अमृता-इमरोज इन पर इतना खूबसूरत प्रस्तुतिकरण, वाहह, राजेश जी, अमृता मेरी पसंदीदा लेखिका है, उनकी सारी पुस्तकें पढ़ी और बार बार पढ़ती हूँ। जब वें बेड पर थी असहाय सी ,तब उनसे मिली हूँ हमारी पत्रिका के विशेष स्तंभ के लिए। उस समय इमरोज़ जिस तरह उनकी सेवा करते थे,क्या कहूँ उनके बीच के उस प्रेम को मैने अपनी आँखों से देखा,अनुभव किया। शब्द नहीं है मेरे पास, उनका प्यार सदैव अमर रहेगा। बधाई आपको राजेश जी।🎉
राजेश बादल जी, आपका बहुत-बहुत धन्यवाद शुक्रिया आभार । आपने बहुत ही बेहतरीन प्रोग्राम तैयार किया है । आज जब इमरोज़ नहीं रहे, ऐसे में आपका यह प्रोग्राम और ज्यादा प्रभावी और स्थायी बन चुका है। आपका पुन: धन्यवाद और अनेक शुभकामनाएं ।
राजेश बादल जी अमृता इमरोजके लिए मैं कुछ अपने भाव शेयर करना चाहता हूं, इमरोज अमृता प्रीतम का संबंध एक लैला मजनू की कहानी तो नहीं थी पर वह एक दिल दो जान थे अमृता प्रीतम के साहित्य का मर्म था इमरोज आज नहीं रहा अमृता के पास चला गया पंजाबी उर्दू का साहित्य अमर हो गया l मेरी लेखनी में भी कहीं अमृता का बहुत बड़ा सच्चाई का एहसास छिपा हुआ हैl इमरोज तुझे आखरी सलाम. चिर निद्रा के बाद अमृता के साथ खुश रहना l ----- अश्विनी