स्वामी प्रसाद मौर्य जी को में धन्यवाद देना चाहता हूं जब बहुजन को जगाने और जागृत करने का कार्य किया है और मैसेज चैनल को भी धन्यवाद देता हूं जो उनके प्रचार प्रसार में बहुत ईमानदारी से लगा हुआ है
बहुत बहुत साधुवाद मैं स्वामी प्रसाद मौर्य जी को सपोर्ट करता हूं। जिस तरीका से ज्ञान वापी मस्जिद को लेकर के चर्चा में है और उसी तरीका से जितने भी बुद्ध विहार को बौद्धो को वापस कर देना चाहिए। मैं राजकुमार चौधरी बौद्ध गणमान्य जनों से अपील करना चाहता हूं।कि बौद्ध विहार को वापस लेने के लिए कोर्ट में याचिका दाखिल की जाए । यदि हम बहुजन इन पर याचिका दाखिल नहीं करेंगे तो इनका मनोबल बढ़ता जाएगा और बुद्ध बिहार पर और संकट बढ़ जाएगा । जैसे उदाहरण अभी कुछ दिन पहले मेरठ के बुद्ध बिहार पर बुलडोजर चलने का आदेश फरमान जारी हुआ था आप लोग इतना जल्दी क्यों भूल जाते हैं। यदि हम बुद्धिस्ट ऐसे ही छोड़ते जाएंगे तो बौद्धो पर संकट बढ़ेगा । याद रखिए ।।भय बीनू प्रीत नाहीं।। जय भीम नमो बुद्धाय।
बौद्ध विहारों की तरह ही बुद्धों को हिन्दुओं में परावर्तित किया गया है।ब्राह्मण धर्म में मूर्ति पूजा नही थी बुद्ध कालीन मूर्तियों को हिन्दुओं के देवी देवताओं का नाम देकर बौद्ध विहारों को मंदिरों में बदला गया है।
दोस्तों हम भारत के 140 करोड़ जनता से निवेदन करते हैं स्वामी प्रसाद मौर्य ने जो कहा है सम्राट अशोक के 84000 बुद्ध विहार कहां जय उनको ढूंढना चाहिए और जिन लोगों ने उन पर कब्जा किया है अगर उनमें जरा भी नैतिकता है तो उन्हें तुरंत वह तमाम बौद्ध विहार चीन पर मनुवादी ने कब्जा किया है पौधों को सौंप देना चाहिए न्याय तो यही कहता है स्वामी प्रसाद जी आप सत्य की खोज में लगे रहिए इतिहास आपके साथ है धर्मराज पटेल अकेला थाना घोरावल
स्वामी प्रसाद मौर्य जी के वयान से यह सिद्ध हो रहा है कि अब हम सभी मूल निवासियों को बुद्धिस्ट की सरकार बनाई जाय जिससे हमारी विरासत को वापस लिया जा सके। बहिन जी ने ही अपने शासन काल में बुद्ध भिक्षुओं का सम्मान किया था।
बहुत बढ़िया वीडियो बौद्ध धम्म के इतिहासिक साक्ष्यों को साक्ष्य के साथ बताने के लिये । सैल्यूट है आवॉज इंडिया को ।सही कहा है स्वामी प्रसाद मौर्या जी ने । सम्राट असोक के द्वारा बनाये गये चौरासी हज़ार स्तुप कंहा गये? भारत बुद्ध की धरती है सम्राट असोक की धरती है । नमोबुद्धाय जयभीम
Buddha विरासत samrat Ashok ने 84000 हजार stup बाधेथे वह काहा गये है इकी जाच हाेना बहुत जरूरी है .और दुधका दुध और पाणी का पाणी हाे जायेगा.जय भिम जय सविंधान जय भारत.
हिंदू, वैदिक , या ब्राह्मण संस्कृति अथवा धर्म को जो लोग मानते हैं, उनमें प्यार सौहार्द की कोई चीज नहीं ,वह तो पूरी तरह लूटपाट, मारकाट व सुरा सुंदरी से भरे हैं
इन मंदिरों का बौद्ध मठ होना ऐतिहासिक सच है,,,इतिहास में दर्ज घटनाओं के लिखित दस्तावेजों जो प्रमाणित है,के आधार पर कहा है ,और वो सत्य है ,अगर ज्ञानवापी की जांच होगी तो अन्य मंदिरों की भी जांच होनी चाहिए, सभी बहुजन समाज उनके बयान से सहमत है
स्वामी प्रसाद मौर्य बिलकुल सही बात कह रहे है। असली इतिहास सामने आनी चाहिए। क्युकी वेदों में मूर्ति पूजा नही है । बेदी में बुद्ध की आलोचना की गई है। हिंदुओ को सोचना चाहिए की अगर वे अपने आप को हिंदू कहते है तो वे अपने आप को शूद्र कह रहे है क्युकी हिंदू धर्म वर्ण व्यवस्था पर आधारित है। हिंदू धर्म मे शुद्रो को पढ़ने का अधिकार भी नही है।अगर वे गलती से भी वेद को सुन ले तो उनके कान में शीशा पिघला कर दल देना चाहिए। इसलिए हम लोगो को आपने पूर्वजों द्वारा लिखे गए इतिहास को पढ़ना चाहिए। मनुवादी लोग हमारा इतिहास छुपाकर काल्पनिक इतिहास लिखा है।
मेरे भाई सनातन धर्म को तोड़ने के लिए धार्मिक ग्रंथों में वामपंथीयो ईसाई और लालसी लोगों ने मिलावट कि है ऊसको पढ़ पढ़ के आपस में अपना ख़ुद का लोग नुकसान करते हैं उसमें नहीं कुछ राजनीतिक लोगों फ़र्क पड़ता है और नहीं किसी लेखक को नहीं को भाषण बाज़ी लोगों को इसलिए यह मिलावटी बातो को ले के पैसा कमाने के लिए यूट्यूब पर चेनल खोला हैं सभी लोग सावधान हो जाये ईस कलुयग में बहुत सारे जयचंद और विधर्म लोग धार्मिक ग्रंथों कि मिलावट बातों को लेके आयेंगे और आपस में लड़ायेंगे और यह लोग पैसा कमाएंगे ऐसी के कमरों में बैठ के
@@jayprakash8610, ये दोगले, इर्ष्या से भरे हुए लोग हैं dr.. अंबेडकर के सकारात्मक सोच को क्या समझेंगे ए कुछ सालों तक ऐसा नकारात्मक सोचते रहेंगे, जब तक लोकतंत्र का युग समाप्त न हो जाए फिर वैसे के वैसे बने रहेंगे क्यू की धरती, राष्ट्रों में शासन की हमेशा एक ही व्यवस्था नही बनी रहती है पड़ लिख , मेहनत कर आर्थिक, सामाजिक उन्नति तो कर नही रहे और उन्नति करने वालों से प्रतियोगी बन नही रहे उल्टे उन लोगो से जलन कर रहे युग परिवर्तन के बाद क्या करेंगे जलन करने वाले, निकम्मे लोगों ने परिश्रम करके उचाईयों को छूने वालों की मेहनत को नही देखा, कुछ न करने वालों ने उनकी केवल जाति देखी
स्वामी प्रसाद मौर्या अपनी बातों को ऐतिहासिक सत्य के आधार पर कहते हैं 100% सत्य ये एक राजनितिक नेता नहीं बल्कि एक महामानव है जो सही बातों को लोगों के समक्ष रखते हैं आपकी जय हो आप इसी तरह सत्य को सामने रखते रहे
माननीय स्वामी प्रसाद मौर्य जी जो कह रहे हैं वह सत्य है जो इनके बड़े बड़े जो मठ मंदिर है वह बौद्ध विहार या बौद्ध मंदिर है और हमारे तथागत बुद्ध को कहीं साड़ी पहना दिए है हमारे सभी बौद्ध मंदिरो को मनुवादियों ने बुद्ध को चेंज कर दिया कहीं कान में वाली पहना दिया कहीं साड़ी पहना दिया बहुत सारा परिवर्तन कर दिया है
बद्रीनाथ, केदारनाथ, गोरखनाथ, जगन्नाथ, सोमनाथ, अमरनाथ, कैलासनाथ, पंढरीनाथ, बालानाथ(बालाजी)ये सभी बौद्ध स्थल हैं।किसी की गलत जानकारी से उत्पन्न आस्थारूपी भावनाओं को पौराणिक साक्ष्य और इतिहास की सही जानकारी लेकर परिमार्जित करने की जरूरत है न कि अपने आस्था को आहत करने की।
Bahut log ey baat जानते हैं कि यह बौद्ध काल के हैं जीनों हों ने इतिहास पढ़ा है लेकिन कहने की हिम्मत नहीं जुटा पा ते हैं लोग इस काम को स्वामी प्रसाद मौर्य जी ने किया है 🙏🙏
nich canvrted african ghus pethe ki sirf dhed aukati o bhi tatti chatu soch . st obc kattar hindu yuva chhatrapati shivray ke mavla ho to ab desh dharm ke liye mar , mitane hindusthan ke kone , kone se sidhh ho jaye . jay hindavi swarajya 🚩🚩
st obc kattar hindu yuva jago , chhatrapati shivray ka hindavi swarajya kaha hai , ham ne abhi socha nahi to chhatrapati shivray hame kabhi maf nahi karenge , ab gav gada se dakhal , action lene ka vakt aaya hai . jay chhatrapati shivray .🚩🚩💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪
@@jyotilakshmi4443 apne deash mai hi sab mil jayege... Kai to mil chuke hai.. Bidh ko hi kapda pehna ka kya bana diya hai... Or kisi desh mai find karne jarurat nahi hamko
बिल्कुल सही कहा , मस्जिदों में मंदिर तलाशने वालो पहले ये बताना पड़ेगा , कि महान सम्राट अशोक ने 84000 बौद्ध स्तूप बनाए थे, जो मंदिरों में बदल दिये गए हैं , वे सब मंदिरों को बौद्धों को सोंपने ही पडेंगे । ये बात ध्यान में रखना ।
कोई विदेशी नहीं कोई स्वदेशी नहीं सब धरती पर जन्म लिया है यह सब स्वर्ण वर्सेस ओबीसी किया ऊसक मुख्य कारण विधर्मीयो और वामपंथी और कुछ लालसी लोगों ने धार्मिक ग्रंथों में मिलावट किया है वर्तमान में ऊसको पढ़ पढ के आपस में टकराते हैं उस मिलावट खोरी में सभी लोग जाल में फस चुके हैं इसलिए कोई ऊसका तर्क से जबाव नहीं दे पाता और नहीं ऊसको ग़लत साबित करता है आम जनता को कोई धार्मिक ग्रंथ तर्क से पढ़ने के लिए टाईम नहीं इसलिए जो कुछ राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए जो ग्रंथों मिलावटी बातों को ऊठा के समाज को आपस में झगड़ा लगवाते हैं और आपस में एक दूसरे का नुक़सान करवातें है
आज हम धर्मांधता की फितरत देख रहे हैं उनकी नफरती नजरें व भाषा राजनीति की रोटियां सेंकने के लिए मुस्लिम समुदाय पर अटक गई है। परंतु ऐतिहासिक पृष्ठभूमि का अध्ययन करने पर यह ज्ञात हुआ है कि बौद्ध व जैन ऐसे पुरातनवादियों व दकियानूसी संस्कृति के पौषको ने भयंकर क्षति पहुंचाई है।
JAI Bhim Namo Buddhay This message was very useful for our society. How can I achieve it .where are our Buddhist temple.Who were converted it. I Saluted Mr Swami Prasad Maurya.
Swami Prasad is saying correct .All buddhist should claim and take it in his fold .I support Swami Prasad Maurya ji. He is a great leader. Bhan ji playing in hand of BJP.
Swami ka Prasad keval kursi dekhta hai "Dalbadlu ka raja " B.S.P. --> B.J.P. --> S.P. ---> B.J.P. Isiliye apni beti ko B.J.P. mai rakkha hai.MAURYA aisa koi saga nahi jisko Isney daga nahi.😂😂😂😂
Masjido ki khudai karo Buddha stupa Masjido ke niche mill jayenga.north india mayjitney bi mandir hai Saab thinso saal pale Ke hai jo marstha rani ahilya bhai holkar ne banaye hai.masjido ke niche mandir aur stupa mtll jayengay
@@KK-or3kj Inhi sub katooto aur pakhand se Baudh dharm ki bharat mai durdash hai. Jab bharat par Greek, Yvan, Shak ,Hoond etc videshi takto ne hamla kiya to baudhh bhante dharm guru ne inhi videshi hamlawaro ka sath diya. Vahi kam abhi bhi kar rahe ho. Mugalo ,angrejo , Congressio se apney bandh vihar kyo nahi vapas manga. Ab Musalmano ke hadiyar ban kar gaddari kar rahe ho. Inhi Jihadio ne bharat ke baher Isalamic mulko mai lakho baudh vihahar aur Murti todi hai. Lekin ab " Bhudham Shradm Gchhami " ki jageh " Allah Shardam Gacchami " ka pakhand karte raho🐘🐘🐘🐘🐘
सरजी, आपको सप्रेम जयभीम !स्वामीप्रसाद मौर्य साहबजी जो कह रहे है ।उनकी बात सौ पिसदी सही है । आदरणीय प्रा. विलास खरात सरजी नेभी इस विषयपर किताब भी लिखी है। ज्ञानवापी तो बुद्धके प्रथम पाच सिष्य मे एक वप्प थे उननका ज्ञान केंद्र था । और भदोही यह स्थली भी तथागत भ. बुद्ध के प्रथम पाच शिष्य मेसे एक शिष्य भद्दीय की ज्ञान केंद्र का स्थल है ।
@@boduramverma3853 हमारा संविधान प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने लिखा है। डॉक्टर बीआर अंबेडकर संविधान सभा की ड्राफ्टिंग सभा के अध्यक्ष थे, इसलिए उन्हें संविधान निर्माता होने का श्रेय दिया जाता है, लेकिन प्रेम बिहारी ने अपने हाथ से अंग्रेजी में संविधान की मूल कॉपी यानी पांडुलिपि लिखी थी।
बौद्ध ही सनातन है सनातन ही बौद्ध मन्दिर बने या बुद्ध विहार बने कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन लेकिन मस्जिद के निचे जितने भी मन्दिर बुद्ध विहार हैं ऊसको वापस लेना चाहिए बुद्ध विहार गुरूद्वारे जैन मन्दिर सब सनातन कि शाखाएं हैं है इसलिए हम सभी को दिल से मानते हैं महर्षि वाल्मीकि जी हम सभी के है और रामजी भी सनातन धर्म में हर धार्मिक पुस्तकों में मिलावट कि है इसलिए कभी कभी आपस टकरा जाते इसलिए जातियों के नाम जो भी धार्मिक ग्रंथों उल्टी सिधी बातें लिखी गई हैं उसको सिरे से सभी को खारिज करना चाहिए और जो मानव हितों में लिखी हुई बातो को ही मानना चाहिए
@@ramaramchoudharychoudhary7577 हम कभी कट्टर थे ना होंगे,, आज भी हमारे महामानव बुद्ध को शांति का प्रतीक माना जाता है। ब्राह्मणों द्वारा budh को हिंदू बताने की थ्योरी किसी और को सुनाना
@@ramaramchoudharychoudhary7577हमें हमारा सिर्फ और सिर्फ बुद्ध ही चाहिए और कुछ भी नहीं चाहिए , तुम अपना पाखण्डी काल्पनिक मनगढ़ंत राम रामायण , कृष्ण , ब्रह्मा , विष्णु , महेश , शिव , शंकर आदि अपने गांड में घुसेड़ लो !
To phir yahi baat apne Modi ji aur Yogi ji ko samjhayeeye..... Jo har Masjid me Mandir dhhundte phirte hai....Aur jaatiya aur dharmik hinsa karwate hai.....
भारत में आम नागरिक को हिन्दू की टोपी पहना कर बुद्ध विहारों पर देवी देवताओं का नकाव चढ़ा कर बुद्ध विहारों को हड़पा गया होगा, ये असत्य फिर फिर 84000 बुद्ध विहार और कहाँ गए हैं, या....?