Тёмный

judge ने मां बाप की सेवा न करने पर बहु को लगाई लताड़ | The court scolded the daughter-in-law  

UTV Court24
Подписаться 155 тыс.
Просмотров 4,3 млн
50% 1

बेटे के मरने के बाद बहू ने किया मकान पर कब्जा तो जज ने पत्नी की लगाई क्लास। #live
Madhya pradesh Highcourt
#education #livestreame
After the death of the son, did the daughter-in-law send her old parents on rent? To know this, watch this video, the judge said, serve your old parents, you will get everything, the daughter-in-law alleges along with me, the father-in-law has not given me anything from the property, everything will go to his daughters after the death of my husband. My father-in-law has built houses with me for his daughters and my house is dilapidated, watch this full video to know what the court said next.
Courtesy: MP Highcourt/youtube
watch full video: mp high court
Top Of The Best Law Educational And Law Motivational Video Available Here For You Guys.
Country's Top Judge's And Lawyer's Motivation Story And Judgement Videos Provided By UTV Court24.
कानून सबके लिए है ,सबके लिए -एक है.
कानून के लिए जागरूक बने,नागरिक अपने हक को जाने,
कानून हर नागरिक के लिए
जानना जरूरी है..।।
Hon'ble chief justice of India -
देश के आखिरी कोने तक ,हर नागरिक तक
कानूनी जागरूकता पहुंचनी चाहिए.
इस अभियान में हमारा साथ दे दोस्तों।।
Everyone aware of the law of India.
Please Don't Forget..
SUBSCRIBE LIKE & SHARE
WITH COMMENT ON
This Channel's Videos
A Big Thank You Guys With ❤️.
#panauti
#lawyer
#supremecourt
#guiltminds
#courtlivestream
#indianlaw
#ias
#criminaljustice
#argument
#2023
#legal
#judiciary
#IAS
#utvcourt24
#justice
#mphighcourt
#advocate
#judge
#indiaCourtLive
#cgl
#india
#upsc
#JusticeAshutoshkumar
#learnlaw
#orissahighcourt
justice Vivek Agarwal
justice Sandeep Kumar
judiciary of India
Indian court
law student
law education
Indian law
best justice of India
education system
justice motivational video
reaction video
Supreme Court of India
high court allahabad
mp high court
High Court Of Andhra Pradesh
High Court of Gujarat
Punjab and Haryana High Court Chandigarh
Madhya Pradesh
Madhya Pradesh High Court
Supreme court
Patna High Court
Allahabad High Court
High Court of Chhattisgarh
High court of Jammu and Kashmir
Disclaimer
Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for "fair use" for purposes such as criticism, commenting, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favour of fair use.

Опубликовано:

 

21 ноя 2023

Поделиться:

Ссылка:

Скачать:

Готовим ссылку...

Добавить в:

Мой плейлист
Посмотреть позже
Комментарии : 3,1 тыс.   
@MsSudershan
@MsSudershan 7 месяцев назад
सास ससुर की सेवा नहीं करके अलग रहना है, फिर उनसे ही सब कुछ लेना है। कमाल है।
@preetijoshi3046
@preetijoshi3046 7 месяцев назад
To yar betiyon ko b to sewa krni chahie agr unhone parents se makaan bnwaya h ya parents ne apni icchha se b bnaya h tb b,I m not agree with judge arguiment
@pankajjeena6462
@pankajjeena6462 7 месяцев назад
​@@preetijoshi3046saas sasur ko khana bna ke Dena nhi akela rhna h vo aurat apne bacche ko dekh rhi h vo maa baap ne bhi kamaya apne bache ko to denge sab me baat de kya
@MsSudershan
@MsSudershan 7 месяцев назад
@@preetijoshi3046 ससुर से भी हिस्सा, पति से भी हिस्सा, मां बाप से भी हिस्सा, भाई से भी हिस्सा, बेटे से भी हिस्सा...भारत में औरत कुछ काम ना करके हिस्सा लेने वाली ही बन रही हैं। विदेशों में एक उम्र के बाद खुद कमाओ खुद खाओ का सिस्टम है। नॉर्थ ईस्ट में भी शादी के बाद खुद ही देखना पड़ता है। वोट बैंक के चक्कर में भारत में अधिकारों के नाम पर अराजकता फैल रखी है।
@anjitapandey3513
@anjitapandey3513 7 месяцев назад
Its because law is biased based on caste, gender and religon.
@anjitapandey3513
@anjitapandey3513 7 месяцев назад
एक लड़की कुछ भी आरोप लगा दे तो सब उसके साथ हो जाते हैं
@user-qy3jx1nl9u
@user-qy3jx1nl9u 3 месяца назад
ऐसा न्यायाधीश हर कोर्ट में होना चाहिए कोटी कोटी नमन
@jivanchalke1460
@jivanchalke1460 22 дня назад
❤❤❤
@hariompandey8341
@hariompandey8341 4 дня назад
❤❤❤❤❤❤
@oceanapps3994
@oceanapps3994 2 месяца назад
ये न्यायालय को यूट्यूब पे दिखाना एक सराहनीय कदम है। इस से आम लोगो में न्यायालय और कानून के प्रति जागृत्तता बढ़ेगी और जो लोगो के मन में न्यायव्यवस्था के प्रति गलत धारणाए खत्म होंगी 🙏✅
@KISHANMITAN824
@KISHANMITAN824 2 месяца назад
मजिस्ट्रेट महोदय जी सुन्दर डिसीजन सुनाया है भगवान आपको लंबी उम्र दे धन्यवाद सर ।
@Rameshyadav-qy4nd
@Rameshyadav-qy4nd 11 дней назад
आपको भी 🙏
@user-th4fo3xz3s
@user-th4fo3xz3s 6 месяцев назад
ऐसे न्यायधीश महोदय को नमन करता हूं ये ज्ञानी पुरुष पढ़ें लिखे विद्वान मेहनत करके नोकरी कर रहे धन्यवाद सर जी
@user-ng9yy7zy9n
@user-ng9yy7zy9n 6 месяцев назад
26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 50,000 (50 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 55,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।
@varshaamarvansi8647
@varshaamarvansi8647 6 месяцев назад
26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।
@phirasti
@phirasti 5 месяцев назад
किसी ने यह देखा क्या अंत में पोता दादी के पैर छू कर आशीर्वाद ले रहा हे. दिल को छू गया.
@pikuset9177
@pikuset9177 4 месяца назад
ji mene dekha , judg sahab yahi baat bole h ki dono k bich ka gussa khatam ho jayega to dono sath me beth k khana khayenge 😊
@Crazyanythig
@Crazyanythig 3 месяца назад
Kyaa bhai bahut dhyan sa dakh rhe the
@anikeshyadav5406
@anikeshyadav5406 3 месяца назад
Belkul Maine bhee puri vedio ko Dyan se dekha or suna nati ne last time me apni dadi Ke pair chuye or dadi ne aashirbad bhee diya apne nati ko
@FraudBugEradicator
@FraudBugEradicator 2 месяца назад
Nautanki executed by that lady to impress judge. Old parents should not fall to such gimmicks.
@kinnugujjar9370
@kinnugujjar9370 2 месяца назад
नाती। नानी के होते पोता पोती दादी के​@@anikeshyadav5406
@RekhaSharma-eg6cb
@RekhaSharma-eg6cb Месяц назад
बहु को सब कुछ चाहिए मगर बहु ये नहीं बोल रही की साथ रह कर सेवा भी करेगी क्योंकि जब बहु मेंटीनेंस की अधिकारी हे तो वृद्ध सास ससुर भी सेवा देखभाल के अधिकारी हे
@jyotirmayeemeher4103
@jyotirmayeemeher4103 20 часов назад
Lekin unke juban pe tala kese kagaya jaye jo bolte hai bete ko kha gayi. Mere ek bua hai unke sath yesa hi hota hai Pati 17 18 saal mar jaye toh bhi ladki zimmedar ha??tese sas sasur ki seva chodo khana dene layak nehi
@jpshukla4150
@jpshukla4150 4 месяца назад
जज साहब आपने यथा नामे तथा गुने प्रमाणित कर दिया। आप महान हो
@bkya1135
@bkya1135 6 месяцев назад
ऐसा न्यायाधीश हर कोर्ट में होना चाहिए हर जिला में होना चाहिए जज साहब को कोटि कोटि सादर प्रणाम
@user-ng9yy7zy9n
@user-ng9yy7zy9n 6 месяцев назад
26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 50,000 (50 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 55,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।
@varshaamarvansi8647
@varshaamarvansi8647 6 месяцев назад
26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।
@prashantsahay500
@prashantsahay500 5 месяцев назад
ये जज बहुत ज्ञानी पुरुष हैं। इनसे गलत फैसले होने की संभावनाएँ कहीं कम हैं
@gauraveshwar
@gauraveshwar Месяц назад
Wife should throw kids out and start her new journey
@user-uc6mx8zd2m
@user-uc6mx8zd2m 8 дней назад
Judge sir ne Bahut hi acha werdic diya
@MoneyMuscleMastery38
@MoneyMuscleMastery38 4 дня назад
Why,???​@@gauraveshwar
@RajveerSingh-wh4gv
@RajveerSingh-wh4gv 4 месяца назад
जज साहब ने बहुत ही अच्छे से फैसला किया है भगवान आप को बहुत ही तरक्की दें
@RehanshMahlawat-bv3je
@RehanshMahlawat-bv3je 2 месяца назад
Aap jaise hi judges chahyw sir........jinhone bechare bhoode maa baap ko samjha ....❤
@sealion70
@sealion70 7 месяцев назад
ऐसे judge's भारत में हैं क्या... वाह salute from Indian army
@sabihasiddiqui7374
@sabihasiddiqui7374 6 месяцев назад
Great judgement bhai
@user-ng9yy7zy9n
@user-ng9yy7zy9n 6 месяцев назад
26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 50,000 (50 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 55,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।
@varshaamarvansi8647
@varshaamarvansi8647 6 месяцев назад
26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।
@anshrajsinghjhala4982
@anshrajsinghjhala4982 5 месяцев назад
​@@sabihasiddiqui7374😂😂 han
@upresins
@upresins 3 месяца назад
Sir, bahut saare hain. Bahut saare.
@snsas
@snsas 7 месяцев назад
इनसे अच्छा न्यायाधीश जीवन में नहीं देखा. नहीं सुना. Great judge ❤
@newonetruth7263
@newonetruth7263 7 месяцев назад
Judge h ya PAGAL
@snsas
@snsas 7 месяцев назад
@@newonetruth7263 judge him when u r perfect. 45 men ar liking. Some other may be biased.
@Jebumiavlog
@Jebumiavlog 7 месяцев назад
Judge sahab kh rhe h mahine k kuch de Dena jbki vo pensioner h mahila se ye to khte ki kaam kro. Gjb h
@King653
@King653 7 месяцев назад
​@@newonetruth7263dharti ka bojh kuch bhi bhok rahe ho
@sumitdogra577
@sumitdogra577 6 месяцев назад
Lagta hai daily court mai jata hai judge ko sunne
@alkankitamotivational9531
@alkankitamotivational9531 3 месяца назад
बहुत सुंदर फैसला जज साहब को कोटि कोटि नमन अनुकरणीय उदाहरण
@ushabaswal6562
@ushabaswal6562 6 дней назад
Sar aapko Dil se Salah mein bahut achcha nyaay kara aapane aise hi nyayadhish ki jarurat hai Hindustan ko❤❤❤❤❤❤
@narenderratusaria1175
@narenderratusaria1175 7 месяцев назад
कितना प्यार से समझा रहें है जज साहब। इस प्रकार का तरीका सब को अपनाना चाहिए। साधुवाद।
@user-ng9yy7zy9n
@user-ng9yy7zy9n 6 месяцев назад
26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 50,000 (50 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 55,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।
@varshaamarvansi8647
@varshaamarvansi8647 6 месяцев назад
26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।
@presidentsharma
@presidentsharma 7 месяцев назад
The judge is so polite and always tries to settle the matter.
@onlynationalist
@onlynationalist 6 месяцев назад
Jab Saas Sasur pe Beta (Pati of Bahu) ke zindaa rehtey bhi bahu+bachcho ko paalney ka koi majboori (kaanooni farz) nahi hai, to Saas Sasur pe Beta (pati of bahu) ke marney ke baad bahu bachcho kaa kharchaa uthaanaa kaun se Kanoon se farz (legally binding) ho jaataa hai? Yahaa to Bahu kaa galat logic hai ki Saas Sasur pati ke marney ke baad bachcho ko paalney kaa kharchaa nahi detey! Kyu de, Zabardasti? Ho saktaa hai, Saas Sasur ke paas aukaat (financial capacity) nahi hai, yaa deney ka man nahi hai. Bahu bachcho kaa kharchaa Saas Saasur uthaaye, aisaa kuchh legally binding nahi hotaa hai. Baaki sab aapas ki understanding hai, kaun kiskaa khayaal rakhnaa chahtaa hai. Daada+daadi ko pota+poti ka sahaaraa chaahiye aur pota+poti ko daada+daadi ka love and care chaahiye! Baaki ladki ke maaykey waaley uski help kar saktey hain, yaa unhoney ladki ko bihaaney (marriage) ke baad paraayaa kar diyaa hai?? 🤔🇮🇳
@presidentsharma
@presidentsharma 6 месяцев назад
@@onlynationalist bhai uske liye aapko Hindu law padhna hoga. Hindu adoption and maintenance act me section 19 se 24 Tak inhi sabhi chizo ke baare me likha hai. Wahi aapke doubts clear honge.
@user-ng9yy7zy9n
@user-ng9yy7zy9n 6 месяцев назад
26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 50,000 (50 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 55,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।
@user-ng9yy7zy9n
@user-ng9yy7zy9n 6 месяцев назад
26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 50,000 (50 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 55,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।
@varshaamarvansi8647
@varshaamarvansi8647 6 месяцев назад
26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।
@Deepinf272
@Deepinf272 2 месяца назад
🤔🤔🙏🙏जज साहब महान हैं सभी के हितों का ख्याल रखा
@PradeepmohanSaxena
@PradeepmohanSaxena Месяц назад
जज साहब बहुत ही सही ढंग से पूंछ करके उचित कार्यवाही करके निर्णय कर रहे है ।
@raghunandanmahto7543
@raghunandanmahto7543 7 месяцев назад
इनसे अच्छा न्यायधीश नहीं कोई होगा ना था कितना समझा रहे हैं सर धन्यवाद सर
@user-ng9yy7zy9n
@user-ng9yy7zy9n 6 месяцев назад
26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 50,000 (50 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 55,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।
@varshaamarvansi8647
@varshaamarvansi8647 6 месяцев назад
26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।
@prabheshkumar9401
@prabheshkumar9401 6 месяцев назад
बहुत ही बारीकी से आपने दोनों पक्षों को सुनने तथा सुनाने का काम किया, इसके लिए आपको बहुत-बहुत बधाई माननीय न्यायधीश महोदय जी।
@user-ng9yy7zy9n
@user-ng9yy7zy9n 6 месяцев назад
26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 50,000 (50 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 55,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।
@varshaamarvansi8647
@varshaamarvansi8647 6 месяцев назад
26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।
@learntoskill2023
@learntoskill2023 2 месяца назад
Judge sir... jindabad.....case ko solution best Kiya h...
@pratapdas8756
@pratapdas8756 3 месяца назад
Wow, Judge Saab, My regards and respect to you, and your best guidance.
@myinspirationmovies1670
@myinspirationmovies1670 6 месяцев назад
पहले बार मैंने कोई पुरी जजमेंट सनी है बहुत अच्छा लगा जज साहब आपने बहुत अच्छी बात करी
@pathanqh239
@pathanqh239 3 месяца назад
Right kha
@yetandjtendukona3335
@yetandjtendukona3335 6 месяцев назад
ऐसे ही अनपढ़ वकील के कारण बूढ़े मां बाप को दुःख हो रहा है,,, जज साहब आपको कोटि कोटि प्रणाम 😢🙏🙏🙏🙏
@uttamthakur2016
@uttamthakur2016 6 месяцев назад
kuch pattah nahi es lawyer ko
@sujk671
@sujk671 6 месяцев назад
Gadha hai ye lawyer
@user-ng9yy7zy9n
@user-ng9yy7zy9n 6 месяцев назад
26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 50,000 (50 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 55,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।
@Bholenath3050
@Bholenath3050 6 месяцев назад
Wah judge Sahab aap ko koti koti Naman ❤❤❤
@varshaamarvansi8647
@varshaamarvansi8647 6 месяцев назад
26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।
@sumitvikram1237
@sumitvikram1237 3 месяца назад
जज साहब को 🙏 बहुत प्यार से समझाया और जज की हैसियत से नहीं ऐसा लग रहा जैसे घर का बड़ा perents समझा रहे
@narayandattpokhariya5180
@narayandattpokhariya5180 Месяц назад
इसी लिए जज साहब भगवान के रूप मैं इंसान है थैंक्यू यू जज साहब ma bap se bhi achchha samjha sir thank sir
@bestuvre
@bestuvre 7 месяцев назад
जज साहब ने दिल जीत लिया
@huwaibat5962
@huwaibat5962 6 месяцев назад
रोना तो इस बात का सुप्रीम कोर्ट तक जाना पड़ता है सारे मां बाप बेचारे जिंदा भी नही रह पाते 😢
@user-ng9yy7zy9n
@user-ng9yy7zy9n 6 месяцев назад
26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 50,000 (50 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 55,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।
@IamSoangelic
@IamSoangelic 3 месяца назад
Ye MP high court hai 😂😂
@bhaskarmishra6765
@bhaskarmishra6765 3 месяца назад
सही कहा भाई😢
@SasukeUchihaa06
@SasukeUchihaa06 3 месяца назад
But bro uska pati mar gya aur uske maa baap ne apni sampati apni beti ko de diya aur jaha ye rah rahi to vo bhi pahle adha de rhe the isko aur tumhe kya lagta hai unlogo ne dahej nhi liya hoga bhai dono pahlu se socho
@muk9862
@muk9862 2 месяца назад
Property k matter me maa baap aur aulad k jivit rahte batwara ho jana chahiye bhale control baad me mile .....warna baad k jhagada khandan barbad kar deta hai
@renubhendwal5220
@renubhendwal5220 Месяц назад
पता नहीं कहाँ होते हैं ऐसे जज, दिल्ली में जज इतने दयालु नहीं होते हैं
@girjakaul
@girjakaul 3 месяца назад
आज कल की बहूएं सांस सुसर को सड़क पर रहने की पुरी कोशिश करती है , सरकार को सख्त कानून लगाना चाहिए इन बहूं पर,
@DAANISH_KHAN_
@DAANISH_KHAN_ 6 месяцев назад
बहु को सिर्फ़ अधिकार है क़ानून में, लेकिन ज़िम्मेदारी कुछ नहीं । कलियुग बहु, सास की सेवा नहीं करनी, लेकिन संपत्ति चाहिए ।
@user-ng9yy7zy9n
@user-ng9yy7zy9n 6 месяцев назад
26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 50,000 (50 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 55,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।
@varshaamarvansi8647
@varshaamarvansi8647 6 месяцев назад
26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।
@saketkumar8112
@saketkumar8112 6 месяцев назад
किसी लड़की को विवाह करके अपने घर मे लाने के बाद सास-ससुर का भी यह कर्तव्य बनता है कि वो अपनी विधवा बहु का ख्याल/पालन-पोषण अपनी बेटी की तरह करें। ये न हो कि अगर बेटा मर जाये तो सारी संपत्ति अपनी बेटियों को देना चालू कर देवे...
@user-ng9yy7zy9n
@user-ng9yy7zy9n 6 месяцев назад
@@saketkumar8112 bahu bhi ye na kare ki pati ke Marne ke bad ma bap ke Ghar se unko hi bhaga de, or unse mar pit kare
@namitsati5091
@namitsati5091 6 месяцев назад
abe tu bhi us aurat ki tarah kah raha hai wo de to rahe hain ek makan par bahu to buddhe ki se paise ki bhi manga kar rahi hai@@saketkumar8112
@alltheopinions
@alltheopinions 7 месяцев назад
ऐसा कोई कानून नही है की पती के मरने के बाद आप सास ससुर को बरबाद कर सकते है. Epic dialogue.
@amazingdude9042
@amazingdude9042 6 месяцев назад
There is also no law which forces her to serve her ln laws. She can leave them and take everything which her husband owns. Law is that she can't get anything which has other co partner.
@ganpatsinghrathore7723
@ganpatsinghrathore7723 6 месяцев назад
​@@amazingdude9042no she gets 50% of the property of her husband if parents of the husband want part of property because parents also have rights over their sons property so if parents want property of their son and wife claiming it because that property belongs to her husband both parties will get 50% right over that property
@ankittripathi908
@ankittripathi908 6 месяцев назад
​@@amazingdude9042as per recent judgement of supreme court for parents from 2020 If parent transfer property to son and son don't care of his parent then judgement say by legal action all property can be taken back to parents. If father has Will to transfer property as per his wish he can do now . Now it is not necessary to divide 50-50 Note---- As you said she can take anything just try in court and see the outcome... in laws have moral right not enforceable right.... So your thinking is stinking from old laws but just read few recent Supreme court decision then no other decision will matter ..
@Rp0308
@Rp0308 6 месяцев назад
Aaj ke time me to log aatmhatya ki dhamki dekar saas sasur se sb le le rhe hai
@VinodGupta-rm4wr
@VinodGupta-rm4wr 6 месяцев назад
@aayushisinghsengar
@aayushisinghsengar Месяц назад
I totally agree with honourable judge. Kitna badhiya se samjha rahe hain sab kuchh.. Nicely done ❣️❣️ but why No one is listening to her saying about them harming her. 😢...
@madhuvangoswamigoswami
@madhuvangoswamigoswami 2 месяца назад
बेटा एक ही‌ था वो भी मर गया मकान भी चाहिए और मेंटनेंस भी चाहिए और बुड़े मां-बाप की सेवा भी नहीं करना
@bindubiswas3298
@bindubiswas3298 7 месяцев назад
Sabse best line boli judge sahab ne "Jabardasti kuch nai milta pyar se seva se sab mil jata hai "
@susyvarghese8436
@susyvarghese8436 7 месяцев назад
🙏
@rameshchandra8569
@rameshchandra8569 7 месяцев назад
Agar kisi ki bahu ko property bhi chahiye aur saas sasur ki help bhi nahi karni aur unse kharcha bhi chahiye to aisi bahu ki help Kaun karna chahega Agar bahu ka vyavhaar thik nahi to kyaa karenge
@Craftime2016
@Craftime2016 6 месяцев назад
Bhaiya bahu aur saas ka chakar nahi hai Putri prem adhik hai edhar Ye dono dampati ko samaj me nahi aa raha ki potta potti bhi inhi ka hai Aur ye judge sahab beaten achhi karte hai ek sabhya aur samzdar lagte hai lekin dudgement sahi nahi laga Bujurg ki beti vidhwa hai to uske paresani dik rahi hai Bahu bidhwa ho gayi uski bhi shadi kara do agar itne acche ho
@bindubiswas3298
@bindubiswas3298 6 месяцев назад
@@Craftime2016 To Bahu ko agar saas sasur se chahiye to unke sath jakar reh kar unki seva kare. Pota poti bhi budhe maa baap ke hai to pota poti sath me rahe. Aur ye maa baap agar apni vidhva beti ko kar rahe hai to dikkat kya hai Bahu ke maa baap bhi honge wo bhi kar sakte hai bahu ke liye.
@AM-nx2iw
@AM-nx2iw 6 месяцев назад
​@@bindubiswas3298vidhawa beti apne sasural se bhi le skti hain or is baat ki bhi koi guarantee nhi Hain ki ye seva karwa kar hi Bahu ke naam krwa denge property I have seen this a lot in Indian society ki in-laws sewa to chahte Hain but izzat Dena nhi Bahu ko majority cases mein agar property bachcho mein equally divide ki Hain to responsibility bhi unki equally hogi sabhi bachchon par ye to nhi ho skta ki seva ek kre free mein meva dusra khae
@ramanujsharma8124
@ramanujsharma8124 6 месяцев назад
माननीय जज साहब को धन्यवाद। ऐसे जज हों तो शान्ति समाज में मौजूद रहेगी।
@user-ng9yy7zy9n
@user-ng9yy7zy9n 6 месяцев назад
26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 50,000 (50 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 55,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।
@varshaamarvansi8647
@varshaamarvansi8647 6 месяцев назад
26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।
@shaangahlot
@shaangahlot Месяц назад
हर सिक्के के दो पहलु होते हैं यहाँ ये बात भी समझनी चाहिए कि बेटे के मरते ही बहु परायी हो जाती है अक्सर भारतीय परिवारों में, नैतिकता का कोई मौल नहीं रह जाता है.. जो मकान बेटे के नाम होता है सास-ससुर, नन्द -देवर उसको भी हड़पना चाहते हैं...!
@neetuparewa9861
@neetuparewa9861 27 дней назад
Lkin yha to bhuu hadp rhi h n .😅😅or sth m kyu nh rhti .sbkuch hi chy to rhe ma bap k sth rkhe unko sth m ..aam nh to kl . sb uska hi hoga chahe sas sasur kitne bh ache ya ghtiya kyu n ho..
@real_clasher
@real_clasher 26 дней назад
Bhu ko budhe saas shur se maintenance chahiye pr khud kuchh ni kmana chahti...
@exploreview8269
@exploreview8269 9 дней назад
Ye bhi easa hu krta hoga apne Maa Baap ke sath
@user-vx8bm5tc3o
@user-vx8bm5tc3o 4 месяца назад
सर आपके फेसले को दिल से सलाम हमारे देश में हर कोर्ट में ऐसे न्यायाधीश होना चाहिए बहुत खुबसूरत सोच और बहीत ही प्यारा न्याय
@user-gk2nt2sm8p
@user-gk2nt2sm8p 5 месяцев назад
पहली बार किसी जज साहब को इतना अच्छी तरह किसी केस को इतने दिल से सुनते देखा है 🙏🙏
@PankajThapar
@PankajThapar Месяц назад
The way judge said ki dadagiri se thodi na milega seva karne se milega mind blowing
@mdsajidind
@mdsajidind 3 месяца назад
Bahut hi umda. Judge aise hi hone chahiye. Jo case ko behtareen tarike se hal karte hain.
@AT-gk7ib
@AT-gk7ib 7 месяцев назад
Judge was very polite and understood the intricacies of family structure and disputes that may arise. Very good judge!
@user-ng9yy7zy9n
@user-ng9yy7zy9n 6 месяцев назад
26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 50,000 (50 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 55,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।
@varshaamarvansi8647
@varshaamarvansi8647 6 месяцев назад
26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।
@logarhlandu2538
@logarhlandu2538 5 месяцев назад
kaash saare judge ese hote. desh chorh kar koi videsh na jaata
@gyanwatisharma1400
@gyanwatisharma1400 6 месяцев назад
, बहुत सुंदर न्याय है ऐसे न्यायाधीश को नमन है
@user-ng9yy7zy9n
@user-ng9yy7zy9n 6 месяцев назад
26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।
@user-xd7ku4vx1q
@user-xd7ku4vx1q 3 месяца назад
Jass Sahab ne Dil Ko chhu liya salute se sham ko❤❤❤🎉🎉🎉
@sumitbhati3343
@sumitbhati3343 3 месяца назад
Mene bhout judge ka video dekhi h online Par bhai ye Best judge tha ab tak Kya smjhaya h dono ko Kya decision liya h Best bhai Judge shaab Best ek dum Dusra wakeel bss jhuuti ummed ko lekar case ko khichra hai
@krishanchandar5237
@krishanchandar5237 7 месяцев назад
मैं जज साहब को दिल से सैलुट करता हूँ जज साहब जिसका एक बेटा हो वो गुजर जाए तो बहु सब कुछ बेच कर भाग जाती है ये बेटेकीबहुअअगर सास ससुर की सेवा करे तो सब कुछ ईसी का है आजकल की बहु सास ससुर कोहि घर , से निकल देती है ये बहु अपने सास ससुर की सेवा कर अचछे से रह सब कुछ तुमहारा ही है
@MunnaSingh-fn3qk
@MunnaSingh-fn3qk 4 месяца назад
आपके जैसे न्यायाधीश की हिन्दुस्तान में बहुत कमी है सर जी, इस न्याय के सिन्हासन पर आपको न्याय करते देखकर सर गर्व से ऊंचा हो गया... आपको कोटि कोटि प्रणाम अभिनंदन वंदन सर जी जय हिन्द जय श्री राम जी की
@pradeepkumardas2824
@pradeepkumardas2824 3 месяца назад
Dilwale judge ko salam.
@abdulrafiq6626
@abdulrafiq6626 4 дня назад
Bharat desh k maa baap ka salam hai aise sacchey aur imandar judge's ko ❤..jai hind jai bharat 🇮🇳
@tarikamram7899
@tarikamram7899 6 часов назад
न्याय धिस महोदय को कोटि कोटि नमन आखीर एसे में वकील बुढ़े मां बाप के बारे मे नही सोचकर अपनी फिस के लिए वकील गलत का साथ दे रहे है
@neerarani304
@neerarani304 6 месяцев назад
आप जैसे ही जज होने चाहिए आपको भगवान लंबी उम्र 🙏🙏
@user-ng9yy7zy9n
@user-ng9yy7zy9n 6 месяцев назад
26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 50,000 (50 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 55,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।
@varshaamarvansi8647
@varshaamarvansi8647 6 месяцев назад
26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।
@kuldeepverma2618
@kuldeepverma2618 7 месяцев назад
🎉 ऐसे न्यायाधीश दुनिया में बहुत होने चाहिए
@user-ng9yy7zy9n
@user-ng9yy7zy9n 6 месяцев назад
26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।
@PappuKumar-mc8ft
@PappuKumar-mc8ft 3 месяца назад
ऐसे जोजो की वजह से इंसाफ जिंदा है ऐसे जोजो की कोटि कोटि प्रणाम
@rahuljoshi9806
@rahuljoshi9806 Месяц назад
Ese judges ho to vakil ki jarurat hi nhi h
@saketbongale312
@saketbongale312 7 месяцев назад
Greedy lawyers catching greedy clients and harrassing senior citizens and wasting years and putting strain on judiciary. A very good judge, we need more such sensible judges who also act as counsilors.
@aaku-gt1it
@aaku-gt1it 6 месяцев назад
yahi to game hai Sara wakil chahate hi nahi case jaldi khatam ho
@user-ng9yy7zy9n
@user-ng9yy7zy9n 6 месяцев назад
26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 50,000 (50 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 55,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।
@varshaamarvansi8647
@varshaamarvansi8647 6 месяцев назад
26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।
@wannabedatanerd
@wannabedatanerd 6 месяцев назад
Ladki ka waqil kitna lalchi hain, usne hi bola hoga ladki ko ki tumhe to main sab kuch dilwa dunga.
@rajchaitanyyadavsevasamiti6858
@rajchaitanyyadavsevasamiti6858 6 месяцев назад
बहुत बहुत धन्यवाद सर आप जैसे लोग अगर वास्तविक जज होना तो बहुत अच्छा फैसला सुनाया आपने अगर आप जैसे सारे जज हो जाए तो क्या बात है
@user-ng9yy7zy9n
@user-ng9yy7zy9n 6 месяцев назад
26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।
@varshaamarvansi8647
@varshaamarvansi8647 6 месяцев назад
26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।
@SumanKumar-ou1yd
@SumanKumar-ou1yd 4 месяца назад
जज साहेब आपको दिल से धन्यवाद
@AD13D
@AD13D 5 месяцев назад
पुरुष आयोग बनाये जाने के लिए सख्त निर्देश देना चाहिए माननीय कोर्ट को... ये हर किसी के हित में है...
@GajendraSingh-jk7jz
@GajendraSingh-jk7jz 7 месяцев назад
जज साहब का गज़ब का फैसला अगर सभी जज साहब ऐसे हों तो दिक्कत कहां है लेकिन दिक्कत वहां है जब जज साहब पैसों के लिए इमान इमानदारी वफादारी कानून सब बिक जाता है
@user-ng9yy7zy9n
@user-ng9yy7zy9n 6 месяцев назад
26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 50,000 (50 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 55,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।
@varshaamarvansi8647
@varshaamarvansi8647 6 месяцев назад
26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।
@arpit7533
@arpit7533 Месяц назад
Never thought we have this kind of judge in India.
@nitinchopra1884
@nitinchopra1884 3 месяца назад
Honorable Judge is highly experienced and very practical with his honest approach. ❤
@puneetbhardwaj7276
@puneetbhardwaj7276 6 месяцев назад
Sensible analysis + Knowledge, compassion and complete justice. Glad to see people like him in our judiciary
@Karunasingh-jn2pw
@Karunasingh-jn2pw 6 месяцев назад
आप जैसे न्यायधीश महोदय को नमन करती हूं सर ईश्वर से प्रार्थना करती हूं आप जैसे न्यायधीश हर कोट में हो🙏
@user-ng9yy7zy9n
@user-ng9yy7zy9n 6 месяцев назад
26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।
@user-li6lw2pq7q
@user-li6lw2pq7q Месяц назад
मां बापू का सहारा देना जजमेंट अच्छा दिया आपने
@BlootX
@BlootX 6 месяцев назад
माननीय न्यायाधीश महोदय को सादर नमस्कार बहुत ही सुलझे, विवेकशील, शांत गुणों से भरपूर दोनो पक्षों को समझे और समझाया भी बहुत ही उत्तम स्वभाव सर्वश्रेष्ठ न्यायाधीश महोदय देश को आवश्यकता है आप जैसे न्यायाधीश महोदय की धन्यवाद
@saketkumar8112
@saketkumar8112 7 месяцев назад
Judge Dwarika Dhish Bansal Ji is doing commendable job.. He is very Kind...My humble Pranaam to you Sir..🙏🙏
@user-ng9yy7zy9n
@user-ng9yy7zy9n 6 месяцев назад
26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।
@silkysworld8246
@silkysworld8246 3 месяца назад
Nice judgement 👏👏The way the Judge has solved the issue & cleared all facts shortly was awesome...Great job sir🙏
@psychologistsrinivasarao1904
@psychologistsrinivasarao1904 4 дня назад
Wonderful his excellency DD Bansal ji..... great
@pramodkumarrai_0868
@pramodkumarrai_0868 7 месяцев назад
Hats off to the Respected Judge. This is the case of merit. Totally Speechless Judgement.
@user-ng9yy7zy9n
@user-ng9yy7zy9n 6 месяцев назад
26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 55,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।
@varshaamarvansi8647
@varshaamarvansi8647 6 месяцев назад
26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।
@raiku2470
@raiku2470 7 месяцев назад
I think it's high time for parents to understand the importance of educating their daughters and women must stand on their feet. Nothing is more important than being financially independent.
@SachinGupta-hn3bj
@SachinGupta-hn3bj 7 месяцев назад
I have seen cases where educated divorced wife re sue their husband for maintenance of their pet dog. Educated log air jyada aisa karte h
@pragatibhushan8697
@pragatibhushan8697 7 месяцев назад
​@@SachinGupta-hn3bjone case against lakhs of cases.
@Anonymous-tz3gw
@Anonymous-tz3gw 7 месяцев назад
पढ़े लिखे लोगो के चोंचले बहुत ज्यादा होते हैं, नाक में दम कर देगी सास ससुर के पति मरने के बाद, ऐसे ही वृद्धाश्रम बहुओं के कारनामों से गुलज़ार है😹
@undisclosedcommonman7895
@undisclosedcommonman7895 7 месяцев назад
Financial Independant women are first to break the home.
@darkXvader
@darkXvader 7 месяцев назад
​@@SachinGupta-hn3bjtruee..... independent women are just in imagination 😂😂
@dngamers3071
@dngamers3071 Месяц назад
अधिकार चाइए जिमेदारी नही निभानी हैं, अधिकार भी वो जो उस का है ही नही,
@intzarali4966
@intzarali4966 4 дня назад
जज साहब बहुत ही न्याय प्रिय इंसान हैं, आपको सलाम है सर
@guddasharma9019
@guddasharma9019 7 месяцев назад
जज साहब आप भगवान का दूसरा रूप है सर
@user-ng9yy7zy9n
@user-ng9yy7zy9n 6 месяцев назад
26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।
@theuttutv
@theuttutv 6 месяцев назад
न्यायमूर्ति को नमन आप जैसे लोगों की बहुत जरूरत है देश को जो उचित न्याय दें!
@user-ng9yy7zy9n
@user-ng9yy7zy9n 6 месяцев назад
26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 50,000 (50 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 55,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।
@varshaamarvansi8647
@varshaamarvansi8647 6 месяцев назад
26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।
@paawanindolia
@paawanindolia 12 дней назад
मेरा कोर्ट से विनती h कि जो बेटा बहू उनकी अंतिम सांस तक सेवा न करें उनकी देखभाल न करें तो उनको हिस्सेदारी न मिले तभी समाज सुधरेगा 🙏🙏
@vimalkumargaur110
@vimalkumargaur110 Месяц назад
सामान जनक बातो साथ ही अच्छा निर्णय जज जी ले रहे है
@pandurangkhanderaoladegaon5546
@pandurangkhanderaoladegaon5546 3 месяца назад
कितने सही सुविचार है मा.जज्य साहब आपके ऐसे सुविचारी जज्य हर कोर्ट में अगर हो तो न्याय से कोई वंचित नहीं रहेगा.धन्य है आपके मा बाप जिन्होने आपको जनम दे के इतने सुसंस्कार आपको दिए आपकी लंबी उमर हो.धन्यवाद कोटी कोटी प्रणाम 🌹🌹🌹🌹🌹🙏🙏🙏🙏🙏
@ravivardhan605
@ravivardhan605 7 месяцев назад
बहुत अच्छा कहा जज साहब ने जिस दिन तनाव खत्म सब सही हो जायेगा।
@chiefasifsabiri5409
@chiefasifsabiri5409 5 месяцев назад
क्या बात हैँ जज साहब आपने दिल जीत लिया आप जैसे... लोगो की आज देश को जरुरत हैँ... अल्लाह आपको खुश रखे... 👍
@BhagwaBharat108
@BhagwaBharat108 4 месяца назад
Kaafiro ko Alah khush rakhta hai ??? Kya wo Jannat Jayega ?? Mene quran hadith padhi waha toh kaafiro ko maarke unki aurat se rape karne ko kaha hai....par aap kaafir ko salamat ki baat kar rahe hai😂😂😂 aisa mat kaho warna tum islam se kaarij ho jaoge.... Musalman bano...insan mat bano...hum Insan banke khush hai aap musalman banke khush rahe...
@Kisanagrofarm1m
@Kisanagrofarm1m Месяц назад
ऐसे ही जजों की आवश्यकता है आज । आपको बहुत बहुत धन्यवाद जज साहब ।
@kanhaiyasingh4551
@kanhaiyasingh4551 2 дня назад
मै न्यायधीश महोदय को ह्रदय से धन्यवाद 🙏 सास ससुर का सेवा करे नहीं तो अपना जीवन यापन खुद करें
@user-ym9ki2ui6h
@user-ym9ki2ui6h 7 месяцев назад
बिल्कुल सही जज साहब आजकल की बहुएं सब पति पति रट कर बूढ़े मां-बाप। को भीख मांगने पर मजबूर कर देते हैं 😢😢😢 जज साहब को न्याय करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद धन्यवाद धन्यवाद धन्यवाद ❤❤❤ जय संविधान जय भारत ❤❤
@user-ng9yy7zy9n
@user-ng9yy7zy9n 6 месяцев назад
26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।
@writerbhartichaudhary2071
@writerbhartichaudhary2071 6 месяцев назад
कहीं बहुएं परेशान करती हैं तो कहीं सास ससुर नंनद परेशान करते है
@greenocean9039
@greenocean9039 Месяц назад
​@@writerbhartichaudhary2071mere ghar me to bahu log hi pareshan kr rhi hai. Bahu se zyada chugalkhor aur aag lagane wale aaj tak nhi dekhi hu me. Kaam kuch krna nhi hai bigg boss dekho instagram dekho khana saas naand bnakar dengi aut bahar jaakar chugli kro. 90 percent bahu lpg harami hoti hai unke aane k basd acche khase ghar ko narak bna deti hai. 10 eprcent acchi hoti jinka naam ye 90 percent ghatiya bahu kharab kr deti hai.
@deepak72506
@deepak72506 7 месяцев назад
सास ससुर की सेवा करती और प्रेम से रहती तो सब कुछ इसी को तो मिलता..
@reshamtyagi6437
@reshamtyagi6437 6 месяцев назад
Tum ye kaise kh sakte ho ki usne rhna na chaha ho ..jb tk dono side na suno kuch nhi kh sakte
@deepak72506
@deepak72506 6 месяцев назад
@@reshamtyagi6437 सभी कुछ बेटे का ही तो अपने आप हों जाता है.. नाम पे पहले करने की क्या जरूरत पड़ी पहले.. अगर बेटी सेवा करेगी तो उसी को भी पूरी जायजाद दे सकते हैं माँ बाप..
@jaysinghjohri9221
@jaysinghjohri9221 6 месяцев назад
Ye haramjadi hai
@Harry23rd
@Harry23rd 6 месяцев назад
​@@reshamtyagi6437uski marzi jo marzi bole. Tum Kaun ho rokne waale
@avthegamer8736
@avthegamer8736 6 месяцев назад
​@@reshamtyagi6437ek aurat to aurat ka hi saath degi
@mrkngp
@mrkngp 3 месяца назад
Very pragmatic advice given by the judge & his view towards the dispute is praiseworthy. Such judges are needed in Indian Courts !
@sunilmahatu4027
@sunilmahatu4027 2 месяца назад
बहुत बहुत शुभकामनाएं आप जैसे हर कौट में जज फैसला किया
@prashantrajpryagraj
@prashantrajpryagraj 7 месяцев назад
पति ने बनाया है अपनी कमाई से तो मां बाप ने अपनी कमाई से पढ़ाया लिखाया भी तो
@user-ng9yy7zy9n
@user-ng9yy7zy9n 6 месяцев назад
26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।
@yamanjain
@yamanjain 7 месяцев назад
What a great judge. Understanding the delicateness and being so polite !!!
@user-ng9yy7zy9n
@user-ng9yy7zy9n 6 месяцев назад
26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।
@varshaamarvansi8647
@varshaamarvansi8647 6 месяцев назад
26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।
@varshaamarvansi8647
@varshaamarvansi8647 6 месяцев назад
26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।
@cryptobabapb
@cryptobabapb 3 месяца назад
ऐसे जज हो तो किसी के साथ नाइंसाफी ना हो ❤
@ganeshsoy378
@ganeshsoy378 3 месяца назад
Bahut badiya sir aap jaise jaj ko sakt jarurt hai dil se danyabad❤❤❤❤❤ sir
@shribalajilaserart
@shribalajilaserart 6 месяцев назад
जज की कुर्सी न्याय का घर होता है जहां पर मजलूम को सही न्याय मिले तो दुआएं निकलती है कोटि कोटि नमन ऐसे जज साहब के चरणों में जिन्होंने सही न्याय किया. मेरे मां बाप के साथ भी ऐसे ही हुआ मेरी सगी बहन ने उनका सब कुछ छीन लिया आज उनके पास कोर्ट केस के लिए भी पैसे नहीं है पर मुझे भी ऊपर वाले पर विश्वास है कि वह न्याय ही करेगा .
@user-ng9yy7zy9n
@user-ng9yy7zy9n 6 месяцев назад
26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।
@varshaamarvansi8647
@varshaamarvansi8647 6 месяцев назад
26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।
@harshitkumar-xz9bz
@harshitkumar-xz9bz 7 месяцев назад
What a great Judge. He really wants to help them. Working hard to convince them
@user-ng9yy7zy9n
@user-ng9yy7zy9n 6 месяцев назад
26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।
@varshaamarvansi8647
@varshaamarvansi8647 6 месяцев назад
26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।
@garimashrivastava133
@garimashrivastava133 Месяц назад
Y judge sahab bahut ache the logo se unki language m baat ki ache samjhane ki koshish ki nhi to judge log bol dete h y court h yha English chlegi muje hindi nhi aati bs English bolo but this judge is so humble ase hi judges hone chahiye hr court m jisse hr Indian apni language m apni baat khud rakh sake
@bijukarunakaran7730
@bijukarunakaran7730 3 месяца назад
Judge sabji your great, So well Sir you handled the case, Also the sentence sir ypu told of moral importance, great understanding of practical life, and need of moral education as well practices. 🙏🙏🙏
@captain4270
@captain4270 5 месяцев назад
Amazed by the honourable Judge. In the world of radical feminism, Judge sahab has stood for right cause. Salute to Judge sahab
@syedrahmatmaqsoodhashmi913
@syedrahmatmaqsoodhashmi913 7 месяцев назад
ऐसे इंसाफ करने वाले मुंसिफ की देश दुनियाभर को बहुत जरूरत है जो सही इंसाफ कर सके
@user-ng9yy7zy9n
@user-ng9yy7zy9n 6 месяцев назад
26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।
@sumanpaswan530
@sumanpaswan530 3 дня назад
ऐसे माननीय न्यायाधीश महोदय को चरण स्पर्श ।
@user-cu9mi7tv7m
@user-cu9mi7tv7m 5 дней назад
I love this judge! How he stood up for elderly…. God bless him!
@rajpalsingh-hj9zd
@rajpalsingh-hj9zd 7 месяцев назад
अच्छा न्यायाधीश, प्रेरणा लेनी चाहिए
@anjukathait372
@anjukathait372 6 месяцев назад
ऐसे जज साहब को दिल से प्रणाम
Далее
когда повзрослела // EVA mash
00:40
Просмотров 1,3 млн