सहजोबाई का प्रेम, यहां पर राम चौथे राम नहीं हैं, जिस राम से शरीर मिला उनकी बात हो रही तीसरे राम हैं यहां, "तीजे राम का सकल पसारा " -> प्रकृति जो हमे शरीर देती हैं यहां पर गुरु चौथे राम हैं "चौथा राम है सबसे न्यारा " "राम ब्रह्म परमार्थ रूपा "
ये भजन मुझे आचार्य प्रशांत जी की याद दिलाता है, जब से उनसे मिली हु तो वास्तव में अब लगता है जीवन जी रही हु , उनसे मिलने से पहले तो नर्क ही थी जिंदगी😢 , और सबसे बड़ी दुविधा तो ये थी कि मुझे पता भी नहीं था, जिस बेहोशी में जी रही थी उन दिनों।😢 बहुत बहुत धन्यवाद आचार्य जी को वो मेरी जिंदगी में आए एक गुरु की तरह ।🙏🏻 आप ही मेरी जिंदगी में आए कृष्ण की तरह , और आपने मेरी वे सभी सुविधाए,चिंताएं मेरा अज्ञान दूर किया जैसा कृष्ण भगवान ने अर्जुन का किया था।🙏🏻🙏🏻
इस भजन में हरि का अर्थ प्रकृति से है क्योंकि जिस अर्थ में आत्मा को हरि कहा जाता है उस अर्थ में हरि तो कुछ भी नहीं करते हैं, हरि का न जन्म से मतलब है न मरण से।
🌺🙏💥🙇Think DEEPLY....After this stage where there is no meaning of "BIRTH" or "DEATH ".....means two things ( as words) .....become one ....in ONENESS feeling ..of...only " energy tattav "( spirit, soul,chit) remains...for forever.....with AWARENESS....beyond physical senses ( body consciousness)....in SPIRIT CONSCIOUSNESS ( SOUL CONSCIOUSNESS) .....as SPIRIT " OMNIPRESENT CONSCIOUSNESS ".....in this STAGE here GOD and GURU....means this two TATTAV ....becomes one in ONENESS .." HARI GURU "......BOTH have only SOUL CONSCIOUSNESS ( means KRISHNA CONSCIOUSNESS)....no physical senses ( means no body consciousness). In this stage ...for devotees GURU become HARI and HARI become GURU...no DUALITY....then how some things becomes bigger or smaller. But before this stage there is two things 1...GOD 2...GURU. For " GOD" devotees comes at the LOTUS FEET OF GURU. ..so GOD is bigger than GURU ( due to duality...maya). GOD gives SENSES and GURU teach us that " use SENSES" for " SOUL CONSCIOUSNESS MIND". ....because in HUMAN ( we)body consciousness ( physical senses)... trapped ...self ( soul) consciousness.. ......and if .... GOD gives us senses... SO..devotees love GOD " first "...after GOD then loves GURU. Due to help of physical senses GURU teach us to love GOD " UNCONDITIONAL "..also..our Samarpan seva bhav on the Lotus feet of GURU...help...and blessing of GURU TATTAV REMOVE our body consciousness mind...gives us SOUL CONSCIOUSNESS MIND Things ( senses) we get from GOD ...if we devotee leave GOD ....then how we devotee ...feel GOD in GURU. 🌺🙏KEEP BLESSING 🌺🙏RADHEY RADHE .
ये भजन मुझे आचार्य प्रशांत जी की याद दिलाता है, जब से उनसे मिली हु तो वास्तव में अब लगता है जीवन जी रही हु , उनसे मिलने से पहले तो नर्क ही थी जिंदगी😢 , और सबसे बड़ी दुविधा तो ये थी कि मुझे पता भी नहीं था, जिस बेहोशी में जी रही थी उन दिनों।😢 बहुत बहुत धन्यवाद आचार्य जी को वो मेरी जिंदगी में आए एक गुरु की तरह ।🙏🏻 आप ही मेरी जिंदगी में आए कृष्ण की तरह , और आपने मेरी वे सभी सुविधाए,चिंताएं मेरा अज्ञान दूर किया जैसा कृष्ण भगवान ने अर्जुन का किया था।🙏🏻🙏🏻