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मुंशी प्रेमचंद (1880-1936) हिंदी और उर्दू साहित्य के एक महान लेखक थे। उनका असली नाम धनपत राय श्रीवास्तव था, लेकिन वे प्रेमचंद के नाम से प्रसिद्ध हुए। उनका जन्म 31 जुलाई 1880 को वाराणसी के निकट लमही गांव में हुआ था। प्रेमचंद ने अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज के विभिन्न वर्गों की समस्याओं और संघर्षों को उजागर किया।
प्रेमचंद की प्रमुख कृतियों में 'गोदान', 'गबन', 'निर्मला', 'सेवासदन', 'रंगभूमि' और 'कफन' शामिल हैं। उनकी कहानियाँ और उपन्यास समाज के निम्न और मध्यम वर्ग की जिंदगी की सजीव तस्वीर प्रस्तुत करते हैं। वे सामाजिक न्याय, नैतिकता और मानवीय मूल्यों के पक्षधर थे।
प्रेमचंद का साहित्य सरल भाषा, मार्मिक शैली और यथार्थवादी दृष्टिकोण के लिए प्रसिद्ध है। उन्होंने हिंदी साहित्य को एक नई दिशा दी और इसे जनसाधारण के करीब लाया। 8 अक्टूबर 1936 को उनका निधन हो गया, लेकिन उनका साहित्य आज भी प्रेरणादायक है और हिंदी साहित्य का अमूल्य हिस्सा है।
वासना की कड़ियाँ - मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी | Vasna Ki Kadiyan - A Story by Munshi Premchand
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📖 "वासना की कड़ियाँ" - मुंशी प्रेमचंद की एक प्रख्यात और विचारोत्तेजक कहानी। इस कहानी में प्रेमचंद ने समाज की नैतिकताओं और मानवीय कमजोरियों का गहन चित्रण किया है।
🌟 कहानी की मुख्य बातें:
मानव इच्छाएँ: कहानी उन इच्छाओं और वासनाओं पर प्रकाश डालती है जो मनुष्य को अपने वश में कर लेती हैं।
सामाजिक नैतिकता: समाज की नैतिकता और उसके प्रभावों पर एक सजीव चित्रण।
प्रेरणादायक संदेश: आत्म-संयम और नैतिकता के महत्व को दर्शाता हुआ संदेश।
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29 сен 2024