विश्व स्तर पर जो स्थापित और मान्यता प्राप्त "ऐतिहासिक क्रम Chronological Order)" उसके अनुसार रामायण, महाभारत, गीता आदि धर्म ग्रंथों में वर्णित धटनाओं एवं पात्रों को ऐतिहासिक मान्यता प्राप्त नहीं है। अर्थात वे सभी काल्पनिक घटनाएं व पात्र (Mythical Events and Figures) कहलाते हैं। जबकि, गौतम बुद्ध,ईसा मसीह एवं मोहम्मद साहब को ऐतिहासिक व्यक्ति (Historical Personality) की मान्यता है।
भारत अत्याधिक धर्मोन्माद धर्मांधता पाखंडवाद अंधविश्वासों के कारण ही गुलाम हुआ था। इन दिनों ये सब बातें पुनः उभार पर हैं, अगर इन्हें रोका नहीं किया और समाज में वैज्ञानिक तार्किक विचार धारा विकसित नहीं की गई तो भारत फिर से गुलाम हो सकता है। इस बार गुलामी उत्तर -पूर्व दिशा से आएगी?
ys its, abt like dnt get depend on others like taking excuses...its just abt will & commitment to perform whatever is needed for society..just start doing it.. is d best..being as proactive for d cause.. very purposeful session tysm💖🙏🏽 #vskmalwa
आपके तार्किकता को आपने कितने प्यार से दिशा को नई पीढीयों को दिखाया।पर महोदय आप बेहद आदर से पुछना चाहता हूं कि क्या राम राज्य में दलितों को इन्सान समझा गया था,शम्बुक ऋषि पर आपके विचार रखे । क्या संविधान के बिना दलित शिक्षित होने कि कल्पना कर सकते हैं । वर्तमान में देश के प्रथम नागरिक को मंदिर में प्रवेश करने दिया गया था , आपने बेहतरीन तरीके से गोलमेज सम्मेलन के विषय मे बताया तो यह भी बताते कि बाबासाहेब डॉ भीमराव आंबेडकर जी ने उस गोलमेज सम्मेलन में दलितों को दो वोट देने के अधिकार कि मांग कि थी जिसे उस गोलमेज सम्मेलन में मान लिया गया था तो फिर उसी महात्मा ने यरवदा जेल में आमरण अनशन क्यों शुरू किया जिसका परिणाम पुना पैक्ट के नाम से जाना जाता है। क्या संविधान लागू होने से पहले दलितों और पिछड़ों और आदिवासी व महिलाओं को शिक्षित होने का अधिकार था । पिता के जायदाद में महिलाओं को हिस्सा देने का प्रावधान था। क्या बाबासाहेब डॉ भीमराव आंबेडकर जी को इसी रामराज्य में समान्न मिला होता तो वे क्या वह अपने साथ अपने दलितो समाज को बौद्ध धम्म में प्रवेश दिलाते । बाबासाहेब डॉ भीमराव आंबेडकर जी ने कहा था संविधान कितना भी अच्छा हो पर उसे चलाने वाले अच्छे नहीं होंगे तो ये संविधान बुरा साबित होगा य़दि संविधान कितना भी बुरा हो यदि चलाने वाले अच्छे होंगे तो देश सुचारू रूप से चलेगा। जरा नई पीढीयों को यह भी बतायें मान्यवर।
Hamesha sanvidhan par hi baat karte hai keval ram rajya hi Lana chahta hai sanvidhan me jod kar logo ko bataya ja raha hai itna Kam karenge un logo ko batao chhutti sarkar ko samjha