma2860 11 месяцев назад
आपको नमस्कार सर 🙏🙏 इतनी सच्चाई दिखाने के लिए अपेक्षित अहर्ताएं आपके पास पर्याप्त है और विश्वास के साथ आप दिखाते भी हैं।
@santaniii33
@santaniii33 11 месяцев назад
सर, क्या यह सत्य है की जैनियों के सारे ग्रंथ ८वीं सताब्दी के बाद ही लिखे गए हैं और क्या उनके सारे ग्रंथ कागज पर ही लिखे गए
@inderjeetsinghmehra381
@inderjeetsinghmehra381 10 месяцев назад
Excellent Explanation, Best Wishes. Jai Bhim 🙏🙏💐💐
@nareshganwre6603
@nareshganwre6603 11 месяцев назад
जब से आपके वीडियो को देखना शुरू किया हूं तब से मैं आपके कोई भी वीडियो मिस नहीं करता हूं। धन्यवाद! इसी तरह नए नए जानकारी बनाते रहिए 🙏🙏🙏
@prashantsalve9601
@prashantsalve9601 11 месяцев назад
बहुत सुंदर जानकारी दी गई है ❤
@sanjeevjain1160
@sanjeevjain1160 9 месяцев назад
जैन धर्म में तिलक सिर्फ चंदन का ही लगाय जाता ये चित यानी मन को शांत करता है
@ravindradodia123
@ravindradodia123 Месяц назад
भारत एक खिचड़ी है जिसमें से सत्य नाम के चावल को अलग अलग करके आपने उत्तम कार्य किया है। यह बिल्कुल ऐसा ही है जैसे दूध में से पानी अलग करना।
@dipakmanek7839
@dipakmanek7839 11 месяцев назад
मैने बाबा साहब की बुद्ध और उनका धम्म पढ़ी है, उसमे उन्होंने बुद्ध को सांख्य दर्शन के प्रवर्तक आलार कलाम से मिलने की घटना को दर्शाया है तो मेरा प्रश्न यह है की सांख्य वैदिक काल के षष्ट दर्शनों में गिना जाता है तो क्या उनसे वैदिक काल की प्रामाणिकता साबित नही होती?
@princepalbaghela
@princepalbaghela 11 месяцев назад
Sir mujha Jana h ki Greek Indian or iran bharma ka bharma toh kaise pta karu khuch advice please
@user-te1gg4hr2e
@user-te1gg4hr2e 11 месяцев назад
Sabse prachin Dharm hai Gautam Buddha ka dharm jai bhim jai savidhan jai budhay
@likeshchand993
@likeshchand993 11 месяцев назад
धन्य है वह जीवन जो सत्य को समर्पित है।
@santoshmandrai8113
@santoshmandrai8113 5 месяцев назад
Hamare yaha bhi dewas jile nemaver sidhhnath maheshwer okareshwer mandir me upar bhagwan budhh k char muh bane mandir k upari chhor par apne bola tha sir mene ghor karke dekha aapki sahi bat hai dhanyawad sir jankari dene ke liye
@shubhsingh1966
@shubhsingh1966 11 месяцев назад
Chatrapati Sabhaji Maharaj ko kya brahmano ne tadpa tadpa kr maara tha Unke marne ke baad peshwa bramhan itne takatwar kaise ho gye
@manishdhunk
@manishdhunk 11 месяцев назад
Sir plz elebroate a bit about tirupati balaji mandir tirupati
@nareshganwre6603
@nareshganwre6603 11 месяцев назад
एएसआई के सभी लोग पूर्वाग्रह से ग्रसित होते हैं तो वे कैसे सच्ची इतिहास और सबूत पेश करेंगे?
@atulnagvanshi477
@atulnagvanshi477 11 месяцев назад
सर आप ने मेरे सवाल का जवाब नही दिया क्या बलाई, मेघवाल जाती नागवंशी लोग है क्योकि balai jati me बहुत से गोत्रों ने नाग शब्द का यूज़ होता है और इनका इतिहास क्या है और बलाई जाती नाम होने के बावजूद इन लोगो को डेढ़,डेढ़गया नाम से चिड़ाते है सर इस baat पर जरूर जवाब दे??????
@drmpsinha6461
@drmpsinha6461 6 месяцев назад
धर्म एक दिन , एक माह या एक वर्ष में नहीं बनता है । यह संस्कृति का अंग है । प्रत्येक समाज अपने सदस्यों के सार्वजनिक हित के लिए नियम बनाता है और कहता है कि ये नियम देवों द्वारा बनाए गए हैं । आदिम अवस्था में कुछ नियम प्रत्येक समूह ने बनाया और कहा कि ये नियम ईश्वर द्वारा बनाए गए हैं । ईश्वर की पूजा करो और उनके द्वारा बनाए गए नियमों का पालन करो । चूंकि धर्म सत्ता पर आरूढ़ व्यक्तियों द्वारा बनाया जाता है इसका रूप बदलता रहता है। । उदाहरणार्थ वैदिक धर्म और आज का सनातन धर्म । दोनों ने बहुत अंतर है । ऋग्वेद में इंद्र सर्वश्रेष्ठ देवता हैं और आज उन्हें विलासी और पापाचारी देवता माना जाता है । उदाहरणार्थ अहल्या का शील हरण ।
@Anti-ಬೂರ್ಜ್ವಾ
@Anti-ಬೂರ್ಜ್ವಾ 11 месяцев назад
28 बुद्ध के समकालीन प्रमाण क्या है?
@Quotes2zindgi
@Quotes2zindgi 8 месяцев назад
फिर तो वेद , जो कि संस्कृत में लिखे गए थे उनकी रचना अशोक के बाद हुई होगी । इससे वो सारे तर्क गलत मान लेना चाहिए जो संस्कृत विश्व की प्राचीनतम भाषा बताते हैं । जैसे - ऋग्वेद की जिंद ए अवेस्ता से समानता ।
@RaviSingh-no9sh
@RaviSingh-no9sh 5 месяцев назад
बहुत सही
@mansri9035
@mansri9035 11 месяцев назад
मेरा प्रश्न लेने के लिए कोटि कोटि धन्यवाद गुरुजी।।। ❤❤❤
@subhshchandradomkundwar5156
@subhshchandradomkundwar5156 11 месяцев назад
Sir , Ashvghosh ka kalkhand btadijiye .
@Sawaaltobantahairks
@Sawaaltobantahairks 8 месяцев назад
जानकारी तार्किक है धार्मिक इतिहास को और अधिक विस्तृत रूप से समझना होगा
@mayurkokate3172
@mayurkokate3172 11 месяцев назад
वेद कब लिखे गए, और किन लोगने वेद लिखें?
@sukiti2023
@sukiti2023 11 месяцев назад
Pantheism समन संस्कृती से पुराना धर्म है? कया इसके कुछ सबुत मिलते? शंकराचार्य और pantheism कुछ संबंध है सर जरूर बताइऐ
@Indus599
@Indus599 11 месяцев назад
गुजरात में" दलित ब्रामहिन" होते है, और वह दूसरे राज्यों से आए obc और सवर्ण जातियों के यहां कर्मकांड करके चले आते है, उनलोगो को पता भी नहीं चलता, 😅😊😮
@santaniii33
@santaniii33 11 месяцев назад
सर , भारत में ८वीं शताब्दी के बाद धर्मो के उदय, वेदांत के निराकार ब्रह्म व अल्लाह की निराकार अवधारणा के बीच क्या संबंध है?
@aadishjain6396
@aadishjain6396 11 месяцев назад
Duniya ka sabse prachin Jain dharam ko shramano ka dharam bhi kaha jata hai. Shraman parampara mai digambar swaroop ko pujniye mana gaya hai. Jain aur bodh dono hi shraman parampara se aate hai.vedic parampara mai bhi pratham tirthankar bhagwan rishbhdev aur gautam budh ko vishnu ka avtar mana gaya hai.kul mila kar Hum sab ek hi hai.
@ramkalramkal8109
@ramkalramkal8109 5 месяцев назад
Bahut bahut dhanyvad aapane bahut Achcha Baat sunaya
@predeepkeshari9864
@predeepkeshari9864 11 месяцев назад
Bahut hi sarl tarike se aap ne rakhi ham na samjhe to hamari glati naman aap ke khoj Or bhram ko dur karne ke liye
@271rutikganvir7
@271rutikganvir7 11 месяцев назад
When does aryans invaded india? What kind of/form of language do Aryans spoke at the time? Leaving hunas descendants exception which Aryans/brahmins are more liberal in present India.
@marutikadam2851
@marutikadam2851 10 месяцев назад
Bahut hi achha hai dharma ke bare main jankari huvi bharmin kabhi uleak nai Kiya
@bhagynaraynkumar7828
@bhagynaraynkumar7828 11 месяцев назад
Namaste sir bahut achhi jankari di aapne
@babanshankarlande4777
@babanshankarlande4777 8 месяцев назад
नमो बुद्ध l नमो नमः ll 🙏
@Aryafact000
@Aryafact000 11 месяцев назад
गुरु जी मेरे दिमाग में एक उलझन है कुछ लोग ये बोलते है के बुध एक काल्पनिक पात्र है जो अशोक के द्वारा गाढ़ा गया है बुद्ध के अशोक के पहले कोई प्रमाण नई मिलते है उनके प्रमाण अशोक के बाद ही मिलते है और उनसे अगर बोलो के मेगस्थनीज की इंडिका में उनका जिक्र है तो वो लोग बोलते है के जो मेगस्थनीज की इंडीका है उसमे जो बुध का उल्लेख है वो बहुत बाद के लेखक एरियन ने किया है जो बहुत बाद का 1AD या 2AD का लेखक है । सर प्लीज एक वीडियो बुध के समकालीन जो उनके आर्कोलॉजिकल सबूत मिले है उस पर बनाईये और बहुत डिटेल्स में बनाए ताकि किछु लोगों के ये बोलने का मौका न मिले के बुध काल्पनिक पात्र है
@sureshkumarjjj5045
@sureshkumarjjj5045 11 месяцев назад
पिपरहवा‌ स्तूप से बुद्ध की अस्थियां मिल चुकी है तथा उस पर लेख भी लिखा है और बुद्ध का असली नाम सुकिति था।
@ajaytak5816
@ajaytak5816 10 месяцев назад
Mulnivasiyo ka Dhamm hi Bharat ka vastvik dharm h🙏🙏🙏🙏🙏Jai Bheem Namo Budhay
@kaushikmandal6404
@kaushikmandal6404 11 месяцев назад
Aapke bolne or samjhane ka tarika bahot saandar hai aapki aawaz bhi sunne me clear aata hai
@sasi0263
@sasi0263 6 месяцев назад
Hat's off to your enthusiastic work
@anamelessmonster
@anamelessmonster 11 месяцев назад
Bharat ke brahmono par ek video banaiye 🙏🏼
@nikulclasses5274
@nikulclasses5274 11 месяцев назад
Bharat k mulnivasi Brahman or Kshatriya kya SC St k sath rahenge
@drmpsinha6461
@drmpsinha6461 9 месяцев назад
सनातन धर्म नाम बाद में दिया गया है । बुद्ध ने यजुर्वेद में वर्णित बलि यानि निरीह प्राणियों को देवताओं को प्रसन्न करने के लिए बलि देने का विरोध किया।
@netrammeena6658
@netrammeena6658 11 месяцев назад
बहुत ही ज्ञानवर्द्धक जानकारी शानदार आपका बहुत बहुत आभार
@digambergulde7370
@digambergulde7370 10 месяцев назад
हम. डॉ बाबासाहेब आंबेडकर यांच्या. मार्गदर्शन. के अनुसार. बुद्ध को. जानते,मानते. और. समजते. है ईस अनुसाआर. आपकी. सभी. कहानिया. और. झूट मूठ. लगती है. आपके. धर्मानुसार. बहोतही. अन्याय. अत्त्याचार. करत़े. आये. अभी. सभीको आपकी. नितीया. हमे. मालुम. पडी. है. अभी. आप. बस. क्रेग. तो. अच्छा.होगा. जयभीम नमोबुद्धाय होगा.
@TrueIslamicMuslim
@TrueIslamicMuslim 8 месяцев назад
Vedic Arya Sanatan Dharm tha......
@shriramnivariya6004
@shriramnivariya6004 11 месяцев назад
आपने बहुत अच्छे जवाब दिए हैं ।
@ajitjain7899
@ajitjain7899 9 месяцев назад
very good
@jankilal-qc4ow
@jankilal-qc4ow 11 месяцев назад
Jai Hind Jai Bharat sir ji
@birendrakumaryadav7711
@birendrakumaryadav7711 4 месяца назад
Sir Budha Mokchh ya Atma ki mukti ke sidhant ke jagah Bodh Nirman ki sthapna ki Wo Nirman kya hai?
@akg4974
@akg4974 11 месяцев назад
Bahut hi badiya sir ji thankyou so much for letting us know our true history
@AkashGupta-qo2pk
@AkashGupta-qo2pk 11 месяцев назад
Ved kitna purana hai 196 0843000 ya ,3500 ya1464ad ka
@Anilkumar-yi4hk
@Anilkumar-yi4hk 5 месяцев назад
नमस्कार सर मैं ये जानना चाहता हु की बुद्ध ईश्वर और आत्म में विश्वास नहीं करते थे तो बौद्ध धम्म की अन्य जो भी सखाए बनी उनमें देवताओं की पूजा एवं तंत्र की उत्तपत्ति कैसे हुई समझने की कृपा करे
@santaniii33
@santaniii33 11 месяцев назад
सर, क्या जितिया बौद्ध त्यौहार है और क्या इसका संबंध आठवीं सताब्दी के विदेशी संघर्ष से है?
@navendumishra7639
@navendumishra7639 11 месяцев назад
सर क्या पारसी के अलावा यहूदी भी भारत में आए कृपया बताए🙏।
@President233
@President233 11 месяцев назад
Chitpavan Brahman Kou hai jaane जानिये किस देश के है संघ संचालक और संस्थापक चितपावन ब्राह्मण आरएसएस की स्थापना चितपावन ब्राह्मणों ने की और इसके ज्यादातर सरसंघचलक अर्थात् मुखिया अब तक सिर्फ चितपावन ब्राह्मण होते आए हैं. क्या आप जानते हैं ये चितपावन ब्राह्मण कौन होते हैं ? चितपावन ब्राह्मण भारत के पश्चिमी किनारे स्थित कोंकण के निवासी हैं. 18वीं शताब्दी तक चितपावन ब्राह्मणों को देशस्थ ब्राह्मणों द्वारा निम्न स्तर का समझा जाता था. यहां तक कि देशस्थ ब्राह्मण नासिक और गोदावरी स्थित घाटों को भी पेशवा समेत समस्त चितपावन ब्राह्मणों को उपयोग नहीं करने देते थे. दरअसल कोंकण वह इलाका है जिसे मध्यकाल में विदशों से आने वाले तमाम समूहों ने अपना निवास बनाया जिनमें पारसी, बेने इज़राइली, कुडालदेशकर गौड़ ब्राह्मण, कोंकणी सारस्वत ब्राह्मण और चितपावन ब्राह्मण, जो सबसे अंत में भारत आए, प्रमुख हैं. आज भी भारत की महानगरी मुंबई के कोलाबा में रहने वाले बेन इज़राइली लोगों की लोककथाओं में इस बात का जिक्र आता है कि चितपावन ब्राह्मण उन्हीं 14 इज़राइली यहूदियों के खानदान से हैं जो किसी समय कोंकण के तट पर आए थे. चितपावन ब्राह्मणों के बारे में 1707 से पहले बहुत कम जानकारी मिलती है. इसी समय के आसपास चितपावन ब्राह्मणों में से एक बालाजी विश्वनाथ भट्ट रत्नागिरी से चलकर पुणे सतारा क्षेत्र में पहुँचा. उसने किसी तरह छत्रपति शाहूजी का दिल जीत लिया और शाहूजी ने प्रसन्न होकर बालाजी विश्वनाथ भट्ट को अपना पेशवा यानी कि प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया. यहीं से चितपावन ब्राह्मणों ने सत्ता पर पकड़ बनानी शुरू कर दी क्योंकि वह समझ गए थे कि सत्ता पर पकड़ बनाए रखना बहुत जरुरी है. मराठा साम्राज्य का अंत होने तक पेशवा का पद इसी चितपावन ब्राह्मण बालाजी विश्वनाथ भट्ट के परिवार के पास रहा. एक चितपावन ब्राह्मण के मराठा साम्राज्य का पेशवा बन जाने का असर यह हुआ कि कोंकण से चितपावन ब्राह्मणों ने बड़ी संख्या में पुणे आना शुरू कर दिया जहाँ उन्हें महत्वपूर्ण पदों पर बैठाया जाने लगा. चितपावन ब्राह्मणों को न सिर्फ मुफ़्त में जमीनें आबंटित की गईं बल्कि उन्हें तमाम करों से भी मुक्ति प्राप्त थी. चितपावन ब्राह्मणों ने अपनी जाति को सामाजिक और आर्थिक रूप से ऊपर उठाने के इस अभियान में जबरदस्त भ्रष्टाचार किया. इतिहासकारों के अनुसार 1818 में मराठा साम्राज्य के पतन का यह प्रमुख कारण था. रिचर्ड मैक्सवेल ने लिखा है कि राजनीतिक अवसर मिलने पर सामाजिक स्तर में ऊपर उठने का यह बेजोड़ उदाहरण है. (Richard Maxwell Eaton. A social history of the Deccan, 1300-1761: eight Indian lives, Volume 1. p. 192) चितपावन ब्राह्मणों की भाषा भी इस देश के भाषा परिवार से नहीं मिलती थी. 1940 तक ज्यादातर कोंकणी चितपावन ब्राह्मण अपने घरों में चितपावनी कोंकणी बोली बोलते थे जो उस समय तेजी से विलुप्त होती बोलियों में शुमार थी. आश्चर्यजनक रूप से चितपावन ब्राह्मणों ने इस बोली को बचाने का कोई प्रयास नहीं किया. उद्देश्य उनका सिर्फ एक ही था कि खुद को मुख्यधारा में स्थापित कर उच्च स्थान पर काबिज़ हुआ जाए. खुद को बदलने में चितपावन ब्राह्मण कितने माहिर हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अंग्रेजों ने जब देश में इंग्लिश एजुकेशन की शुरुआत की तो इंग्लिश मीडियम स्कूलों में अपने बच्चों का दाखिला कराने वालों में चितपावन ब्राह्मण सबसे आगे थे. इस तरह अत्यंत कम जनसंख्या वाले चितपावन ब्राह्मणों ने, जो मूलरूप से इज़राइली यहूदी थे, न सिर्फ इस देश में खुद को स्थापित किया बल्कि आरएसएस नाम का संगठन बना कर वर्तमान में देश के नीति नियंत्रण करने की स्थिति तक खुद को पहुँचाया,
@The_New_Era123
@The_New_Era123 5 месяцев назад
हिन्दू कोई धर्म नही है, एक जीवन शैली है ये और सिंधु नदी के उस पार के लोगो को हिन्दू कहते है
@mamtakoli5662
@mamtakoli5662 11 месяцев назад
17:20 पर अपने कहा "भविष्यवाणी" हुई भविष्यवाणी देवताओं ने की या ज्योतिषाचार्य ने?
@HARSH-sf6pb
@HARSH-sf6pb 11 месяцев назад
sir bodh dharm ke rebirth ko explain kriye plzzz ye bda confusing hia or bhot alag bhi or kya ye rebirth after life wala hi hai ya iska mtlb alag hai ... plzzz ispr ek video
@amitkosa5387
@amitkosa5387 11 месяцев назад
lgta h tune sir ji purani video nhi dekhi, usme bta rkha h sir ne. boudhh dharam me rebirth nhi agla birth mante h or ye sb esi life me mana jata h nirwan bhi koi nya janam nhi hota
@santaniii33
@santaniii33 11 месяцев назад
सर गोत्र व्यस्था कब से आई, क्या देसियों ने कॉपी किया या विदेशियों ने, और कही खुद को पुराना साबित करने के लिए बौद्ध मुनियों को ही अपना गोत्र बना लिया गया कुछ लोगों ने
@utkarshsahu1016
@utkarshsahu1016 11 месяцев назад
बौद्ध और सनातन में प्राचीन धर्म कोन सा हे
@avinashyamgar3947
@avinashyamgar3947 11 месяцев назад
very informative.. too good sir, please provide the reference of charvak from scriptures
@pt-vc5ob
@pt-vc5ob 11 месяцев назад
आपक आभार । में कइ बार सोच रहा था की आपको गणेश जी के बारे में, विडियो बनाने के लिए विनती करना है। लेकिन आज इस विडियो में थोड़ा बहुत इसका उल्लेख हो गया है। पर फिरभी मेरे मन में ये सवाल है कि गणेश जी/ गणपति जी/ अष्टविनायक/ और अलग अलग दुसरे कइ नाम से जो हम एक ही देव को जानते हैं, वो शायद अलग अलग और अमुक प्रदेश के प्रादेशिक देवताओं है। और जो दक्षिण भारत में पूजन किया जाता है सुब्रह्मण्यम स्वामी, अयप्पन, कार्तिकेय उन देवताओं के बारे मैं भी ओरिजिनल इतिहास जानना चाहता हूँ, और ये सब देवताओं महादेव या शिव के साथ कैसे जुड़ें हुए है। 🙏🙏🙏🙏
@Priyanka-nk8xb
@Priyanka-nk8xb 8 месяцев назад
सर,, आपने पाहिले सवाल का जवाब बहुत ही सुंदर दिया है और इस पर एक पुरी किताब ही लिखी जा सकती है सर इस पर एक किताब जरूर लिखीये 🙏
@vijaysinghjatava9523
@vijaysinghjatava9523 11 месяцев назад
Bahut Bahut sadhuvad Sir
@NN94887
@NN94887 11 месяцев назад
क्या syllabus में कभी भारत का सही इतिहास आ पाएगा ??
Далее
Sigma Girl Pizza #funny #memes #comedy
00:14
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