इस वीडियो में आप लोग यादव महासभा के उस कार्यक्रम के बारे में जान पाएंगे कि जिसमें शिवपाल सिंह यादव ने अहीर रेजिमेंट की मांग के लिए सबको इकट्ठा होने के लिए कहा साथ ही साथ यादव महापुरुषों के प्रमुख योगदानो के बारे में भी बताया।
काशी में भगवान श्री राम और भरत मिलाप की परंपरा निभाते हुए #यदुवंशी बंधू। हर हिन्दू हर यादव भाई पोस्ट ज़रूर पढ़े। भोले बाबा की नगरी काशी विश्वनाथ में आज भी नवरात्रि के बाद हजारों साल पुरानी राम भरत मिलाप की परंपरा यहां के वीर अहीरों उर्फ़ यदुवंशियों के शुभ हाथों से सम्पन्न होती है। जी हां नाटी इमली भरत मिलाप के नाम से मशहूर इस परंपरा के अनुसार सूर्यवंशज रघुवंशी श्री राम और भरत मिलाप की ये विशेष परम्परा द्वारकाधीश और बलराम जी के वंशज आर्य वीर चंद्रवंशज यदुवंशी अहीर क्षत्रियों के पवित्र हाथो से ही सम्पन्न होती है। इस परंपरा के तहत इस दिन काशी में हजारों ब्राह्मण बंधु शंख नाद और मंत्र उच्चारण करते हुए श्री कृष्ण बलराम के वंशज यहां के यादवों का हौसला अफजाई करते हैं और भगवान श्री राम, माता जानकी का 100 टन वजनी रथ को सबसे पहले छूने का अधिकार यदुवंशियों को है। ब्राह्मणों का मानना है कि श्री राम सूर्यवंश के उच्च रघुकुल से थे और इसीलिए यह परंपरा हजारों साल पहले काशी में आबाद भगवान श्री कृष्ण और बलराम जी के वंशज उच्च चंद्रवंशी यदुवंशी अहीरों के पवित्र हाथो से ही सम्पन्न होता है। भगवान राम की पर दादी श्री और दशरथ जी की दादी महारानी मधुमति , यदुवंशी सम्राट शशिबिंदू की रजकन्या थीं। और कहा जाता है कि जब राम जी लंका से अयोध्या आए थे तो उनके पर दादी के मायके के यदुवंशियों ने उत्सव मनाया था । और उस दिन से आजतक यह परंपरा यादव निभाते आए है। रथ को यदुवंशी क्षत्रिय अपने बलिष्ठ पवित्र हाथों से उठाकर अयोध्या लातें है। अब इस पोस्ट को देखने के बाद कुछ नाचीज़ इतिहास चोर बंजारा जादौन जडेजा आटी भाटी जल भुन जाएंगे 😂😂😂। लेकिन इससे इतिहास नहीं बदल जाएगा। अरे तुम अभागे सच में यदुवंशी होते तो यह सौभाग्य तुम्हे भी मिलता लेकिन तुम बंजारे हो क्षत्रिय नहीं । इतना ही नहीं काशी विश्वनाथ में सावन के प्रथम सोमवार को महादेव का प्रथम अभिषेक भी यदुवंशी अहीरों के हाथो ही सम्पन्न होता है। --------------------- इस धरती पर सिर्फ दो ही उच्च महान क्षत्रिय कुल हैं - रघुवंशी और दूसरे हम यदुवंशी। और भगवा की शान और मान हम यदुवंशियों और रघुवंशियों से है नकी उनसे जिन्होंने ताउम्र मुल्लों को बेटियां ब्याहने के कुछ नहीं किया। -----***--*------ जय श्री राम। जय द्वारकाधीश। जय यदुवंश जय रघुवंश।
जय यादव जय माधव। श्री मुलायम सिंह यादव जी,श्री लालू प्रसाद यादव जी, ने सामाजिक संघर्ष किया है तब आज यादव समाज की पहचान बनी है। तुम्हारे जैसे लोग कहीं टोटी चोर बोलेंगे कहीं .... अब तुम्हारे समाज को कितना परसेंट आरक्षण मिला???? भारतीय जनता पार्टी कभी नहीं चाहेगी कि अहीर रेजीमेंट बने... 🇧🇾🚲🚲🇧🇾जय समाजवाद जय संविधान 🚲🚲🇧🇾🇧🇾🇧🇾