सूर्य नमस्कार क्या है?
सूर्य नमस्कार योगासनों में सर्वश्रेष्ठ है। यह अकेला अभ्यास ही हमारे सम्पूर्ण शरीर का व्यायाम करा देता है। इसके दैनिक अभ्यास से हमारा शरीर निरोगी, स्वस्थ और चेहरा ओजपूर्ण हो जाता है। महिलायें हों या पुरुष, बच्चे हों या वृद्ध, सूर्य नमस्कार सभी के लिए बहुत लाभदायक होता है
सूर्य नमस्कार के लाभ :
सूर्य नमस्कार से हृदय, यकृत, आँत, पेट, छाती, गला, पैर शरीर के सभी अंगो के लिए बहुत से लाभ हैं। सूर्य नमस्कार सिर से लेकर पैर तक शरीर के सभी अंगो को बहुत लाभान्वित करता है। यही कारण है कि सभी योग विशेषज्ञ इसके अभ्यास पर विशेष बल देते हैं। सूर्य नमस्कार के अभ्यास से शरीर, मन और आत्मा सबल होते हैं। पृथ्वी पर सूर्य के बिना जीवन संभव नहीं है। सूर्य नमस्कार के शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक और मनोवैज्ञानिक कई लाभ हैं :
1. सूर्य नमस्कार करने से आप बनते हैं स्वस्थ और हृष्ट- पुष्ट
2. बेहतर होता है पाचन तंत्र
3. सूर्य नमस्कार करने से पेट की चर्बी घटती है
4. मन की हर चिंता और तनाव को आपसे दूर रखता है सूर्य नमस्कार
5. शरीर में लचीलापन चाहिए तो सूर्य नमस्कार है कुंजी
6. मासिक-धर्म करना है नियमित, तो रोज़ करें सूर्य नमस्कार
7. बच्चों में एकाग्रता बढ़ाता है सूर्य नमस्कार
8. रीढ़ की हड्डी को मिलती है मजबूती
सूर्य नमस्कार के पीछे का विज्ञान
सूर्य नमस्कार करने की विधि ही जानना पर्याप्त नहीं है, इस प्राचीन विधि के पीछे का विज्ञान समझना भी आवश्यक है। इस पवित्र व शक्तिशाली योगिक विधि की अच्छी समझ, इस विधि के प्रति उचित सोच व धारणा प्रदान करती है। ये सूर्य नमस्कार की सलाहें आपके अभ्यास को बेहतर बनाती है और सुखकर परिणाम देती है।
भारत के प्राचीन ऋषियों के द्वारा) ऐसा कहा जाता है कि शरीर के विभिन्न अंग विभिन्न देवताओं (दिव्य संवेदनाए या दिव्य प्रकाश) के द्वारा संचालित होते है। मणिपुर चक्र (नाभि के पीछे स्थित जो मानव शरीर का केंद्र भी है) सूर्य से संबंधित है। सूर्य नमस्कार के लगातार अभ्यास से मणिपुर चक्र विकसित होता है। जिससे व्यक्ति की रचनात्मकता और अन्तर्ज्ञान बढ़ते हैं। यही कारण था कि प्राचीन ऋषियों ने सूर्य नमस्कार के अभ्यास के लिए इतना बल दिया।
Join us on Facebook
www.facebook.c...
Join us on Instagram
/ arya_tushant_yoga
29 сен 2024