Eswar jo nashwar nahi hai vahi eswar hai ।।jaise brahmand aag Pani hwa nav grah j sb ।।lekin murakh baba tum नश्वर हो इसलिए तुम ईश्वर नहीं ।। भ भूमि, गा गगन अ अग्नि वा वायु न नीर यानी पानी सब अक्षर मिला लो भगवान वर्ड बनता है बोल मुर्ख बाबा तुम भगवान का मतलब नहीं जानते इस में तेरा दोष है न की भगवान का ।।और बाबा कर्म जिसका अच्छा होता उसी को मोछ्यां मिलती ।।वरना रोग दुख गरीबी लाचारी वेवशी मिलती थी स्वर्ग और नरक है इसलिए बताओ कर्म अच्छा kro । तुम भी किसी को मानते हो कबीर को भी तेरे लिए आस्था का केंद्रबिंदु है उसी तरह sbka अपना अपना ashtha हैं,,
Barbar shivcharcha ka target Kyo karte ho kisi ko nicha dikhana kaha ka dharam hai shivcharcha wale to kisi ke bare me kuchh ulta nahi bolte tum Kyo bolte ho