चंद्रशेखर देश के एक ऐसे नेता थे, जो कभी केंद्र में मंत्री नहीं बने. बने तो सीधे प्रधानमंत्री. और फिर बारामती में सुप्रिया सुले की शादी में कुछ ऐसा हुआ कि चंद्रशेखर वापस लौटे, सदन में एक लंबा भाषण दिया और फिर इस्तीफा दे दिया. हालांकि इस्तीफा देने के बाद भी वो तब तक कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने रहे, जब तक कि नरसिम्हा राव ने कार्यभार नहीं संभाल लिया. आखिर ऐसा क्या हुआ था चंद्रशेखर और राजीव गांधी के बीच कि चंद्रशेखर को इस्तीफा देना पड़ा और कहना पड़ा कि वो दिन में तीन बार फैसले नहीं बदलते, बता रहे हैं अविनाश राय.
7 сен 2024