यहोवा ही सच्चा परमेश्वर है। (यहोवा पिता, यहोवा यीशु मसीह, यहोवा पवित्र आत्मा) क्योंकि यहोवा पवित्र है उसमें कोई पाप नहीं, वह कभी पाप नहीं करता,और ना ही वह जातिवाद सिखाता है।मैंने कई ईश्वरों के बारे में सुना है वो झूठ भी बोलते हैं, छल भी करते हैं, दूसरों के पत्नी का शारीरिक शोषण भी करते हैं, मतलब पाप से भरे पड़े हैं और जहाँ पाप है उसमें जीवन नहीं, अर्थात वह जीवन दाता भी नहीं सृष्टि कर्ता भी नहीं। जहाँ पवित्रता है शुद्धता है वहीं जीवन है जैसे अशुद्ध जल जीवन नहीं दे सकता ,वैसे ही अशुद्ध ईश्वर भी जीवन नहीं दे सकता और न सृष्टि कर्ता हो सकता है। लेकिन परमात्मा यहोवा पवित्र है उसने कहा पवित्र बनो क्योंकि मैं तुम्हारा परमेश्वर पवित्र हूँ, इसलिए यहोवा ही सच्चा परमेश्वर है। यहोवा पिता ने यहोवा यीशु मसीह को इस संसार में इसलिए भेजा ताकि वह खुद को क्रुस पर बलिदान करे और अपने खून से हमारे पापों को धो कर हमें पवित्र करें और हमें मरने के बाद अपने साम्राज्य में अनंतकाल का जीवन दे। जैसे वह स्वयं मृत्यु को हरा कर तीसरे दिन जी उठे और यह सिद्ध कर दिया कि वह सनातन परमेश्वर है जो कभी मर कर मिट नहीं सकता और अब वह बहुत जल्द सब के पापों का दंड देने जगत में वापस आ रहें हैं। जिसने उस पर विश्वास किया और उसे अपनाया,उसके पाप क्षमा किए गये हैं और उस पर दंड की आज्ञा नहीं, जिसने विश्वास नहीं किया वह दंड का अधिकारी ठहर चुका है। फैसला आपके हाथों में है। दंड या अनंत जीवन दोनों में से एक चुन ले। धन्यवाद 🙏✝️🙏
@@ChandraPal-lq1py ऐसा कहीं नहीं लिखा है। हमें नहीं पता कौन किसका चक्कर काटता है। कुछ वचनों का अर्थ नहीं निकाला जा सकता है उसे लिखने वाले और परमेश्वर ही जानते हैं, क्या लिखा है,,, वैसे आपको कैसे पता सूर्य, पृथ्वी का चक्कर कटती है ? क्या नासा की कम्प्यूटर जेनेरेटेड विडियो से ? 😁😁😁
@@dharmchandra645 ना भैया जी भगवान ओशो के स्पीच मे सुना था कि पहली बार वैज्ञानिको ने जब घोषणा की कि ,सूर्य के चारो ओर पृथ्वी परिक्रमा करती है तो बाईबिल विरोधी बात कहने के अपराध में उन वैज्ञानिकों को यातनायें दी गई ,,सत्य असत्य तो आप बता ही रहे हैं,, सो पूछा !
@@dharmchandra645 आप कह रहे हो कि कुछ वचनों का अर्थ केवल लिखने वाले और परमेश्वर ही जानते हैं,,,चलो तसल्ली हुई कि आप सच्चे मन के हैं जो अपनी अल्पज्ञता और कमी को स्वीकारने का साहस तो रखते हैं सादर प्रणाम🙏🙏
@@ChandraPal-lq1py सर आप रोमन कैथोलिक की बात कर रहे हैं वे क्रिश्चियन कहलाते तो हैं लेकिन वो बाइबल के अनुसार नहीं चलते। उन्होंने केवल वैज्ञानिकों को ही नहीं, बाइबल पढ़ने वाले क्रिश्चियनों को भी मारा। रोमन कैथोलिक बाइबल पढ़ने की अनुमति नहीं देता तो उन्हें पता ही नहीं वैज्ञानिक गैलीलियो ने बाइबल विरोधी बातें नहीं की, कयोकि बाइबल में स्पष्ट नहीं लिखा है कौन किसकी परिक्रमा करता है, उसका अर्थ """ऐसा प्रतीत होता है""" भी हो सकता है। इसलिए बाइबल पर ध्यान दें क्रिश्चियन ग्रुप पर नहीं। सारे क्रिश्चियन एक जैसे नहीं है।
आपके अनुसार बड़े लोगों का आज्ञा चक्र जाग्रत नहीं हो सकता जबकि हमारे ग्रंथों में तो विश्वामित्र जैसे ऋषि हुये हैं जिन्होंने 10हज़ार साल राज्य किया उसके बाद तप से सब कुछ प्राप्त किया जिसे अब आप पीनियल ग्लेंड की सहायता से प्राप्त करना बता रहे है इतने बुजुर्ग होने के बाद भी आज्ञा चक्र जाग्रत होता है इसलिए केवल बच्चों का ही हो सकता है ये गलत प्रचार है