कल्पनाओं को पुरा करने वाले नर मादा कल्पवृक्ष।
कल्पवृक्ष देवलोक का एक वृक्ष है
बांसवाड़ा शहरसे महज 3 किमी दूर पर्यटनस्थल चाचाकोटा रोड पर सालों पुराना कल्पवृक्ष है।
पुराणों के अनुसार समुद्रमंथन से प्राप्त 14 रत्नों में 7 वा रत्न कल्पवृक्ष था
पद्मपुराण के अनुसार परिजात ही कल्पवृक्ष है और इसके नीचे बैठकर की गई हर मनोकामना पूर्ण होती है।
यहां यह कल्पवृक्ष नर और मादा दोनों रूपों में है। दोनों के तने में भी अंतर है। नर कल्पवृक्ष का तना पतला, मादा कल्पवृक्ष का तना मोटा है
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18 май 2022