सत्य सनातन वैदिक धर्म की रक्षा हेतु एक आर्य समाज ही ऐसा संगठन है जो देश और धर्म का सत्य स्वरूप प्रस्तुत करता है। स्वामी दयानन्द सरस्वती जी ही जगत् गुरु कहलाने योग्य है। शत् शत् नमन्।। आर्य समाज अमर रहे। वेदों की ज्योति जलती रहे।। ओउम् शान्तिः शान्तिः शान्तिः।।
आचार्य प्रवर श्रेष्ठ विद्वान और विदुषी बहिनों को हार्दिक शुभकामनाएँ। सादर नमस्ते।। जय सत्य सनातन वैदिक धर्म।। जय श्री राम।। जय श्री कृष्ण। जय श्री विश्व कर्मा भगवान्।। ओउम् शान्तिः शान्तिः शान्तिः
जय सनातन 🙏 मैने श्री कृष्ण की कपोल कल्पित स्वरूप को त्याग दिया है और उनके योगीरूप को ध्यान एवम् नमन करते हुए स्वीकारा है और आजीवन इस स्वरूप को अपने जीवन में साधने की प्रयास करूंगा।
खूब खूब धन्यवाद आचार्यजी आपने हमारे महान महा पुरुस श्री कृष्ण के जीवन बारे मैं साचा स्वरुप बताया आज बहोत सारी भ्रांतियाँ श्री कृष्ण के जीवन के बारेमें फेलि हूई है।लोंगो भ्रांतियाँ में जीवन जी रहे है। आपका खूब खूब धन्यवाद 🙏नमस्ते 🙏🙏🙏
Timeline 0:00 - 1:23 : Coming up next 1:23 - 3:09 : मंत्रपाठ 3:09 - 6:44 : प्रवचन की भूमिका 6:44 - 12:11 : राजसूय यज्ञ प्रकरण 12:11 - 17:55 : श्रीकृष्ण जी के इतिहास से खिलवाड़ 17:55 - 18:34 : महर्षि दयानंद सरस्वती जी की दृष्टि में श्रीकृष्ण 18:34 - 21:24 : श्रीकृष्ण जी के जीवन में संध्या और हवन 21:24 - 23:50 : समाप्ति
श्री कृष्ण चन्द्र जी योगीराज थे न कि भोगी, महर्षि दयानन्द जी ने तो श्री कृष्ण चन्द्र जी को आप्त पुरुष की संज्ञा दी है। ऐसे महापुरुष में न जाने कितने दोष लगाए गए हैं।
जय योगेश्वर श्री कृष्ण चंद्र जय मां रुक्मणी। ओ कृष्ण भक्तों! बोलो हरदम घड़ी घड़ी।। हिंदू समाज में बढ़ते हुए बलात्कार अपराध अनाचार भ्रष्टाचार का मुख्य कारण योगेश्वर श्री कृष्ण के चरित्र चित्रण में अश्लील अभद्र झूठी कथाओं का प्रचलन। देश में अब रास रचैया राधा प्रेम प्रसंग वाले कृष्ण की जरूरत नहीं है आवश्यकता है महाभारत और गीता के रुक्मिणी वल्लभ योगेश्वर श्री कृष्ण की तभी सत्य सनातन वैदिक धर्म बच सकता है।
शिशुपाल ने तो केवल कृष्ण का गुणगान किया था😅 जो कृष्णा अलग अलग भूमिका में क्षत्रिय धर्म निभाते हुए कैसे वचनों से बड़े हटकर लक्ष्य को साथ कर कार्य किया करते थे