दशानन रावण को घमण्ड हो गया था कि ओ बहुत बलशाली है और इंद्र को परास्त करके कैलाश पर्वत पर जाता है और भगवान शिव को ललकारने लगता है उसे पता नहीं है कि पूरे ब्रम्हांड के दाता हैं मानता नहीं है और शिव जी से लड़ने के लिए विवश कर देता फिर क्या भगवान क्रोध से लाल हो जाते हैं और रावण की जितनी शक्ति होती है सब लगा लेता है और शिव जी को कोई फर्क नहीं पड़ता है अंत में हार मान जाता है और भगवान से माफ़ी मांगने लगता है I
श्री ब्रह्मा विष्णु महेश ऐसा कहने से लगता है जैसे यह तीन अलग-अलग देव अथवा शक्तियां हैं परंतु यह सत्य नहीं है वास्तव में यह तीनों एक ही शक्ति के तीन रूप हैं असल में एक ही परम ब्रह्म परमात्मा है जिसकी इच्छा अथवा संकल्प से इस जगत की सृष्टि होती है उस सृष्टि का पालन होता है और फिर उसी सृष्टि का संघार हो जाता है एकमत ए भी है कि सारा संसार एक माया है यह उत्पत्ति का पालन या फिर सारा नाटक केवल माया का भ्रम है जैसे स्वप्न में देखा हुआ सत्य नहीं होता उसी प्रकार यह सारा संसार मिथ्या है केवल स्वप्न मात्र है I
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16 июл 2023