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राष्ट्रीय संगोष्ठी - स्वाधीनता से स्वतंत्रता की ओर : बहुआयामी विमर्श" - Shri Mohanji Bhagwat 

Bharatiya Vichar Manch
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स्वाधीनता से स्वतंत्रता की ओर: बहुआयामी विमर्श
कृष्ण पक्ष चतुर्थी, विक्रम संवत २०७९ ( आंग्ल दिनांक १४ सितम्बर, २०२२ ) बुधवार के दिन 'भारतीय विचार मंच' द्वारा 'स्वाधीनता से स्वतंत्रता की और: बहुआयामी विमर्श' विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी संपन्न हुई।
बीज भाषण में स्वाधीनता और स्वतंत्रता का अर्थ समझाते हुए रा.स्व.संघ के पूजनीय सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत ने बताया कि स्वाधीनता का मतलब है अब हम निश्चित कर सकते हैं कि कौन देश चलाएगा और स्वतंत्रता का मतलब है किस पद्धति से देश को चलाना है। स्वाधीनता हमें मिली है किन्तु स्वतंत्रता से हम कोसों दूर है। उसका कारण बताते हुए उन्होंने समझाया कि जब विकास प्रकृति के अनुरूप नहीं होता वह विकास नहीं कहलाता‌। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि बंदर अगर साइकिल चलाता है वह विकास नहीं तमाशा है। अब प्रश्न यह होता है कि भारत, जिसकी एकता में विविधता है उसका मूल स्वभाव क्या है ? भारत का मूल स्वभाव है आध्यात्मिकता यानी की आंतरिक यात्रा के लिए सदैव प्रयत्नशील रहना और उसी आधार पर विकास की सारी व्यवस्थाओं और प्रक्रियाओं का निर्माण होना। राष्ट्र के सभी नागरिकों में विविधता अवश्य हो सकती है किन्तु विचार प्रणाली की समानता होना आवश्यक है। हमारी विचार प्रणाली जो 'स्व' पर आधारित है, वह मानती है कि यह विश्व चेतन है इसीलिए सृष्टि का पोषण करके विकास करना है। जबकि अन्य देशों की विचार प्रणाली में यह दुनिया जड़ है जिसका निरंतर उपभोग करके विकास करना है। यह मूल अंतर है विचार प्रणाली में, मूल्यों में, व्यवस्थाओं में। जब हम स्व का महत्व समझेंगे और हमारे गंतव्य और आकांक्षाएं स्व के परिमाण से सुनिश्चित करेंगे, बाह्य सुख केवल भौतिक जगत तक सीमित है और आंतरिक सुख आध्यात्मिक जगत तक विस्तारित है यह समझेंगे तथा जीवन में आंतरिक सुख के लिए स्पर्धा करेंगे तब हमारे स्व मूल्यों का जतन होगा, राष्ट्र के विकास प्रक्रिया में उनका प्रकटीकरण होगा, और विकास की सही दिशा हम पकड़ पाएंगे।
इस एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में पूरे भारत से ८०० से ज्यादा लोग सम्मिलित हुए थे। संगोष्ठी के विचार से लेकर सुचारू रूप से संपन्न होने तक का श्रेय भारतीय विचार मंच के सभी सदस्य, उनके प्रयत्न को जाता है।

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24 сен 2022

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Комментарии : 7   
@hemumishra7400
@hemumishra7400 Год назад
भारत माता की जय
@devashishdangwaljeevanand
@devashishdangwaljeevanand Год назад
🙏🏻🙏🏻
@shrini04
@shrini04 Год назад
Great speech. The best person to give moral leadership to India.
@gulabsingh-ji5wd
@gulabsingh-ji5wd Год назад
DNA एक ही है।।
@sanjaydubey6861
@sanjaydubey6861 Год назад
Excellent
@soham4655
@soham4655 Год назад
With all due respect.. how is reaching out to Momins help if you know the history so well? People are getting confused if the real objective is for the benefit of Hindus as established by Guruji or some appeasement that Sangh is trying to do.. atleast that is what people see and perceive...
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