वास्तव में आप जैसे संत ही से इस देश में सुख शांति समृद्धि आ सकती है। आपके ज्ञान का प्रभाव महा मुर्ख व्यक्ति पर नहीं होने वाला है। कुछ नासमझ के कामेंट पर खेद है।
सबसे बड़ा साधु संत ज्ञानि शंकराचार्य और बुद्ध के जैसे नबी के रूप मे बिशेषकर हिन्दी बहुल क्षैत्र मे ही पैदा लिया कबीर से लेकर कवि तक लेकिन नवरत्न आत्मा को अब इसरो के माधय्म से चांद और सुर्य पर आदमी मिलेगा। पंचांग से तो दो कौड़ी के आत्मा को पता चल गया होगा कि 14 जनवरी मकर संक्रांति का महत्व क्या है। अब ये दो कौड़ी के आत्मा का व्यापार पंचांग के नाम पर लोकतंत्र का मजा और खजाना लुटने के लिए ही है किसी का चैलेंज स्वीकार करने के लिये किसी बेश्या के पैट से नही शेरनी के पैट से जन्म लेना पड़ता है।
Aap bhi sahab Kabir ki bhakti batate hai and sant Ram pal bhi Kabir ki bhkti batate hai lekin antar bait hai kisko sahi Mane aap logone logo ko bhrm dalne ka kam kar rahe hai
Main iski bakwas ko sunta hi nahin sirf comment karta hun kyoki main ap logo jesa murkh nahin hu yeh admi apne ko nahin koj Paya to us Kabir ji ko kya samjega jis Kabir ne pura jeevan Ram ji ki sewa main gujar diya
Ye swwr to nhi hei bk bk krta hei mb ka pesa khrab hota hei esse pucho apne ma ka kitna sewa kiya hei ghr chonkr apna dukan chlane wala dusre drm ko khrab batane wala. Kutti krta hei