ज्ञानमार्ग प्रवेशद्वार : gyanmarg.guru
सपनों के महल
आशाओं के द्वार
इच्छाओं के पालने
खुशीओं का व्यापार
जीवन था जैसे
रेत की दीवार
ले चलो गुरुवर
सागर के पार
दिन बीत गए
आज कल के बहाने
आयी शरण गुरुवर
वंदन बार बार
झूठी सी एक प्यास
बहा ले गई मुझे
थाम लो गुरुवर
मैं हूँ लाचार
बिन ज्ञान बिन प्राण
अजानी दीवानी
स्वीकारो गुरुवर
इस दासी का प्यार
सपनों के महल
आशाओं के द्वार
इच्छाओं के पालने
खुशीओं का व्यापार
सपनों के महल
आशाओं के द्वार
इच्छाओं के पालने
खुशीओं का व्यापार
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18 июн 2024