मैं आर्य समाजी तो नहीं परन्तु आर्य समाज में पुरा विश्वास रखता हूं।खुदा शब्द पर किसी ने टिप्पणी की समझ नहीं आता आर्य समाजी ऐसी लकीर खींच देते है ताकि शब्द भी इसतेमाल ना हो शायद यही कारण रहा होगा कि समाज सकुचित रहा।सोच को बढाना चाहिए ताकि औरों की तरह आर्य समाज भी फैल सके।धन्यवाद।
सभी भजन बहुत ही सुंदर है और मंत्र है मंत्र का मतलब जो मन को तर कर दे भजन जागृत है सुनने से शुद्ध बिचार बनता है शुद्ध बिचार ही अमृत है इसलिए भजन ज्यादा से ज़्यादा सुनना चाहिए
मुझे ऐसा लगता है कि ये वैदिक भजन नहीं ब्लकि पीर फकीरों औरनामाजीयों या फिर सीधे तोर पर इस्लाम का प्रचार हो रहा है अगर वैदिक भजन गाना है तो अपनी वेद भाषा नहीं गाया करें आर्य समाज को को बदनाम मत करें और वेदों में ओ३म इस प्रकार है जय आर्य जय आर्यावर्त
🙏नमस्ते जी 🙏 साहिल आर्य आर्य जी भजन बहुत अच्छा ह पर दुख इस बात का ह के उदाहरण भी दिया तो वो भी...मस्जिद का नमाज का... प्रमात्मा के साथ मस्जिद को जोड़ना नमाज को जोड़ना बहुत गलत लगा शायद यही फ्रक ह हम मे और उन मे क्या वो भी कभी अल्लाह की दुआ करते हुआ मंदिर का उदाहरण देंगे?
fb.watch/75MaFLAcVN/बहुत ही सुंदर एवं शिक्षा प्रदेश भजन दिल को छू लेने वाला जीवन में परिवर्तन लाने वाला.. बहुत बहुत धन्यवाद🙏💕, कृपया भजनोपदेशक(गायक) का नाम एवं मो.नं दें.--डा. आई. पी. कुशवाहा खेमादेई देवरिया (यू.पी.).