राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम !! राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे !! !! सहस्त्र नाम तत्तुल्यं राम नाम वरानने।।
राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम - शरणानंद जी के विचार संतो के विचार से मेल नहीं खाते हैं । तुलसीदास जी सूरदास जी आदि संतों के मत के विपरीत हैं । पूज्य श्री सेठ जी ने अपने प्रवचनों में शरणानंद जी का नाम लेकर कहा है कि यह रास्ता अच्छा नहीं हैं, अंधेरा तो सूर्योदय होने के पहले ही भाग जाता है। शरणानंद जी का यशोगान करना परम पूज्य श्रद्धेय श्री सेठ जी के गोविंद भवन को लजाना है। परम पूज्य श्रद्धेय श्री सेठजी वैदिक सनातन धर्म के अनुयायी थे ।
आपका यह कहना ठीक नहीं है राम जी आप संतो को व्यक्ति के रूप में देख रहे हो संतों का भाव एक ही होता है विचार मत में भेद हो सकता है उद्देश्य और नियत में नहीं शरणानंद जी की बातों में साधक को कहीं छूट नहीं मिलती
सादर राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम जहां तक छूट का सवाल है संयमित आहार और शौचाचार पर जोर कम ही देते थे। राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम
ru-vid.com/video/%D0%B2%D0%B8%D0%B4%D0%B5%D0%BE-Jm2Qe6FCxUY.htmlsi=dC9AaMQN3OPPchgY सादर राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम कृपया परम पूज्य श्रद्धेय श्री सेठ जी के श्री मुख से उपरोक्त प्रवचन सुनिए