तीनों भाई बड़े महाशय हुये है।। महाशय रामकुमार ने मां सतबीर व राजेन्द्र खरकिया, बालकिशन ने रणबीर बड़वासनी और कृष्ण ने सरिता व पासी को बहुत पहचान दिलाने वाले।
मलिक साहब मेरा गांव बवाना है। मेरी आयु सत्तर प्लस है। मैं सौभाग्यशाली हूं कि ये इन्टरव्यू देख रहा हूं। मैंने आदरणीय धूलिया साहब, सुभान साहब को रूबरू देखा है। मैं आज अपने आप को धन्य मानता हूं।