साधना जैन,,, अवसर अब है आया Ginger ki man le अब भेद ज्ञान करके आत्मा को जान ले,,, पुण्य उदय में सुख लगा,,, पाप उदय में गम,, इसीलिए करता रहाजन्म मरण,,, अब तो ज्ञान धारा अंतर में बहा,,,, निज में ए मेरी चेतना,,, तेरा सुख तुझ में रहा,,, ऐसा श्री जिनवार नेकहा,,,, ए निज में आओ मेरी चेतना,,😊🙏☺️