अय्याम ए मुहर्रम में 73 फ़िरक़े 2 गिरोह में तब्दील हो जाते हैं 1 : हुसैनी 2 : यज़ीदी ये दोनों अपनी निशानियां भी ज़ाहिर करते हैं 1: ग़म ए हुसैन मनाते हैं (हुसैनी) 2: ख़ुशी मनाते हैं मुबारकबाद देते हैं (यज़ीदी)
शाह अस्त हुसैन व बादशाह अस्त हुसैन दीन अस्त हुसैन ओ दीन-ए-पनाह अस्त हुसैन सर दाद-ओ-न-दाद दस्त दर दस्त-ए-यज़ीद वल्लाह कि बिना-ए-लाइलाह अस्त हुसैन और खोजिए टॉप 20 पद संग्रह टॉप 20 पद संग्रह टॉप 10 संत कवि टॉप 10 संत कवि बुल्ले शाह की शाएरी बुल्ले शाह की शाएरी टॉप हिन्दु