लघुकथा- इंतज़ार
कहानी- नन्दलाल महापात्र, डा. अजय पात्रा
पटकथा एवं निर्देशन- मनमोहन महापात्र
बड़े बाबू के ओहदे से रिटायर गुरुपद की इच्छा अपने गाँव जाकर रहने की है| पत्नी की मृत्यु के बाद गुरुपद अपने छोटे बेटे आदित्य को अपने साथ गाँव आकर रहने को कहते हैं| इंतज़ार की कहानी एक पिता का बेटे का इंतज़ार करना और उसके सपने को संजोकर रखना बहुत ही मार्मिक अंदाज़ में दिखाता है| कहानी एक परिवार के रिश्तों के ताने- बाने तथा एक पिता का अपने पुत्र के प्रति असीम स्नेह को उजागर करता है|
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22 апр 2021