@@chedhilaltulsyan496 ka sa in the morning as a result of 22w22ww2w22w2wa2a2w2aw2wwwa22www2a22w2w22w222w22wwww2w22w2wwaw2aaaaw2w222a2w2Waawaaaw2ww2ww2w2w2wwa222awww2w2a2waaawwa2wwaa2ww2w22wwwwwwwww2aaw2aaaaaw22www2wawWwwwaaw2w2ww2aaaw22wwaaw2wwww2w2aw2aawaw22wwwwa2aaw2waaaaww2aaawwwwawwwwwwwwww2w2waaw2aww2w22w2aa2aaw2a2www2a2ww2wwaaa222ww222w2aa2a222aaww2aaa2ww22www22wwawa2aw2aa2a2w22w2w22wwwww2aa2ww22w2www22awwa2w2aaa2aawaaaaawa2awaaaawaw2www2w2w2w222ww2aww2aaaaw2wwaa22w2aa22222aw2wwa22ww22wwwaawww2w22waaaaww2w2wwwwa2www2wwa2aawwwwwa2aaaaa22ww2w2wwaaawawww2wa22aaaaww2ww2wwwaawaaaww2wwawwaaawaww2w2aaaawwawwa2aa2a2w2aaaawwwwwaaaaaaaaww2aw2a22w2wwaw2wwa2a2a222awwaa222wwwaawwwwa2aww2aawwaaawwwwaww2awww2aw2aaawwww2aw2222a2w2wwaaaaa2wa2aawawww222wwww2aawaaaaw222w2aa2ww2ww22wwww2w2w2aaa2ww22wwwwaaaaw2a2aw2aawwa2wwwawaaa222w2wa2aaawa2aaa2aawa2w2222ww22www2wwwwwww22aawaw2a2aa2a2www2ww222w2wwwwaaa2aaawaaa2wwawaawww2awa2w22aaww22aaa2wa22222222ww2w2w2wawaaaawaaww2wawaaawa2waawww22a2a2aa2wwaa2a2wwa22a2aa222waa2awwwaaawaaa2aa2wa2w2wa2wwwawww2wwaw22waw2w2aw2aaw2w222a2w2ww222w222waa2aaww222w2wwaww2aawawaw2waaaww2awaw22ww2awa2a2a2wa22w2w2aw2waaa2aawa2a2a2aaaawa2a2aw2www2a2aaa2aaaaa22wwawaa222awawaaw2aa2w2waaaaww2wawwwaaww22acd3cddd3cco
Very good छोटे भाई । और आप upnishad ganga के 52 episodes Dwivedi जी के द्वारा अवश्य देखें। I am feeling very happy to read a comment of such a youngster like u...and if u want to read something revolutionary...You can contact me via mail saurabh mishra1230@gmail.com
आपका अभिनय और आचार्य चाणक्य यह दोन्हो एक है । ऐसा लागता है कि आचार्य आप हि है। आपके मुख से संवाद जो निकलते है।साक्षात सरस्वती माता आपके जिव्हा पर वास करती हो जय माँ भारती 🙏🕉️
sir aapne , chinmaya mission ne apna kaam kar diya hai , upnishad ganga bana kar , hum bar bar dekhtay hain , aapka ehsaan hai sir , upnishad s ko aasaan karnay ke liye , salaam
मनुष्य की प्रज्ञा जन्म जन्मांतरों तक अनवरत चलती है।आपके समस्त सीरियल नाटक फिल्मे उसी प्रज्ञा का परिणाम हैं। आपके ज्ञान गोदावरी से स्नात हुए जन धन्य हैं।
हम आपके बहोत आभारी हे की यह विचार आपके माद्यमसे हम सुन पा रहे हे | आपका व्यक्तित्व आपके विचार हमें ऊर्जा देते हे एवं विचारोकी स्पष्टता देते है | बोहोत धन्यवाद प्रणाम
Thank you for the sharing great speech of Dr. Prakash Chandra and my gratitude to all who are in the restless effort to understand and retain our great cunture of humanity in our children's and many generation to come. From Nepal and my wish, Prayer and support for making this success
,,,,ज्ञान की पराकाष्ठा,,, यह शब्द सुना था लेकिन प्रैक्टिकली आज महसूस किया,,,,, आप धन्य हो गुरुवर,,,,सनातन संस्कृति आपकी ऋणी रहेगी,,,उम्मीद है आप इसी प्रकार मेरे जैसे कई नौसिखियों को इस संस्कृति वैदिक ज्ञान से परिचय कराते रहेंगे ।।।
सर जी, आप अपने आप में एक संस्था हो, एक विश्वविद्यालय हो और एक युग हो। आपको सुनना कई किताबों को एक साथ पढ़ने के बराबर है। ज्ञान के सागर की ओर आप एक सरल मार्ग हो। आपका अभिवादन और अनेक शुभकामनाएं।
डाकटर साहब आपकी योग्यता का मैं रिणी हूँ ।मेरी बेटी ने बायोटेकनालाजी से मास्टर डिग्री ली लेकिन नौकरी नहीं करना चाहती है । बालीवुड में अपना भविष्य बनाने केलिए चली गयी है । अनामिका शुक्ला कानपुर उतर प्रदेश से है ।कयी फिल्मों में काम भी किया है ।जैसे सचिन गुप्ता की पाखी ।मनसुख चतुर्वेदी की आत्म कथा ।गालिब /लेखक धीरज मिश्रा सिमबा आदि कृपया उसको रास्ता दिखाने की कृपा करें ।अशवनी कुमार शुक्ला
I AM THE BIGGEST FAN OF YOU SIR.....YOU ARE A VERY NICE ACTOR AS WELL AS A VERY NICE PERSON......YOUR SPEECHES GIVES ALOT OF KNOWLEDGE AND INSPIRE THE YOUTH GENERATION TO PROTECT OUR INDIAN CULTURE AND TRADITION...........THANKS TO YOU FROM MY INNER CORE OF HEART...........IT IS MY DESIRE TO MEET YOU ONE DAY.....
अतिउत्तम कितनी सूक्ष्मता से कितने ही दुरूह और जटिल विषयों पर कितनी सरलता और सटीकता के साथ प्रकाश डाला...ये आप जैसा कोई प्रखर मनीषी विद्वान ही कर सकता है.....आपको कोटि कोटि नमन डॉ. चंद्रप्रकाश जी.....
है देव आप धन्य हो....आपका ज्ञान सुनके लगता है कि जीवन मे भारत देश मे पौदा होकर अगर वेदों उपनिषदों को न पढ़ा और न समझा तो ये जीवन व्यर्थ है....ईश्वर से ये ज्ञान हम भारतीयों को देकर हमे कर्ताग्र किया है....आपको ओर आपके ज्ञान को 🙏🙏🙏
जो चाणक्य आपने बनाया था, इतना अच्छा सिरियल मैन अपनी जीवन में आज तक नहीं देखा, आप से विनम्र प्रार्थना है कि भारत के भुला दिये गए इतिहास को आप समाज के आगे फिर से जीवित करें
नेपाल से काेटि काेटि नमस्कार। आपके बारे मे जितना भि प्रशंसा करुं कमि हाेगा। ओर आपने चाणक्य धारावाहिक काे जिसतरहा प्रस्तुत किया है वह शायद ओर काेहि करेगा। धन्यवाद!!!
Tumhara chanakya patra bahut natural aye hi bhai.tumhara cultural move ko my abhari hum.Acharya shankarji ka prakatotsva mere ko bahut khush hogaya. Dhanyawad Trivedi ji..
Kya batau me!!! Me abhibhut ho gaya hu. Mere adi guru itne mahan the. Kash hum bhi apane aap me aisi agni ko pragat kar sake!? Guru krupa se sambhav hai. Chandra prakashji mohanji aur UP sarkar ka abhar vyakt karata hu. Sanatan dharm ki jayyyy
Sar main Chanakya serial Na Jaane kitni baar pura Dekha Hai aur Har Baar dekhne per use FIR Se Dekhne ki ichcha hoti hai, hajaron varsh pahle Ek sampurn Rashtra ki parikalpana apne aap Mein Kitna sukhd Anubhav Deti Hai Main Bata Nahin Sakta .Sanskrit Hindu Hindustan.
मेने गुजरती मे शंकराचार्य पुस्तक लिखा हे ।मायावती आश्रम से मेने स्वामी अपूर्वानंदकी हिंदी मे लिखी पुस्तक खरीदी थी। उसमेसे शंक्राचार्य की बहुत माहिती मिली। उसमेसे जरूरी माहिती मेने लिखी। विश्वहिंदु परिषद ने छपी थी
दर्शकों के लिये एक बिंदु: मंडन मिश्र का निवास स्थल महिषी नामक ग्राम था। द्विवेदी जी ने इसको महिष्मति कह दिया है। महिषी मिथिला में है और मेरा भी मूलस्थान मिथिला ही है इसलिए ध्यान आ गया
@@Rahulkumar-qn3tk कृपया मंडन मिश्र के बारे में गूगल करें। उनका ग्राम महिषी अभी भी है बिहार के सहरसा जिला में। और महिष्मति के बारे में आपके लिखने पर गूगल किया तो उसका स्थान मध्य भारत, वर्तमान के मध्य प्रदेश में निकला।
ईसवी सन से ५०८ वर्ष पूर्व (508 BC) भगवान शिव शंकराचार्य के रुप में भारत के केरल क्षेत्र में उत्पन्न हुऐ । योगशिखोपनिषद में अपने शरीर में सात चक्रों के अंतर्गत चार आम्नाय पीठ का वर्णन है उसे आदिदैविक धरातल पर भारत में उन्होंने ख्यापित किया । पूर्व दिशा में पुरुषोत्तमक्षेत्र पुरी में ऋग्वेद से सम्बद्ध पूर्वाम्नाय गोवर्धनमठ की स्थापना की । श्री रामेश्वरम से संलग्न और सम्बद्ध दक्षिण दिशा में श्रृंगेरी में उन्होंने एक पीठ की स्थापना की जो यजुर्वेद से सम्बद्ध है , पश्चिम दिशा में द्वारका पुरी में उन्होंने सामवेद से सम्बद्ध एक पीठ की स्थापना की । उत्तर दिशा में बद्रीवन की सीमा में बद्रिनाथ के क्षेत्र में ज्योर्तिमठ की स्थापना की जो अथर्ववेद से सम्बद्ध है ।
Aur aaj Vahi Kerela Aise Logon ke Hathon Mein Hai Jo desh ko todne Ki Baat Karte Hain, Hamare purvajon ne Kitna Sundar Bhart diya Hamen use Nahin samhal Pa Rahe
मैंने न जाने कितनी बार चाणक्या एपिसोड देखे ही नहीं जिए भी। मुझे डॉक्टर जी का एक्टिंग बहुत जयादा अच्छी लगी। कियोकी उन्होंने भी एक्टिंग नहीं की थी बल्कि जिया था चाणक्य जी को। तब से मै डॉक्टर साहेब का बहु बड़ा प्रशंसक बन गया हूँ।
Aaj hame hamare dharma grantho lo tatolne ki jarurat hai kyoki ye hi hamare rishi muniyo ki dharohar hai,kuch atataiyo murkho ne inke mool ko badal diya aur ham bantne ka kam kiya hai.