पत्नी जमाने भर की दुख-तकलीफें सहन कर सकती हैं, परंतु अपने पति से जुदाई उसे किसी भी कीमत पर सहन नहीं होती । पति के साथ उसे जंगल-वियावन भी सुहाना लगता है । कुछ ऐसे ही भाव हैं इस लोकगीत के, जिसे अपनी आवाज से सजाया है हिमाचल की मशहूर गायिका वर्षा कटोच जी ने ।
28 май 2022