@@bodhivarta गुरुजी, मार्ग दर्शन के लिए कृतज्ञता....क्षमा कीजिये, अब समय और परिस्थिति की अनुमति नहीं, आप के कृपा हो तब मे निश्चित यह भव बंधन से मुक्ति पाऊंगा और आपके दिये हुए निर्देश मे चलूँगा.......... गुरुदेव मे आपका संपति हुँ, और किसीका भी नहीं.......... तस्मै श्री गुरवे नमः...