Тёмный

भगवद् गीता 🪷 अध्याय-2 श्लोक-1🙏 Gita sadhak-sanjivani chapter-2.1 

Spiritual & Natural World
Подписаться 300 тыс.
Просмотров 390
50% 1

#gitagyan,#sadhaksanjivani,#gitasar,#swamiramsukhdasji,
🪷🪷🪷🪷🪷🪷🪷🪷🪷🪷🪷🪷🪷🪷🪷🪷🪷🪷🪷🪷
॥ ॐ श्रीपरमात्मने नमः ॥
द्वितीयोऽध्यायः
अवतरणिका -
दुर्योधनने द्रोणाचार्यसे दोनों सेनाओंकी बात कही, पर द्रोणाचार्य कुछ भी बोले नहीं। इससे दुर्योधन दुःखी हो गया। तब दुर्योधनको प्रसन्न करनेके लिये भीष्मजीने जोरसे शंख बजाया । भीष्मजीका शंख बजनेके बाद कौरव और पाण्डव-सेनाके बाजे बजे। इसके बाद (बीसवें श्लोकसे) श्रीकृष्णार्जुनसंवाद आरम्भ हुआ।
अर्जुनने भगवान्से अपने रथको दोनों सेनाओंके बीचमें खड़ा करनेके लिये कहा। भगवान्ने दोनों सेनाओंके बीचमें भीष्म, द्रोण आदिके सामने रथको खड़ा करके अर्जुनसे कुरुवंशियोंको देखनेके लिये कहा। दोनों सेनाओंमें अपने ही स्वजनों-सम्बन्धियोंको देखकर अर्जुनमें कौटुम्बिक मोह जाग्रत् हुआ, जिसके परिणाममें अर्जुन युद्ध करना छोड़कर बाणसहित धनुषका त्याग करके रथके मध्यभागमें बैठ गये।
इसके बाद विषादमग्न अर्जुनके प्रति भगवान्ने क्या कहा- यह बात धृतराष्ट्रको सुनानेके लिये संजय दूसरे अध्यायका विषय आरम्भ करते हैं
सञ्जय उवाच
तं तथा कृपयाविष्टमश्रुपूर्णाकुलेक्षणम् ।
विषीदन्तमिदं वाक्यमुवाच मधुसूदनः ॥ १ ॥
वैसी कायरतासे व्याप्त हुए उन अर्जुनके प्रति, जो कि विषाद कर रहे हैं (और) आँसुओंके कारण जिनके नेत्रोंकी देखनेकी शक्ति अवरुद्ध हो रही भगवान् मधुसूदन यह (आगे कहे जानेवाले) वचन - बोले।
व्याख्या
तं तथा कृपयाविष्टम्'- अर्जुन रथमें सारथिरूपसे बैठे हुए भगवान्‌को यह आज्ञा देते हैं कि हे अच्युत ! मेरे रथको दोनों सेनाओंके बीचमें खड़ा कीजिये, जिससे मैं यह देख लूँ कि इस युद्धमें मेरे साथ दो हाथ करनेवाले कौन हैं? अर्थात् मेरे जैसे शूरवीरके साथ कौन-कौन-से योद्धा साहस करके लड़ने आये हैं? अपनी मौत सामने दीखते हुए भी मेरे साथ लड़नेकी उनकी हिम्मत कैसे हुई ? इस प्रकार जिस अर्जुनमें युद्धके लिये इतना उत्साह था, वीरता थी, वे ही अर्जुन दोनों सेनाओंमें अपने कुटुम्बियोंको देखकर उनके मरनेकी आशंकासे मोहग्रस्त होकर इतने शोकाकुल हो गये हैं कि उनका शरीर शिथिल हो रहा है, मुख सूख रहा है, शरीरमें कँपकँपी आ रही है, रोंगटे खड़े हो रहे हैं, हाथसे धनुष गिर रहा है, त्वचा जल रही है, खड़े रहनेकी भी शक्ति नहीं रही है और मन भी भ्रमित हो रहा है। कहाँ तो अर्जुनका यह स्वभाव कि 'न दैन्यं न पलायनम्' और कहाँ अर्जुनका कायरताके दोषसे शोकाविष्ट होकर रथके मध्यभागमें बैठ जाना! बड़े आश्चर्यके साथ संजय यही भाव उपर्युक्त पदोंसे प्रकट कर रहे हैं।
पहले अध्यायके अट्ठाईसवें श्लोकमें भी संजयने अर्जुनके लिये 'कृपया परयाविष्टः पदोंका प्रयोग किया है।
'अश्रुपूर्णाकुलेक्षणम्'- अर्जुन-जैसे महान् शूरवीरके भीतर भी कौटुम्बिक मोह छा गया और नेत्रोंमें आँसू भर आये। आँसू भी इतने ज्यादा भर आये कि नेत्रोंसे पूरी तरह देख भी नहीं सकते।
वाक्यमुवाच मधुसूदनः' इस प्रकार कायरताके कारण विषाद करते हुए अर्जुनसे भगवान् मधुसूदनने ये (आगे दूसरे तीसरे श्लोकोंमें कहे जाने वाले) वचन कहे।
यहाँ 'विषीदन्तमुवाच' कहनेसे ही काम चल सकता था, 'इदं वाक्यम्' कहनेकी जरूरत ही नहीं थी; क्योंकि 'उवाच' क्रियाके अन्तर्गत ही 'वाक्यम्' पद आ जाता है। फिर भी 'वाक्यम्' पद कहनेका तात्पर्य है कि भगवान्‌का यह वचन, यह वाणी बड़ी विलक्षण है। अर्जुनमें धर्मका बाना पहनकर जो कर्तव्य-त्यागरूप बुराई आ गयी थी, उसपर सीधा आघात पहुँचानेवाली है। अर्जुनका युद्धसे उपराम होनेका जो निर्णय था, उसमें खलबली मचा देनेवाली है। अर्जुनको अपने दोषका ज्ञान कराकर अपने कल्याणकी जिज्ञासा जाग्रत् करा देनेवाली है। इस गम्भीर अर्थवाली वाणीके प्रभावसे ही अर्जुन भगवान्‌का शिष्यत्व ग्रहण करके उनके शरण हो जाते हैं (दूसरे अध्यायका सातवाँ श्लोक)। संजयके द्वारा 'मधुसूदनः' पद कहनेका तात्पर्य है कि भगवान् श्रीकृष्ण 'मधु नामक' दैत्यको मारनेवाले अर्थात् दुष्ट स्वभाववालोंका संहार करनेवाले हैं। इसलिये वे दुष्ट स्वभाववाले दुर्योधनादिका नाश करवाये बिना रहेंगे नहीं।

Опубликовано:

 

7 сен 2024

Поделиться:

Ссылка:

Скачать:

Готовим ссылку...

Добавить в:

Мой плейлист
Посмотреть позже
Комментарии : 6   
@shubhambhoge4481
@shubhambhoge4481 4 месяца назад
🙏♥️Radhe Radhe ji🙏♥️ jay shree Krishna ♥️🙏
@sailajaadhikari2090
@sailajaadhikari2090 4 месяца назад
Shri Radhe Radhe
@lokeshmishra8007
@lokeshmishra8007 4 месяца назад
Radhe Radhe ji❤
@DakLaxma
@DakLaxma 3 месяца назад
🙏 Namaste ❤ very nice. Pravch Jai Sri Radhe Radhe ❤ Jai Shri Krishna 🌺
@rudraupadhyay5075
@rudraupadhyay5075 4 месяца назад
Thank you so much for adhyay 2🎉🎉please isi tarah video upload karte rahiye 😊Radhe Radhe
@MereRadhaKrishna7
@MereRadhaKrishna7 4 месяца назад
Yaha se thoda aur gahari se samjhaye bahut mahatvpurn Gyan hai aga
Далее
When Srila Prabhupada Met Lord Siva (English)
14:27
Просмотров 25 тыс.