लवी जैन..........जबरदस्त भैया जी 🙏 कभी यहाँ गिरे कभी वहाँ गिरे, कब तक और गिरते जाना है? गिरने वाले जाग जा संसार दुखों का खजाना है! कभी व्यवहार पक्ष कभी निश्चय पक्ष, कब तक और भटकते जाना है? भटकने वाले जान जा संसार दुखों का खजाना है! कभी आज करे कभी कल करे,कब तक और टालते जाना है? टालने वाले मान जा संसार दुखों का खजाना है! ( एक बार बस सारे पक्ष छोड़कर सिर्फ और सिर्फ अपने आत्मकल्याण की भावना से अगर सुन लेगा तो कभी ये पक्ष और वो पक्ष - अपने आप ही सारे पक्ष छूट जायेंगे) 🙏
साधना जैन,,, परिणाम का करता जीव हैनहीं,,,, एवं पर्याय एक समय की है,,, व्यवहार में खाने में तो यही आएगा,,, मैंने खाना खाया,,,, श्रद्धा में तो यही है कि मैं हूं मेरे अलावा और कुछ है ही नहीं,,,, मेरा अस्तित्वहै,,, मेरी सत्ताहै,,, मैं हूं,,,, लेकिन किंतु परंतु यथा तथा कुछ भी ख्याल में आता ही नहींहै। ☺️🙏☺️