Banyan tree arrested in pakistan ,
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124सालों से पाकिस्तान में जंजीर से कैद है ये पेड़, जानिए क्या है इसके पीछे की हैरान कर देने वाली वजह?
आज तक आपने सिर्फ इंसानों और जानवरों को ही कैद होते हुए देखा होगा, लेकिन आज हम आपको एक पेड़ के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे सैकड़ों सालों से जंजीरों में जकड़ कर रखा गया है. जी हां एक ऐसा पेड़ है जो कि एक दो नहीं बल्कि पूरे 118 सालों से ‘गिरफ्तार’ है.
यह पेड़ पाकिस्तान के लांडी कोटल आर्मी में लगा है. इसकी गिरफ्तारी के पीछे बड़ी ही दिलचस्प कहानी है. अब आपके मन में सवाल तो जरूर उठ रहा होगा कि भला पेड़ को कोई गिरफ्तार क्यों करेगा? ज्यादा दिक्कत होगी तो पेड़ काट देंगे. लेकिन एक अंग्रेज जेलर की जिद्द के कारण इस पेड़ को ‘गिरफ्तार’ किया गया और वो आज तक बड़ी-बड़ी जंजीरों जकड़ा हुआ है.
ये बात उस समय की है जब पाकिस्तान भी हमारे मुल्क का हिस्सा था और सोने की चिड़िया कहे जाने वाला ये देश अंग्रेजों का गुलाम था. साल 1898 में एक ब्रिटिश अफसर जेम्स स्क्वेड टहल रहे थे. नशे में धुत होकर वह पार्क में घूम रहे थे. जब जेम्स वहां स्थित एक बरगद के पेड़ के पास से गुजरे तो उन्हें लगा कि वह बरगद का पेड़ उनकी ओर आ रहा है. इतने विशाल पेड़ को अपनी ओर आता देख स्क्वेड बुरी तरह घबरा गए और उन्होंने तुरंत सैनिकों को आदेश दिया कि पेड़ को गिरफ्तार कर लिया जाए. सैनिकों ने अपने अफसर की बात मानते हुए पेड़ को जंजीर से बांध दिया और तब से लेकर आज तक यह पेड़ गिरफ्तार है.
समय अपनी रफ्तार से गुजरता गया और एक मुल्क दो हिस्सों में बंटकर आजाद हो गया लेकिन वहां के लोगों ने इन जंजीरों को पेड़ से नहीं निकाला. इसके साथ ही उन्होंने पेड़ पर एक तख्ती भी लटका दी और तख्ती पर लिखा है ‘I am Under arrest’. आज तक जंजीरें इसलिए नहीं हटाई गई, ताकि अंग्रेजी शासन की क्रूरता को दर्शाया जा सके और अब यह एक पर्यटन स्थल है. इसके साथ ही पूरा किस्सा भी लिखा हुआ है. बहरहाल, अंग्रेज चले गए और भारत-पाकिस्तान अलग हो गए, लेकिन ये पेड़ आज भी अंग्रेजी हुकूमत के काले कानून की याद दिलाता है.
2 окт 2024