पागलपन जाता नहीं है , हुनर नया आता नहीं है ... ! चापलुसी वाले बैंक में अपना कोई खाता नहीं है....!! 🦋💕 नित नई आफत रा खरीदार वन्या बैठ्या हा.. कदे कदे लागे है धरती पर भार बन्या बैठ्या हा... ये नौकरी तेरे चक्कर मै कीतो कुझ छुट्यो बेरन... गाँव छोड़ शहर में किरायेदार वन्या बैठ्या हा... !! 🦋💕 नमन राजस्थानी भाषा को... 🦋💕
नित नई आफत रा खरीदार वन्या बैठ्या हा... कदे कदे लागे है धरती पर भार बन्या बैठ्या हा... ये नौकरी तेरे चक्कर मैं कितो कुछ छुट्यौ बेरन... गॉव छोड शहर में किरायेदार वन्या बैठ्या हा.. नमन राजस्थानी भाषा को ...❣️
🙏 बहुत अच्छी कविता काबिले तारीफ कवि साहब आपका तहे दिल से शुक्रिया आपका शुभचिंतक हितैषी इंजीनियर मुकेश कुमार नायक (लेखक, कवि, समाजसेवी, बांसुरी वादक)धन्यवाद🙏
Kisne Dil Tod Diya apka vishnoi ji....aap to Kamal ka likhte hain...likhte hi nhi poori feelings hi samne rakh di hai... it' s too good and emotional 👌...apko apka pyaar mil jaye👍