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ऋग्वेद सही जानकारी देता है लेकिन आज के ब्राह्मण वर्ग, साधु आदि लोग पुराणों, मनुस्मृति और रामचरितमानस पर अधिक जोर देते हैं जो सनातन संस्कृति का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। सनातन को समझना है तो वेद उपनिषद और महाभारत पढ़नी चाहिए।
यदुवंश में और भी बहुत से लोग हुए क्या उनकी कोई संतान नहीं थी जो केवल राजा धनक पर ही आकर क्यों रुक जाते हैं बाकी और जो यदुवंश में हुए उनका जिक्र क्या आपके पास है केवल परशुराम ने अगर किसी वंश को खत्म किया तो वह केवल राजा धनक के वंशज को 21 बार धरती से समाप्त किया था उनमें एक थी धानक जाती जय भीम
यादव होने से पहले अहीर होना आवश्यक है। और अहीर होने से पहले गोप ( ग्वाला ) होना आवश्यक है। अर्थात गोप ( ग्वाला) -- अहीर -- यादव। वाह क्या बात है: -प्राचीन से भी प्राचीन = प्राचीनतम् = पुरातन = सनातन। तभी तो भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं - मैं सर्वदा गोप हूँ।