Тёмный

शीतकाल के पद कीर्तन।श्रृंगार से राजभोग तकShitkal shringar to Rajbhog pranalika bhagwan das keertanka 

Pushtimarg Seva Keertan
Подписаться 13 тыс.
Просмотров 255 тыс.
50% 1

पुष्टिमार्गीय नित्य सेवा के शीतकाल के पद
श्रृंगार से राजभोग तक
(मार्गशीर्ष कृष्ण 1 से माघ कृष्ण अमावस्या तक)
1 - श्रृंगार धराते समय (राग - ललित)
कमल सी अखियाँ लाल तिहारी
तिन सों तक तक तीर चलावत वेधत छतियाँ हमारी
इन्हें कहा कोउ दोष लगावत ये अजहूँ न सँभारी
श्रीविठ्ठल गिरिधारी कृपानिधि सुरत ही ते सुखकारी
2 - श्रृंगार धराते समय (राग - ललित)
क्यों मोहन दरपन नहीं देखौ
क्यों धरणि पग नखन खनावत क्यों मो तन नहिं पेखौ
क्यों ठाड़े क्यों बैठत नाहीं कहा परी हम चूक
पीताम्बर गहि कह्यौ बैठिये कहा जु रहे हौ मूक
उघर गयौ उर ते उपरैना देखियत अंग विभाग
सूरस्याम लटपटी पाग पर यावक की छवि लाग
3 - श्रृंगार दर्शन (राग - आसावरी)
मेरी अखियन के भूषण गिरिधारी
बल बल जाउं छबीली छवि पर अति आनन्द सुखकारी
परम उदार चतुर चिंतामणि दरस परस दुखहारी
अतुल प्रताप तनक तुलसीदल मानत सेवा भारी
छीतस्वामी गिरिधरन विशद यश गावत गोकुल नारी
कहा वरनौ गुण गाथ नाथ के श्रीविठ्ठल हृदय विहारी
4 - राजभोग आए भोजन (राग - धनाश्री)
सुतहि जिमावत यशोदा मैया
सानत कौर मधुर मृदु मीठौ दे मुख लेत बलैया
खेलन कों उठ उठ भाजत हैं राखत हैं बोहोरैया
आवौ चिरैया आवौ खुमरैया ग्वालिन लेत बलैया
तुम जैंवौ मिल संग लाल के बहुविधि ख्याल खिलैया
श्रीविठ्ठल गिरिधर माता की प्रीति कही नहिं जैया
5 - राजभोग आए भोजन (राग - धनाश्री)
जेंवत कान्ह करत किलकारी
भर बुकटा मेलत मुख भीतर कर पकरत महतारी
फूँक फूँक दूध मुख लावत डारत बाँह उछारी
तैसेहि चपल हरत सब को मन श्रीविठ्ठल गिरिधारी
6 - राजभोग सरे अचवन (राग - धनाश्री)
भोजन कर उठे दोउ भैया
हस्त पखार शुध्द अचमन कर बीरी लेहु कन्हैया
मात यशोदा करत आरती पुन पुन लेत बलैया
परमानन्ददास कौ ठाकुर ब्रजजन केलि करैया
7 - राजभोग सरे बीरी (राग - आसावरी)
पान खवावत कर कर बीरी
एकटक व्है मोहन मुख निरखत पलकन परत अधीरी
हँसत निहारत वदन श्याम को तन की सुधि बिसरी
रसिकप्रीतम के अंग संग मिल छतियाँ भई अति सीरी
8 - राजभोग दर्शन (राग -आसावरी)
नंदलाल सों मेरौ मन मान्यों कहा करैगो कोय री
हों तो चरणकमल लपटानी जो भावै सो होय री
गृहपति मातपिता मोहि त्रासत हसत बटाऊ लोग री
अब तौ जिय ऐसी बनिआई बिधना रच्यौ है संयोग री
जो मेरे यह लोक जायगौ और परलोक नशाय री
नंदनंदन कों तोऊ न छाँडू मिलूंगी निशान बजाय री
यह तन धर बहुरह्यो नहीं पइये वल्लभ वेष मुरारी
परमानंदस्वामी के ऊपर सर्वस्व डारों वार री
डॉ भगवान दास कीर्तनकार, कामवन
(अष्टछाप के श्रीगोविंदस्वामीजी के वंशज)
ડૉ ભગવાન દાસ કીર્તનકાર, કામવન
(અષ્ટછાપ કે શ્રીગોવિંદસ્વામીજી કે વંશજ)
सम्पर्क 9828737151
#keertan
#bhagwan_das_keertankar
#hawelisangeet
#pratkalkeypad
#pratkal
#vallabh
#pushtimarg
#pushtimargkeertan
#pushtikirtan
#keertan
#mangalakepad
#jagayavekepad
#mahaprabhu
#kirtan
#havelisangeet
#pushtimarg_pad
#srigokulenduprabhu
#keertanbhajan
#keertankeertan
#keertanvideo
#keertansong
#bhairav
#keertanpranalika
#nityasevakeertan

Опубликовано:

 

24 сен 2024

Поделиться:

Ссылка:

Скачать:

Готовим ссылку...

Добавить в:

Мой плейлист
Посмотреть позже
Комментарии : 103   
Далее
Свожу все свои тату (abricoss_a_tyt)
00:35
🖤
00:18
Просмотров 440 тыс.
Свожу все свои тату (abricoss_a_tyt)
00:35