वह वाह प्रोफेसर अखिल स्वामी जी अलख जगाने के लिए भाई जी मैं आपके विश्लेषण को बहुत ध्यान से सुनता हूं, मैं अलीगढ़ मुस्लिम विश्व विद्यालय से आनर्स सहित मेकैनिकल इंजीनियरिंग का ग्रेजुट हूं एवम में एक मात्र पुत्र अलाएंस यूनिवर्सिटी बंगलुर में फाइनेंस मैनेजमेंट की Astt प्रोफेसर है।
बिल्कुल सही कहा आपने अब मोदी का तानाशाह वाला रूतबा खत्म हो गया हर कोई अब मोदी को जवाब देने लगा है यह सब इंडिया गठबंधन का कमाल है आज सब अपनी अपनी आवाज उठा रहे हैं यह लोकतंत्र की विशेषता है जय भीम 🌹 जय संविधान 🙏 जय भारत
Tanasha to moorakh puvlic ne banayahai maine 2014 , 19 2024 mein unko vote nahi diya lekin desh ki moorakh janta ke dwara kukritya kafal main bhog raha hun aur 140 cr log bhog rahe hai
अब तो आगे आगे देखो ईन्डिया गठबंधन क्या करता है ।अभिमान तो राजा रावण का ही न रहा हो ।तो भाजपा किस पेड की मूली ।खुद सर संचालक आर एस एस को भी कहना पडता है अभिमान में न आओ ।यह सब पब्लिक के हाथों के हाथों में है ।जो राजा बना सकता है वह रंक भी बना सकता है ।
Supreme Court has not acted the way it should have acted, in mid of election process at that time to it could have imposed it's directives. The doubts which are there in quite a large number of people, this doubt then could not have risen at all.
सात चरणों में हुए चुनाव के पूर्व EVM सेट करने जो इंजीनियर प्रत्येक लोकसभा क्षेत्रों में चुनाव आयोग की तरफ से गए हुए थे उन सभी का नाम अगर जारी कर दिया जाय या पता चल जाए तो पूरे देश की जनता को समझ में आ जाएगा कि EVM का खेल कैसे खेला गया है। सिर्फ 50 से 60 इंजीनियर ने ही यह अंजाम दिया है जो अधिकांश गुजराती हीं हैं।वाह रे लोकतंत्र के मसीहा तौबा।
निधि जी और स्वामी जी, चुनाव तो निष्पक्ष बिल्कुल नहीं हुआ है मोदी खुद चुनाव हार रहे थे मोदीजी चुनाव जीते नहीं है राजीव कुमार ने जितवाया है अगर चुनाव ई वी एम से ना हुआ होता तो मोदी 140 पर ही रह जाते इंकलाब ज़िंदाबाद !
यदि जांच हो जायें तों चुनाव आयोग का झूठ सामने आ जायेगा।। मुझे नहीं लगता है कि दोबारा गणना चुनाव आयोग करने देगा।।वो बेईमानी से ऐसे सपूत पेश करेगा कि दोबारा गणना के आदेश को ऐन करेन रूकवाने के लिए पूरी शक्ति लगा देगा।।
प्रोफ़ेसर स्वामी जी! जो उम्मीदवार चुनाव लड़ने के लिये नामांकन शुल्क ही बड़ी मुश्किल से जमा कर पाता हो वह रू. 47 हजार की सिक्योरिटी मनी कहां से जमा कर सकता है? फिर, गलती यदि चुनाव प्रक्रिया और उसे सम्पन्न कराने वाले तंत्र की हो तो उम्मीदवार को दुबारा मतगणना के लिये किसी निश्चित रकम का भुगतान वह भी अग्रिम रूप से क्यों करना चाहिये?🇮🇳❤️🇮🇳❤️🇮🇳
बिल्कुल सही कहरहे हैं स्वामी जी यदि एक भी EVM में गड़बड़ी मिलती है तो पुनर्मूल्यांकन होना चाहिये । अच्छा तो यही हो बैलेट पेपर से चुनाव करवा लें वो भी सुप्रीम कोर्ट की देख रेख में ।
अगर विपक्ष मजबूत न होता तो भविष्य में चुनाव खत्म हो जाते, चलो कुछ बचाव हो गया, विपक्ष को भविष्य में इसी मजबूती के साथ लङाई लङ कर EVM प्रणाली (परम्परा)को समाप्त कर के बेलेट पेपर से चुनाव कराने का नियम लागू करवाना चाहिए, फिर न रहेगा बांस न बजेगी फुहङ बांसुरी।