#Mahatmagandhi #Manuben #Brahmacharya
मोहनदास करमचंद गांधी। महात्मा गांधी। बापू चाहे जिस नाम से पुकारिए साबरमती का इस संत को कौन नहीं जानता? बापू हमारे राष्ट्रपिता हैं। लेकिन, आज हम बात करेंगे मनुबेन की। मनु रिश्ते में गांधी जी के भतीजे की पोती थी। इस लिहाज से वो गांधी जी की भी पोती हुई। 1946 में मनु गांधी जी की पर्सनल असीसीटेंट बनती है। उस वक्त उसकी उम्र सिर्फ 17 साल की थी। तबसे लेकर 30 जनवरी 1948 गांधी जी की हत्या तक मनु साये की तरह महात्मा के साथ रही।
मनु ने बहुत करीब से देखा था कि कैसे नथुराम गोडसे ने अपनी 9 एमएम बरेटा पिस्तौल से गांधी पर तीन गोलियां दागी थीं. ये वही मनु थीं जिसने महात्मा गांधी के ब्रह्मचर्य के प्रयोग को भी बेहद करीब से देखा। न सिर्फ उसकी साक्षी रहीं बल्कि उसमें शामिल भी रहीं। इस दौरान मनुबेन नियमित डायरी लिखा करती थीं। आइए इस डायरी के कुछ पन्नों से गुजरते हैं और महात्मा गांधी के ब्रह्मचर्य को समझते हैं।
Credit: India Today and Shankar ShaRan Book- Mahtma Gandhi Brahmacharya ke Prayog
Voice: Hirendra Jha & Nimisha Dixit
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1 окт 2023