इस चैनल पर आर्य समाज और वेद प्रचार के कार्यक्रम को चलवाने हेतु और कार्यक्रम की कवरेज हेतु संपर्क करें l दिलबाग आर्य (M.D) 9354867000 हर्षित शर्मा (Camera & Editor) 8814835357
जय श्री राधा माधव जय श्री सीताराम 🙏🏻 परम सत्य आदि अनन्त पुरातन सनातन धर्म सभ्यता एवं संस्कृति से बढ़कर कुछ भी नहीं है क्योंकि परमपिता परमात्मा परमब्रह्म पूर्ण पुरुषोत्तम भगवान श्रीकृष्ण ही इसके संस्थापक हैं अतः सनातन धर्म सभ्यता एवं संस्कृति का प्रचार-प्रसार कीजिए और आनन्द में रहिए 🙏🏻🙏🏻
आपका बहुत बहुत धन्यवाद हमारे सनातन धमँकी जयहो सनातन धर्म सँसकृति धमँ पुरे विष्वमे फैलरहा है धीरे धीरे सभी धमँ सनातन धर्म में जुडनेवालि है और एक ही पुरे विष्वमे सनातन धर्म होगा परम महा शान्ति 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
आपकी सारी बातें बहुत अच्छी लगी महाराज जी लेकिन विवेकानंद की जगह है आप स्वामी दयानंद सरस्वती जी का उदाहरण देते तो और भी अच्छा लगता जिनका आचरण स्वामी विवेकानंद से कहीं ज्यादा अच्छा था
जय श्री माता पिता जी की जो पुत्र अपने माता-पिता की सेवा करते हैं उनकी आज्ञा का पालन करते हैं वही स्वर्ग जाने के अधिकारी होते हैं और जो अपने माता पिता को दुख देते हैं उनकी सेवा नहीं करते हैं उन्हें नर्क जाने पड़ता है यह सत्य वचन
नमस्कार स्वामी जी मैं भी एक अध्यापिका हूँ मैं देख रही हूं लडके को इतनी छूट दी जाती है कि वह पूरे समाज को खराब कर रहा है उसे भी सँस्कार देने की जरूरत है
ओम स्वामी जी । आप ने नारी शक्ति बहुत सुंदर वर्णन किया। वास्तव में आज कल की लड़कियो पर कुप्रभाव पड रहा है। जहां तक माताएं जागृत नहीं होगी तब तक लड़कियो का सुधार नहीं होगा जय श्री राम जी।
HARE KRISHNA 🙏 RADHE RADHE 🌺🙏 SWAMI JI KE CHARNO ME KOTI KOTI NAMAN 🙏🌺🌹💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐 JHARKHAND DHANBAD PS-NIRSHA VILL-TOPATAND SE BAHUT BAHUT DHANYABAD 🙏🌺🌹💐💐💐💐💐
Bahut bahut dhanyvad Soni ji aap Desh Ka Ratna Himmat badhane samajhti Nahin Hai aapane bahut acche se samjhaye Agar thodi si bhi dimag Mein Utar Jaaye maten bahan ke Tu apni Sanskriti pahchan sakte hain
ओम् कार प्रभु पावन नाम। सर्वोत्तम सविता सुख धाम।। सिया राम पद पथ अनुसरिए संध्या हवन कर्म शुभ करिये।। सत्य कथा जो समझ ना पाये हंस भये नहीं काग कहाऐ।। ओम् शान्ति शान्ति शान्ति।।
जय श्री योगेश्वर 🕉 भगवान श्री कृष्ण जी🙏🕉🙏नरसिंहानंद 🕉जी🙏🙏🙏जैसे महापुरुष आपने कहा था आज वो सच हो रहा है बेधर्मी राक्षस षड्यंत्र रच रहे है !! आज :- !!हिन्दू भाई हिन्दू समाज जागरूक नहीं हो रहा! !!!हमारे पूर्वजों काम यही था को धर्म के लिए लड़ना ओर नीच बेधर्मि राक्षसो का विनाश निश्चित करना !! !हिंदुओं को चाहिए :-योगेश्वर जी 🙏🙏 ने सनातन धर्म को मानने वालों को चाहिए हमेशा श्री मध भगवत गीता जी 🙏🙏 को पडो बच्चो को पढ़ाओ अपने मन से मनन करो तो जप हो जाता है !!अपने हिन्दू समाज से हिन्दू कौम बणायो ! किसी समय कहा जाता था? जो हिंद की लड़ाका कोम कहा जाता था लड़ाई!के लिए बनी :-अपने गौरबशाली इतिहास को समझो धर्म को समझो !-अपने गौरबशाली इतिहास को समझो धर्म को समझो !!जैसे राणा सांगा जी के टाइम थी जैसे राणा प्रताप जी के टाइम थी!!जो लड़ाई के लिए बनी थी धर्म के लिए युद्ध ओर युद्ध के सिवा ओर कुछ नहीं अता था!! बेधर्मी राक्षसो के षड्यंत्रों को समझो!/!!/सोचो हिंदू भाई समझो :-!सनातन धर्म के लिए लाख लाख पिडिया लगी कोटि सर चढ़े तब जा करके हमारी संस्कृति मिली थी तब जा करके हमारी संस्कृति बची है !! हमारे पूर्वज ने जो धर्म के लिए संघर्ष करें कई जन्म संघर्ष करते शहीद होते रहे !! आज हम हिंदू हैं अपने पूर्वजों की कुर्बानियों से ही सनातन संस्कृति है! हमारा सनातन धर्म जिंदा है !!हम हिंदू भाई जिंदा है !!!आज हम हिंदू तो सोये पड़े हो !! हे हमारे सनातन धर्म की रक्षा करने वाले योगेश्वर🕉 भगवान श्री कृष्ण जी🙏🙏जो बी बेधर्मि सनातन🕉 धर्म के मंदिरो 🙏🙏 तोड़ना चाहते हैं बरबाद करना चाहते हैं !!ऑर मंदिरो 🙏🙏 को नुक्सान पूछना चाहता है !! ओह बेधरमियो का सामूहिक विनाश हो जाए !! सनातन 🕉 धर्म के मानने वiलो में एकता हो !! जो सनातन धर्म के शत्रु है ओह शत्रुओं का सामूहिक विनाश हो !! सनातन 🕉 धर्म का विश्व में विस्तार हो !! हमारी (PARATHNA )सविकार करो !! योगेश्वर 🕉 भगवान श्री कृष्ण जी 🙏🙏 हम सब सनातन🕉 धर्म के मानने वाले आप की शरण में है !! हमारी रेक्षा करो हमारी ( PARATHNA )सविकार करना !! जय श्री योगेश्वर 🕉 श्री कृष्ण जी🙏🙏
शत गुरु के समान तो एक ही पिता होवे सहस्र गुरु तुलय माता एक ही बताई हैं पर सीता के समान लव कुश की महतारी जैसे चरित्र वान नारी की महानता बताई हैं।। जय वेद भगवान्। जय गायत्री माँ।।
पाठ के आधार पर आपके द्वारा उच्चारित मन्त्रपाठ अशुद्ध है ! यदि आप इस 'मित्रादभयममित्राद.....' का भाष्य अथवा अर्थ कर रहे होते तो, पदार्थ करने के हेतु से शुद्ध था ! किन्तु, अभी अशुद्ध ही है !