Тёмный

Narendra Modi काय म्हणाले आणि वास्तव काय? Watch 'Karan Rajkaran' With Sanjay Awate | Lokmat 

LOKMAT
Подписаться 3,6 млн
Просмотров 95 тыс.
50% 1

Narendra Modi काय म्हणाले आणि वास्तव काय? Watch 'Karan Rajkaran' With Sanjay Awate | Dr. Babasaheb Ambedkar | Lokmat
"Congress ended Dr. Babasaheb Ambedkar's politics" is it true? What lies? |
"डॉ. बाबासाहेब आंबेडकरांचे राजकारण कॉंग्रेसने संपवले"
खरे काय? खोटे काय?
#babasahebambedkar #bhimraoambedkar #brambedkar #drbrambedkar #narendramodi #pmmodi #bjp #congress
#loksabhaelection2024 #maharashtrapolitics #maharashtranews #lokmat
Subscribe to Our Channel 👉🏻
ru-vid.com...
आमचा video आवडल्यास धन्यवाद. Like, Share and Subscribe करायला विसरू नका!
मित्रांसोबत गप्पा मारताना विश्वसनीय, संशोधनावर आधारीत माहिती सादर करायची असेल तर लोकमतचे चॅनल सबस्क्राईब करा. कारण या चॅनलवर तुम्हाला पाहायला मिळतील अतिशय अभ्यासू, वेगळ्या अँगलच्या बातम्या ! राजकारण, क्राईम, मनोरंजन आणि क्रीडा क्षेत्रातील अनुभवी पत्रकार तुमच्यासाठी आणत आहेत दर्जेदार आणि जाणते करणाऱ्या बातम्या....
Click Here For Latest News & Updates►www.lokmat.com
To Stay Updated Download the Lokmat App►
Android Google Play: bit.ly/LokmatApp
Like Us On Facebook ► / lokmat
Follow Us on Twitter ► / lokmat
Instagram ► / lokmat
Lokmat | epaper lokmat com | google lokmat | lokmat com | lokmat company | lokmat epaper app | lokmat online | lokmat live | lokmat marathi live | lokmat marathi live video | marathi batmya | marathi batmya live | batmya marathi live today | marathi news live | marathi news video | lokmat marathi batmya live | lokmat marathi breaking news | lokmat marathi batmya lava | lokmat marathi batmya channel | lokmat marathi batmya live youtube | marathi batmya video | lokmat marathi video live | lokmat marathi batmya live video | lokmat marathi live dakhava | lokmat marathi batmya live today | lokmat marathi batmya latest

Опубликовано:

 

9 апр 2024

Поделиться:

Ссылка:

Скачать:

Готовим ссылку...

Добавить в:

Мой плейлист
Посмотреть позже
Комментарии : 499   
@Lokmat
@Lokmat 2 месяца назад
एनडीए की इंडिया? महायुती की मविआ? महाराष्ट्रातील सर्वात मोठा ओपिनियन पोल तुमचं मत नोंदविण्याकरिता खालील लिंकवर क्लिक करा www.lokmat.com/lokmat-loksabha-opinion-poll-2024/
@shrirangkatre8467
@shrirangkatre8467 2 месяца назад
13:16 13:19 13:23 13:26 13:28
@ManoharGonnade
@ManoharGonnade Месяц назад
44 8
@anandganvir9684
@anandganvir9684 27 дней назад
Apanyogyamahitidilityabadalapalehardikswagatjaishivraijaibheem
@rahulbansode1443
@rahulbansode1443 25 дней назад
एनडीए की इंडिया आणि महायुती की मविआ ह्यामध्ये तुम्हाला तिसरा कोणीच येऊ द्यायचा नाही.. किती हलकट आणि नीच्च प्रवृत्ती चे लोक आहात तुम्ही.
@santoshlokhande8055
@santoshlokhande8055 11 дней назад
हा प्रश्न चुकीचा आहे कारण आपण दलाली केलेली पत्रकारिता या प्रश्नांमध्ये आहे.
@vishwanathkamble5043
@vishwanathkamble5043 2 месяца назад
डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर भारतीय राज्यघटनेचे शिल्पकार झाले ते स्वतःच्या बौद्धिक क्षमतेमुळेच ! त्यामध्ये बाकी कुणाचेही योगदान नाहीये सर ... जय भीम
@anandganvir9684
@anandganvir9684 27 дней назад
@komaldasathawale9558
@komaldasathawale9558 26 дней назад
हीरा हा हीरा आहे पण त्यांची किंमत जोहरी ठरवतो, ही-याला हीरा असल्याची जानिव असते पण त्याच मोल हीरा ठरवत नाही
@avadhutjoshi796
@avadhutjoshi796 2 дня назад
आदरणीय महोदय संजय आवटे यांनी चांगल्या हेतूने सत्य सांगितले आहे, तरीही ते दीर्घकाळासाठी पुरेसे नाही. तरीही मी म्हणतो ते अर्धसत्य आहे. स्थिर, दीर्घकालीन किंवा कायमस्वरूपी सामाजिक आणि धार्मिक सौहार्दासाठी, आपल्या राष्ट्राला इतिहास, जात आणि धर्म व्यवस्था यावर देशव्यापी चर्चा आवश्यक आहे. या दिशेने केलेल्या माझ्या प्रयत्नांची मी थोडक्यात माहिती देत ​​आहे. हमारे देश में नैतिकता का अभाव है। हम सिर्फ़ उच्च मूल्यों की बात करते हैं और कभी उन पर अमल नहीं करते। मैं इसे अपने उदाहरण से व्यक्त कर रहा हूँ।2015 से यह बात और भी सच हो गई है। मैं अपने अनुभव का ब्यौरा साझा कर रहा हूँ। मेरी राय में, नैतिकता की कमी की यह समस्या हिंदू धर्म के विरोधाभास का कड़वा फल है। जब भी आप हमारे देश में किसी भी व्यक्ति से जाति और धर्म के बारे में कुछ सुनते हैं, चाहे वह बुद्धिजीवी हो या राजनीतिक नेता, हमेशा एक महत्वपूर्ण बात याद रखें। आपको कभी भी ऐसा व्यक्ति नहीं मिलेगा जो पूरी तरह से सच बोलता हो। आपको उसके राजनीतिक झुकाव के अनुसार आधा सच या झूठ मिलेगा। आधे सच या झूठ का प्रतिशत व्यक्ति की प्रकृति के अनुसार अलग-अलग होगा। जितना बेशर्म व्यक्ति, उतना अधिक आधा सच और झूठ। यदि व्यक्ति अच्छा है, तो अच्छे इरादे या ज्ञान की कमी के कारण वह आधा-अधूरा सच बोलेगा। मैं एकमात्र व्यक्ति हूँ जो वास्तव में गैर राजनीतिक हूँ और इसलिए केवल सच बोलने की स्थिति में हूँ। 26 जून 2024 तक का सत्य 30 जनवरी 1948 से भारत का सामाजिक और धार्मिक ताना-बाना कमज़ोर होता चला गया। 30 जनवरी 1948 को क्या हुआ था? गोडसे ने गांधीजी की हत्या की। इस दुखद घटना ने जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में पक्षपात को बढ़ावा दिया। यह प्रक्रिया जारी रही और आज हम सबसे खराब स्थिति में पहुँच गए हैं। जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में हम दुनिया में नंबर एक बेवकूफ राष्ट्र हैं। इस प्रक्रिया ने हमारे इतिहास को खराब कर दिया है। इतिहास अब हमारे देश में हास्य बन गया है। एक सच्चे साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र का दर्जा पाने के लिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा करनी चाहिए। एक लंबे धागे की उलझन से हर कोई परिचित है। अगर आप इसे सुलझाना चाहते हैं, तो यह बहुत ही नाजुक काम है। और हमारे पास हज़ारों सालों की ऐसी उलझन है। और ऐसा समाधान खोजना जो सभी को संतुष्ट कर सके, बहुत ही खास काम है। इसके लिए खास उपकरण की ज़रूरत होगी। मेरे पास ऐसा उपकरण है। मैंने इस उद्देश्य के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने और सभी को संतुष्ट करने में सक्षम है। लेकिन इसके लिए सरकार का समर्थन ज़रूरी है। मई 2022 तक, मैंने सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ कीं। और सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया। मैं सभी सच्चे देशभक्त नागरिकों से सरकार से ऐसा अनुरोध करने का विनम्र अनुरोध करता हूँ। कृपया सरकार से मुझे एक अवसर देने का अनुरोध करें। आइए हम अपने देश को एक सच्चा साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र बनाएँ। अवधूत जोशी
@suvi0suvidha
@suvi0suvidha 2 месяца назад
इतिहासाची मोडतोड करून सान्गणे...प्रपोगंडा करणे हा हिन्दू महासभा अर्थातच आजच्या आर एस् एस् चा पायंडा आहे .
@sukalalshinde4144
@sukalalshinde4144 2 месяца назад
101 % सत्य
@VijayManjrekar-xs9fe
@VijayManjrekar-xs9fe 2 месяца назад
आर एस एस असल्यामुळे भारतावर पाकिस्तान कब्जा करु शकत नाही. भारताला इस्लामीक मुलुख बनवायला आर एस एस चा विरोध आहे. पाकिस्तानचा सर्वात मोठा शत्रू आर एस एस.
@VijayManjrekar-xs9fe
@VijayManjrekar-xs9fe 2 месяца назад
भारत में किसी मदरसे में या कोई मुस्लिम नेताने डॉ बाबासाहेब आंबेडकर की जयंती मनाई गयी है तो फोटो भेजना. दलीत-मुस्लीम एकता का संदेश भेजना है .
@LordNecks-se1ts
@LordNecks-se1ts 2 месяца назад
@@VijayManjrekar-xs9fe rss ke karyalay ka bhi bhejana...
@vishalsonawane6056
@vishalsonawane6056 18 дней назад
​@@VijayManjrekar-xs9feR.S.S. ने भारतीय तिरंगा पैरों तले कुचला यह फोटो भेजना है पुढील मराठीत सांगतो अंधभक्त अजूनही गुर्मित वागत आहेत तिकडे PAPA मिली +जुली+सरकार तयार करत आहे किती सत्तेवर राहण्यासाठी धडपड की आपले सरकार पडले की १० वर्षे केलेले कारस्थान बाहेर पडू नये याची काळजी ? पुछता है भारत .
@rupayelve9853
@rupayelve9853 2 месяца назад
नेहरूंचे समर्थन आम्ही करतो नेहरून मुळे बाबासाहेबांना अपेक्षित बरेच कार्य करता आले, कोंग्रेस मधे नेहरू एकटेच जे सुधारवादी विचारांचे होते. बाबासाहेब आंबेडकर आणि गांधी यांच्या मधे किती ही मत भेद असले तरी गोडसे भुमीकेच समर्थन ना आंबेडकर ना आंबेडकरवादी करतं.
@VijayManjrekar-xs9fe
@VijayManjrekar-xs9fe 2 месяца назад
एकदम बरोबर. डॉ बाबासाहेब आंबेडकर यांनी लिहिलेल्या लेटर्स ओफ डॉ आंबेडकर या पुस्तकात पृष्ठ क्रमांक १७९ वर लिहिले आहे की नथुराम गोडसे ने फारच छान काम केले आहे. डॉ बाबासाहेब आंबेडकर चांगल्या गोष्टीला चांगलेच म्हणणार.
@avadhutjoshi796
@avadhutjoshi796 2 дня назад
आदरणीय महोदय संजय आवटे यांनी चांगल्या हेतूने सत्य सांगितले आहे, तरीही ते दीर्घकाळासाठी पुरेसे नाही. तरीही मी म्हणतो ते अर्धसत्य आहे. स्थिर, दीर्घकालीन किंवा कायमस्वरूपी सामाजिक आणि धार्मिक सौहार्दासाठी, आपल्या राष्ट्राला इतिहास, जात आणि धर्म व्यवस्था यावर देशव्यापी चर्चा आवश्यक आहे. या दिशेने केलेल्या माझ्या प्रयत्नांची मी थोडक्यात माहिती देत ​​आहे. हमारे देश में नैतिकता का अभाव है। हम सिर्फ़ उच्च मूल्यों की बात करते हैं और कभी उन पर अमल नहीं करते। मैं इसे अपने उदाहरण से व्यक्त कर रहा हूँ।2015 से यह बात और भी सच हो गई है। मैं अपने अनुभव का ब्यौरा साझा कर रहा हूँ। मेरी राय में, नैतिकता की कमी की यह समस्या हिंदू धर्म के विरोधाभास का कड़वा फल है। जब भी आप हमारे देश में किसी भी व्यक्ति से जाति और धर्म के बारे में कुछ सुनते हैं, चाहे वह बुद्धिजीवी हो या राजनीतिक नेता, हमेशा एक महत्वपूर्ण बात याद रखें। आपको कभी भी ऐसा व्यक्ति नहीं मिलेगा जो पूरी तरह से सच बोलता हो। आपको उसके राजनीतिक झुकाव के अनुसार आधा सच या झूठ मिलेगा। आधे सच या झूठ का प्रतिशत व्यक्ति की प्रकृति के अनुसार अलग-अलग होगा। जितना बेशर्म व्यक्ति, उतना अधिक आधा सच और झूठ। यदि व्यक्ति अच्छा है, तो अच्छे इरादे या ज्ञान की कमी के कारण वह आधा-अधूरा सच बोलेगा। मैं एकमात्र व्यक्ति हूँ जो वास्तव में गैर राजनीतिक हूँ और इसलिए केवल सच बोलने की स्थिति में हूँ। 26 जून 2024 तक का सत्य 30 जनवरी 1948 से भारत का सामाजिक और धार्मिक ताना-बाना कमज़ोर होता चला गया। 30 जनवरी 1948 को क्या हुआ था? गोडसे ने गांधीजी की हत्या की। इस दुखद घटना ने जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में पक्षपात को बढ़ावा दिया। यह प्रक्रिया जारी रही और आज हम सबसे खराब स्थिति में पहुँच गए हैं। जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में हम दुनिया में नंबर एक बेवकूफ राष्ट्र हैं। इस प्रक्रिया ने हमारे इतिहास को खराब कर दिया है। इतिहास अब हमारे देश में हास्य बन गया है। एक सच्चे साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र का दर्जा पाने के लिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा करनी चाहिए। एक लंबे धागे की उलझन से हर कोई परिचित है। अगर आप इसे सुलझाना चाहते हैं, तो यह बहुत ही नाजुक काम है। और हमारे पास हज़ारों सालों की ऐसी उलझन है। और ऐसा समाधान खोजना जो सभी को संतुष्ट कर सके, बहुत ही खास काम है। इसके लिए खास उपकरण की ज़रूरत होगी। मेरे पास ऐसा उपकरण है। मैंने इस उद्देश्य के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने और सभी को संतुष्ट करने में सक्षम है। लेकिन इसके लिए सरकार का समर्थन ज़रूरी है। मई 2022 तक, मैंने सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ कीं। और सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया। मैं सभी सच्चे देशभक्त नागरिकों से सरकार से ऐसा अनुरोध करने का विनम्र अनुरोध करता हूँ। कृपया सरकार से मुझे एक अवसर देने का अनुरोध करें। आइए हम अपने देश को एक सच्चा साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र बनाएँ। अवधूत जोशी
@user-ev4vv3bj8x
@user-ev4vv3bj8x 2 месяца назад
अत्यंत अभ्यासपूर्ण विवेचन केले आहे. इतिहासाची मोडतोड करणे हाच जणू आजकालचा पायंडा पडत चालला आहे.
@vinuvinu3375
@vinuvinu3375 2 месяца назад
भाजपवाल्यांनी आणि आरएसएस वाल्यांनी आणि गोदी मीडिया आणि हे विश्लेषण जरूर पाहावे
@VijayManjrekar-xs9fe
@VijayManjrekar-xs9fe 2 месяца назад
तिनों के लिए आदर है । तिनों के लिए अभिमान है । नथुराम गोडसे डॉ बाबासाहेब आंबेडकर सावरकर सभी अपनी अपनी जगह पर अफलातून हिरो हैं । जयभीम।
@avadhutjoshi796
@avadhutjoshi796 2 дня назад
आदरणीय महोदय संजय आवटे यांनी चांगल्या हेतूने सत्य सांगितले आहे, तरीही ते दीर्घकाळासाठी पुरेसे नाही. तरीही मी म्हणतो ते अर्धसत्य आहे. स्थिर, दीर्घकालीन किंवा कायमस्वरूपी सामाजिक आणि धार्मिक सौहार्दासाठी, आपल्या राष्ट्राला इतिहास, जात आणि धर्म व्यवस्था यावर देशव्यापी चर्चा आवश्यक आहे. या दिशेने केलेल्या माझ्या प्रयत्नांची मी थोडक्यात माहिती देत ​​आहे. हमारे देश में नैतिकता का अभाव है। हम सिर्फ़ उच्च मूल्यों की बात करते हैं और कभी उन पर अमल नहीं करते। मैं इसे अपने उदाहरण से व्यक्त कर रहा हूँ।2015 से यह बात और भी सच हो गई है। मैं अपने अनुभव का ब्यौरा साझा कर रहा हूँ। मेरी राय में, नैतिकता की कमी की यह समस्या हिंदू धर्म के विरोधाभास का कड़वा फल है। जब भी आप हमारे देश में किसी भी व्यक्ति से जाति और धर्म के बारे में कुछ सुनते हैं, चाहे वह बुद्धिजीवी हो या राजनीतिक नेता, हमेशा एक महत्वपूर्ण बात याद रखें। आपको कभी भी ऐसा व्यक्ति नहीं मिलेगा जो पूरी तरह से सच बोलता हो। आपको उसके राजनीतिक झुकाव के अनुसार आधा सच या झूठ मिलेगा। आधे सच या झूठ का प्रतिशत व्यक्ति की प्रकृति के अनुसार अलग-अलग होगा। जितना बेशर्म व्यक्ति, उतना अधिक आधा सच और झूठ। यदि व्यक्ति अच्छा है, तो अच्छे इरादे या ज्ञान की कमी के कारण वह आधा-अधूरा सच बोलेगा। मैं एकमात्र व्यक्ति हूँ जो वास्तव में गैर राजनीतिक हूँ और इसलिए केवल सच बोलने की स्थिति में हूँ। 26 जून 2024 तक का सत्य 30 जनवरी 1948 से भारत का सामाजिक और धार्मिक ताना-बाना कमज़ोर होता चला गया। 30 जनवरी 1948 को क्या हुआ था? गोडसे ने गांधीजी की हत्या की। इस दुखद घटना ने जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में पक्षपात को बढ़ावा दिया। यह प्रक्रिया जारी रही और आज हम सबसे खराब स्थिति में पहुँच गए हैं। जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में हम दुनिया में नंबर एक बेवकूफ राष्ट्र हैं। इस प्रक्रिया ने हमारे इतिहास को खराब कर दिया है। इतिहास अब हमारे देश में हास्य बन गया है। एक सच्चे साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र का दर्जा पाने के लिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा करनी चाहिए। एक लंबे धागे की उलझन से हर कोई परिचित है। अगर आप इसे सुलझाना चाहते हैं, तो यह बहुत ही नाजुक काम है। और हमारे पास हज़ारों सालों की ऐसी उलझन है। और ऐसा समाधान खोजना जो सभी को संतुष्ट कर सके, बहुत ही खास काम है। इसके लिए खास उपकरण की ज़रूरत होगी। मेरे पास ऐसा उपकरण है। मैंने इस उद्देश्य के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने और सभी को संतुष्ट करने में सक्षम है। लेकिन इसके लिए सरकार का समर्थन ज़रूरी है। मई 2022 तक, मैंने सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ कीं। और सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया। मैं सभी सच्चे देशभक्त नागरिकों से सरकार से ऐसा अनुरोध करने का विनम्र अनुरोध करता हूँ। कृपया सरकार से मुझे एक अवसर देने का अनुरोध करें। आइए हम अपने देश को एक सच्चा साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र बनाएँ। अवधूत जोशी
@tularammeshram2170
@tularammeshram2170 2 месяца назад
भलेही आंबेडकरी मतांसाठी का असेना मात्र मा.प्रधानमंत्री मोदीजी डॉ आंबेडकर आणि काँग्रेस याबाबतीत जे म्हणाले ते अगदी बरोबर आहे. काँग्रेसनेच आंबेडकरी चळवळीला कमकुवत केले हे ही तेवढेच खरे आहे.
@VijayManjrekar-xs9fe
@VijayManjrekar-xs9fe 2 месяца назад
नरेंद्र मोदी लबाड आहे. नाव घेतो गांधींचे आणि गुपचूप काम करतोय डॉ बाबासाहेब आंबेडकर यांच्या विचारांचे. सगळ्या महत्त्वाच्या ठिकाणी गुपचूप दलीत, ओबिसी, वाल्मिकी अशी भरती केलेली आहे.
@user-ch4wi2zm5m
@user-ch4wi2zm5m 2 месяца назад
आम्ही गरीब मराठे आता फक्त बाळासाहेब आंबेडकरांसोबत 💯💯💯
@ManikGajare
@ManikGajare Месяц назад
😊
@avadhutjoshi796
@avadhutjoshi796 2 дня назад
आदरणीय महोदय संजय आवटे यांनी चांगल्या हेतूने सत्य सांगितले आहे, तरीही ते दीर्घकाळासाठी पुरेसे नाही. तरीही मी म्हणतो ते अर्धसत्य आहे. स्थिर, दीर्घकालीन किंवा कायमस्वरूपी सामाजिक आणि धार्मिक सौहार्दासाठी, आपल्या राष्ट्राला इतिहास, जात आणि धर्म व्यवस्था यावर देशव्यापी चर्चा आवश्यक आहे. या दिशेने केलेल्या माझ्या प्रयत्नांची मी थोडक्यात माहिती देत ​​आहे. हमारे देश में नैतिकता का अभाव है। हम सिर्फ़ उच्च मूल्यों की बात करते हैं और कभी उन पर अमल नहीं करते। मैं इसे अपने उदाहरण से व्यक्त कर रहा हूँ।2015 से यह बात और भी सच हो गई है। मैं अपने अनुभव का ब्यौरा साझा कर रहा हूँ। मेरी राय में, नैतिकता की कमी की यह समस्या हिंदू धर्म के विरोधाभास का कड़वा फल है। जब भी आप हमारे देश में किसी भी व्यक्ति से जाति और धर्म के बारे में कुछ सुनते हैं, चाहे वह बुद्धिजीवी हो या राजनीतिक नेता, हमेशा एक महत्वपूर्ण बात याद रखें। आपको कभी भी ऐसा व्यक्ति नहीं मिलेगा जो पूरी तरह से सच बोलता हो। आपको उसके राजनीतिक झुकाव के अनुसार आधा सच या झूठ मिलेगा। आधे सच या झूठ का प्रतिशत व्यक्ति की प्रकृति के अनुसार अलग-अलग होगा। जितना बेशर्म व्यक्ति, उतना अधिक आधा सच और झूठ। यदि व्यक्ति अच्छा है, तो अच्छे इरादे या ज्ञान की कमी के कारण वह आधा-अधूरा सच बोलेगा। मैं एकमात्र व्यक्ति हूँ जो वास्तव में गैर राजनीतिक हूँ और इसलिए केवल सच बोलने की स्थिति में हूँ। 26 जून 2024 तक का सत्य 30 जनवरी 1948 से भारत का सामाजिक और धार्मिक ताना-बाना कमज़ोर होता चला गया। 30 जनवरी 1948 को क्या हुआ था? गोडसे ने गांधीजी की हत्या की। इस दुखद घटना ने जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में पक्षपात को बढ़ावा दिया। यह प्रक्रिया जारी रही और आज हम सबसे खराब स्थिति में पहुँच गए हैं। जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में हम दुनिया में नंबर एक बेवकूफ राष्ट्र हैं। इस प्रक्रिया ने हमारे इतिहास को खराब कर दिया है। इतिहास अब हमारे देश में हास्य बन गया है। एक सच्चे साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र का दर्जा पाने के लिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा करनी चाहिए। एक लंबे धागे की उलझन से हर कोई परिचित है। अगर आप इसे सुलझाना चाहते हैं, तो यह बहुत ही नाजुक काम है। और हमारे पास हज़ारों सालों की ऐसी उलझन है। और ऐसा समाधान खोजना जो सभी को संतुष्ट कर सके, बहुत ही खास काम है। इसके लिए खास उपकरण की ज़रूरत होगी। मेरे पास ऐसा उपकरण है। मैंने इस उद्देश्य के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने और सभी को संतुष्ट करने में सक्षम है। लेकिन इसके लिए सरकार का समर्थन ज़रूरी है। मई 2022 तक, मैंने सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ कीं। और सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया। मैं सभी सच्चे देशभक्त नागरिकों से सरकार से ऐसा अनुरोध करने का विनम्र अनुरोध करता हूँ। कृपया सरकार से मुझे एक अवसर देने का अनुरोध करें। आइए हम अपने देश को एक सच्चा साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र बनाएँ। अवधूत जोशी
@bbgajbhare4018
@bbgajbhare4018 2 месяца назад
आवटेजी.... बाबासाहेबांच्या घटनासमितीमधिल प्रवेशा बाबत ...आपण अर्धवट माहिती देवून ....आपण बेमालूमपणे कांग्रेस व म गांधी यांच्यामुळे बाबासाहेबांना घटनासमितीत प्रवेश मिळाला हे अर्धे सत्य सांगून अर्धेसत्य दडवून ठेवणे कितपत योग्य आहे.... बाबासाहेब प बंगालमधून स्वतंत्रपणे निवडणूक जिंकून घटनासमितीत गेले त्याचे श्रेय बॅ जोगेंद्रनाथ मंडल यांना आहे.....कांग्रेस , सरदार पटेल हे बाबासाहेब घटनासमित येणार नाहीत याची परिपूर्ण रणनीती तयार केली होती...
@narendramahajan8356
@narendramahajan8356 2 месяца назад
बंगाल मधुन बाबासाहेब निवडून आले परंतू तो मतदार पाकिस्तान मध्ये गेल्याने बाबा साहेबाला कॉग्रेसने मुंबईमधुन निवडुण आणले ।
@vaishaliwalunj9451
@vaishaliwalunj9451 2 месяца назад
Arey tumhi itihas vacha Ani समजून घ्या ... सावरकर गोळवकर यांनी बाबासाहेबाना वाईट बोलले शिव्या दिल्या ते चालतंय आणि ज्यांनी संविधान निर्माण करताना बाबासाहेबाना त्याच्या buddhimatenusar प्राधान्य दिलं त्याच्या विरोधात बोलता .. मोती आज संविधान समवण्याचा प्रयत्न करत आहे ते चालत का
@milindgaikwad8427
@milindgaikwad8427 2 месяца назад
स्वतंत्र मतदारसंघ नाकारून पुणे कराराप्रमाणे राखीव जागा स्विकारण्यात आल्या मात्र काँग्रेसने त्या जागांवर त्यांचेच चमचे निवडून आणलें व अस्पृश्यांच्या ख-या प्रतिनिधींना गारद केले. अशाप्रकारे काँग्रेसने डॉक्टर आंबेडकरांचे राजकारण संपविले. तेच धोरण आजतागायत चालू आहे.
@user-tf3lq3yo7b
@user-tf3lq3yo7b 2 месяца назад
Knowledge full speech
@narendramahajan8356
@narendramahajan8356 2 месяца назад
गांधींमुळे च बाबा साहेबाना संविधान सभेत केवळ प्रवेशच मिळाला नाही तर सरळ मसुदा समितीचे अध्यक्ष बनले याबद्दलं बाबा साहेबांनी गांधीचे आभार मानले आहेत । जेष्ठ आंबेडकर वादी रावसाहेब कसबे वाचा म्हणजे डोळ्या वरचे झापडं उघडतील । गांधी समजणे सोपे नाहीं । रावसाहेब कसबे यांना गांधी समजून घेण्या करी ता पंधरा वर्षे लागली । गांधी होते म्हणूनच बाबासाहेब घटनेचे शिल्पकार बनुं शकले ।
@rajendrakamble7279
@rajendrakamble7279 2 месяца назад
घटना समिती वर डाॅ बाबासाहेब आंबेडकर यांची निवड व्हावी म्हणून ब्रिटिश गव्हर्नर यांनी नेहरु वर दबाव टाकला त्या नंतर डाॅ आंबेडकर यांना काँग्रेस नी मुंबई प्रांतातून निवडून आणाले असे काही बुद्धीवादी लोकांचे मनोगत असल्याचे समझते .या संदर्भात आपले काय मत आहे
@balajisuryatale3023
@balajisuryatale3023 2 месяца назад
1927 ला महाडच्या संग्रामाच्या वेळी गांधी चा फोटो कुठे ठेवला होता याचे उदाहरण द्याल का ? संदर्भ हं एव्हढे मात्र खरे की ' जयभवानी जयशिवाजी अशा घोषना मात्र दिल्या गेल्या आहेत . सत्यागृह करून बाबासाहेब शिवरायांच्या किल्यावर आराम करणेसाठी गेले त्या वेळी विरोध झाला होता .
@kingkayoshin1732
@kingkayoshin1732 2 месяца назад
खोट बोलुन गांधीची गेलेली इमेज वाढवण्यासाठी प्रयत्न करत आहेत हि लोक
@user-td6zh8qz6g
@user-td6zh8qz6g 2 месяца назад
Gandinl tar babasahebancha vlrdh kela babasahebancha kamgirsobat Gandhi jodu nka khar tr Gandhi mulech baba saheb ana adhik tras sahn karava lgla
@manikshinde5597
@manikshinde5597 2 месяца назад
खुपच छान विश्लेषण आवटे सर!
@truptibhale8393
@truptibhale8393 2 месяца назад
संघ व भाजपचे नेते आणि त्यांची विचार सरणी म्हणजे वैचरिक कँसर आहे।
@totalFilmy108
@totalFilmy108 2 месяца назад
आवटे साहेब,आता हे इंटरनेट चे युग आहे,लोकांना सहज माहिती उपलब्ध होते,तुम्ही सांगितलं तेच खरं तो जमाना आता नाही राहिला
@SachinDeshpande-pd9qc
@SachinDeshpande-pd9qc 19 дней назад
ती माहीती मॅन्युपुलेट केली असते जुन्या काळातील संदर्भ दाखले हेच प्रमाण असतात हे इंटरनेट युग अति प्रमाणात भारताच्या काहीच कामाच नाही अति औद्योगिकीकरण भारतासारख्या देशात बिन कामी ठरले हे नेहरु जाणुन होते त्यामुळे भोगवादी व्यवस्था वाढेल जी भारतासारख्या कृषीप्रधान व्यवस्थेला पोषक असणार नाही चंगळवाद परवडणारा नाही हे जाणून होते आज तेच घडतय
@user-gk1dp4nt6m
@user-gk1dp4nt6m 2 месяца назад
नारायण सदोबा काजरोळकर यांना बाबासाहेबांच्या विरोधात काँग्रेस ने उमेदवारी देऊन निवडून आणले व डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर यांना पराभूत करण्याचे महापाप काँग्रेस ने केले
@sugrivgaikwad6225
@sugrivgaikwad6225 2 месяца назад
संजय औटे आपली भाषा ही बाबासाहेब आंबेडकर यांना थोडं कमी दाखविण्याची धूर्त चलाख चालबाजी लपून रहात नाही.
@tanajikumbhar1555
@tanajikumbhar1555 2 месяца назад
Not at all.Shri Auati proved the greatness of Dr Babasaheb Ambedkar.All are three great and worked for nation .
@komaldasathawale9558
@komaldasathawale9558 26 дней назад
बाबासाहेब १९५१ नंतर संसदेत नव्हते तरीही चार वर्षांत हिंदू कोड बिल नेहरूंनी मंजूर करून घेतले, ते आंबेडकर विरोधी होते म्हणून काय
@sushilvarma1939
@sushilvarma1939 2 месяца назад
धन्यवाद आवटे सर... ❤
@jaywantraokharat4418
@jaywantraokharat4418 2 месяца назад
आवटे तुम्ही एकांगी माहिती सांगितली आहे स्वातंत्र्यापूर्वीच राज्यघटना निर्मितीचे कार्य चालू झाले होते व बाबासाहेब आंबेडकरांची तेंव्हाच घटना परिषदेत नियुक्ती झाली होती स्वातंत्र्यानंतर बाबासाहेब आंबेडकरांचा मतदारसंघ मुस्लिम बहुल नसूनही मुद्दामहून काँग्रेसने पाकिस्तानला देवून टाकला होता जेणेकरून घटना परिषदेतून बाबासाहेब बाहेर राहतील सत्य हे आहे की काँग्रेस जेंव्हा युरोपियन विचारवंताकडे मसुदा समितीचे काम करावे अशी विनंती घेऊन गेली तेंव्हा युरोपियन विचारवंतांनी त्यांना सांगितले की भारतात केवळ डॉ बाबासाहेब आंबेडकर हेच या कार्याकरिता योग्य तज्ञ व्यक्ती असतांना तुम्ही आमच्याकडे कशाला आलात तेव्हा काँग्रेस पक्षाचे डोळे उघडले. १९५२ व नंतरच्या लोकसभा पोटनिवडणुकीत बाबासाहेब आंबेडकरांचा अतिशय साधारण उमेदवाराकडून काँग्रेसनं बाबासाहेब आंबेडकरांचा मुद्दामहून पराभव केला हे आपण सांगितले नाही यावरून आपण काँग्रेस पक्षाची बाजू घेत आहात हे सिध्द होते
@sunitajagtap2177
@sunitajagtap2177 2 месяца назад
Absolutely right,now people know very well old history 😊
@kishorushir1333
@kishorushir1333 2 месяца назад
100% right
@yashdhande5118
@yashdhande5118 Месяц назад
इतिहासाचा संदर्भ जर पाहिला तर या देशात इतिहास याची मोडतोड फार फार मोठ्या प्रमाणात याच लोकांनी केल्याची आपल्याला पाहायला मिळते अगदी पुराणग्रंथ सुद्धा याचे साक्षीदार आहेत कारण की अनेक संशोधकांनी याचा खुलासा केल्याचा आपल्याला पाहायला मिळते म्हणून या लोकांवर किती विश्वास ठेवायचा आहे हे देखील संशयात येत आहे त्यांच्या मांडणीला पुरावे वगैरे काही नसतात थातुरमातुर पुरावे इकडून तिकडून गोळा करायचे आणि इतिहासाचा विपर्यास करायचा हेच त्यांचे उद्दिष्ट स्वतःचा स्वार्थ पूर्ण करणे स्वतःचा स्वार्थ पूर्ण करणे एवढाच त्यांचा ध्येय असतो
@rajshrikharat9769
@rajshrikharat9769 10 дней назад
@@sunitajagtap2177 सुनीता ताई सप्रेम जयभीम कृपया आपल्या कार्याबद्दल कळवावे ही विनंती
@avadhutjoshi796
@avadhutjoshi796 2 дня назад
आदरणीय महोदय संजय आवटे यांनी चांगल्या हेतूने सत्य सांगितले आहे, तरीही ते दीर्घकाळासाठी पुरेसे नाही. तरीही मी म्हणतो ते अर्धसत्य आहे. स्थिर, दीर्घकालीन किंवा कायमस्वरूपी सामाजिक आणि धार्मिक सौहार्दासाठी, आपल्या राष्ट्राला इतिहास, जात आणि धर्म व्यवस्था यावर देशव्यापी चर्चा आवश्यक आहे. या दिशेने केलेल्या माझ्या प्रयत्नांची मी थोडक्यात माहिती देत ​​आहे. हमारे देश में नैतिकता का अभाव है। हम सिर्फ़ उच्च मूल्यों की बात करते हैं और कभी उन पर अमल नहीं करते। मैं इसे अपने उदाहरण से व्यक्त कर रहा हूँ।2015 से यह बात और भी सच हो गई है। मैं अपने अनुभव का ब्यौरा साझा कर रहा हूँ। मेरी राय में, नैतिकता की कमी की यह समस्या हिंदू धर्म के विरोधाभास का कड़वा फल है। जब भी आप हमारे देश में किसी भी व्यक्ति से जाति और धर्म के बारे में कुछ सुनते हैं, चाहे वह बुद्धिजीवी हो या राजनीतिक नेता, हमेशा एक महत्वपूर्ण बात याद रखें। आपको कभी भी ऐसा व्यक्ति नहीं मिलेगा जो पूरी तरह से सच बोलता हो। आपको उसके राजनीतिक झुकाव के अनुसार आधा सच या झूठ मिलेगा। आधे सच या झूठ का प्रतिशत व्यक्ति की प्रकृति के अनुसार अलग-अलग होगा। जितना बेशर्म व्यक्ति, उतना अधिक आधा सच और झूठ। यदि व्यक्ति अच्छा है, तो अच्छे इरादे या ज्ञान की कमी के कारण वह आधा-अधूरा सच बोलेगा। मैं एकमात्र व्यक्ति हूँ जो वास्तव में गैर राजनीतिक हूँ और इसलिए केवल सच बोलने की स्थिति में हूँ। 26 जून 2024 तक का सत्य 30 जनवरी 1948 से भारत का सामाजिक और धार्मिक ताना-बाना कमज़ोर होता चला गया। 30 जनवरी 1948 को क्या हुआ था? गोडसे ने गांधीजी की हत्या की। इस दुखद घटना ने जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में पक्षपात को बढ़ावा दिया। यह प्रक्रिया जारी रही और आज हम सबसे खराब स्थिति में पहुँच गए हैं। जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में हम दुनिया में नंबर एक बेवकूफ राष्ट्र हैं। इस प्रक्रिया ने हमारे इतिहास को खराब कर दिया है। इतिहास अब हमारे देश में हास्य बन गया है। एक सच्चे साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र का दर्जा पाने के लिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा करनी चाहिए। एक लंबे धागे की उलझन से हर कोई परिचित है। अगर आप इसे सुलझाना चाहते हैं, तो यह बहुत ही नाजुक काम है। और हमारे पास हज़ारों सालों की ऐसी उलझन है। और ऐसा समाधान खोजना जो सभी को संतुष्ट कर सके, बहुत ही खास काम है। इसके लिए खास उपकरण की ज़रूरत होगी। मेरे पास ऐसा उपकरण है। मैंने इस उद्देश्य के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने और सभी को संतुष्ट करने में सक्षम है। लेकिन इसके लिए सरकार का समर्थन ज़रूरी है। मई 2022 तक, मैंने सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ कीं। और सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया। मैं सभी सच्चे देशभक्त नागरिकों से सरकार से ऐसा अनुरोध करने का विनम्र अनुरोध करता हूँ। कृपया सरकार से मुझे एक अवसर देने का अनुरोध करें। आइए हम अपने देश को एक सच्चा साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र बनाएँ। अवधूत जोशी
@amolbagade6030
@amolbagade6030 2 месяца назад
आंबेडकर ला कांग्रेस ने पाडले हे खर आहे कांग्रेस ने सतत आंबेडकर ला त्रास खुप दिला आहे इतिहास गवाह आहे हे नकारू नाही शकत
@SachinDeshpande-pd9qc
@SachinDeshpande-pd9qc 19 дней назад
मग भाजपा जनसंघ आर एस एस वाले काय सोन्याचे ताट देत होते काय❓ त्यांचे वर्तन तर त्या काळात इंग्रजांसारखेच होते खास करुन दलित अस्पृश्य समाज फक्त वापरुन फेका नेहरु एकटे काय करू शकत होते त्या काळातल्या परिस्थिती नुसार नेहरु बरेच आधुनिक विचारसरणी चे होते
@vikaskharat2033
@vikaskharat2033 2 месяца назад
आवटे साहेब बाबासाहेबांचा संविधान सभेत प्रवेश कसा झाला याचे विश्लेषण करावे, संविधान सभेत निवडून येऊ नये यासाठी काँग्रेस ने कसे प्रयत्न केले याविषयी सविस्तर माहिती दयावी.
@ujwalapawar5061
@ujwalapawar5061 28 дней назад
आताही तेच करतायत त्यांच्या नातवाला कुठं पुढे येऊ देतात?या कॉग्रेस राष्ट्रवादी भाजपसेना हे सर्व आहेत
@abhijeetdhongade8689
@abhijeetdhongade8689 Месяц назад
आवटे साहेबांना एक विनंती आहे की कॉंग्रेस ने अकोल्यात आपला उमेदवार देऊन काय साधलं? यावर व्हिडिओ बनवावा..
@komaldasathawale9558
@komaldasathawale9558 26 дней назад
संविधान वाचवण्यासाठी प्रकाश आंबेडकर यांनी पूर्ण महाराष्ट्रात कॉंग्रेस विरोधात उमेदवार उभे केले त्याच काय? मुळात दोन्ही पक्ष वेगवेगळ्या भूमिका घेवून आहेत मात्र त्यांचा मतदार मात्र एकच आहे, कॉंग्रेस चे मतदार ओबीसी, दलित आदिवासी मुस्लिम आहेत तर वंचित बहुजन आघाडी चे मतदार सुध्दा हेच आहेत आता प्रश्न मतदारांचा आहे संविधान विरोधी आरएसएस बिजेेपी ला कोण सक्षमपणे पर्याय ठरू शकतो ते ठरवण्याचा अधिकार हा मतदारांचाच आहे
@ExpelisBloating
@ExpelisBloating 2 месяца назад
हमारा नितिन गडकरी से कोई बैर नहीं पर बीजेपी की अब खैर नहीं : वंचित बहुजन आघाडी
@AshrafKhan-lf6kq
@AshrafKhan-lf6kq 2 месяца назад
Modi BJP hatao baba saheb ka sambhidhan bachao 🙏🙏🙏🙏
@babasahebmore9154
@babasahebmore9154 2 месяца назад
फार छान माहिती मुद्या सह समझळी
@user-do4jc6pu5v
@user-do4jc6pu5v 2 месяца назад
पण काँग्रेस ने आंबेडकरांना १९५२ व १९५४ ल लोकसभेत का पाडलं?
@AshrafKhan-lf6kq
@AshrafKhan-lf6kq 2 месяца назад
1952 aur 1954 me RSS aur sangh ne baba saheb ka sath Diya tha kaya😅?
@avadhutjoshi796
@avadhutjoshi796 2 дня назад
आदरणीय महोदय संजय आवटे यांनी चांगल्या हेतूने सत्य सांगितले आहे, तरीही ते दीर्घकाळासाठी पुरेसे नाही. तरीही मी म्हणतो ते अर्धसत्य आहे. स्थिर, दीर्घकालीन किंवा कायमस्वरूपी सामाजिक आणि धार्मिक सौहार्दासाठी, आपल्या राष्ट्राला इतिहास, जात आणि धर्म व्यवस्था यावर देशव्यापी चर्चा आवश्यक आहे. या दिशेने केलेल्या माझ्या प्रयत्नांची मी थोडक्यात माहिती देत ​​आहे. हमारे देश में नैतिकता का अभाव है। हम सिर्फ़ उच्च मूल्यों की बात करते हैं और कभी उन पर अमल नहीं करते। मैं इसे अपने उदाहरण से व्यक्त कर रहा हूँ।2015 से यह बात और भी सच हो गई है। मैं अपने अनुभव का ब्यौरा साझा कर रहा हूँ। मेरी राय में, नैतिकता की कमी की यह समस्या हिंदू धर्म के विरोधाभास का कड़वा फल है। जब भी आप हमारे देश में किसी भी व्यक्ति से जाति और धर्म के बारे में कुछ सुनते हैं, चाहे वह बुद्धिजीवी हो या राजनीतिक नेता, हमेशा एक महत्वपूर्ण बात याद रखें। आपको कभी भी ऐसा व्यक्ति नहीं मिलेगा जो पूरी तरह से सच बोलता हो। आपको उसके राजनीतिक झुकाव के अनुसार आधा सच या झूठ मिलेगा। आधे सच या झूठ का प्रतिशत व्यक्ति की प्रकृति के अनुसार अलग-अलग होगा। जितना बेशर्म व्यक्ति, उतना अधिक आधा सच और झूठ। यदि व्यक्ति अच्छा है, तो अच्छे इरादे या ज्ञान की कमी के कारण वह आधा-अधूरा सच बोलेगा। मैं एकमात्र व्यक्ति हूँ जो वास्तव में गैर राजनीतिक हूँ और इसलिए केवल सच बोलने की स्थिति में हूँ। 26 जून 2024 तक का सत्य 30 जनवरी 1948 से भारत का सामाजिक और धार्मिक ताना-बाना कमज़ोर होता चला गया। 30 जनवरी 1948 को क्या हुआ था? गोडसे ने गांधीजी की हत्या की। इस दुखद घटना ने जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में पक्षपात को बढ़ावा दिया। यह प्रक्रिया जारी रही और आज हम सबसे खराब स्थिति में पहुँच गए हैं। जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में हम दुनिया में नंबर एक बेवकूफ राष्ट्र हैं। इस प्रक्रिया ने हमारे इतिहास को खराब कर दिया है। इतिहास अब हमारे देश में हास्य बन गया है। एक सच्चे साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र का दर्जा पाने के लिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा करनी चाहिए। एक लंबे धागे की उलझन से हर कोई परिचित है। अगर आप इसे सुलझाना चाहते हैं, तो यह बहुत ही नाजुक काम है। और हमारे पास हज़ारों सालों की ऐसी उलझन है। और ऐसा समाधान खोजना जो सभी को संतुष्ट कर सके, बहुत ही खास काम है। इसके लिए खास उपकरण की ज़रूरत होगी। मेरे पास ऐसा उपकरण है। मैंने इस उद्देश्य के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने और सभी को संतुष्ट करने में सक्षम है। लेकिन इसके लिए सरकार का समर्थन ज़रूरी है। मई 2022 तक, मैंने सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ कीं। और सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया। मैं सभी सच्चे देशभक्त नागरिकों से सरकार से ऐसा अनुरोध करने का विनम्र अनुरोध करता हूँ। कृपया सरकार से मुझे एक अवसर देने का अनुरोध करें। आइए हम अपने देश को एक सच्चा साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र बनाएँ। अवधूत जोशी
@vinuvinu3375
@vinuvinu3375 2 месяца назад
खूप छान विश्लेषण सर
@sukalalshinde4144
@sukalalshinde4144 2 месяца назад
अत्यंत महत्वाची माहिती सांगितल्याबद्दल आपले खूप खूप आभार
@VijayManjrekar-xs9fe
@VijayManjrekar-xs9fe 2 месяца назад
तिनों के लिए आदर है । तिनों के लिए अभिमान है । नथुराम गोडसे डॉ बाबासाहेब आंबेडकर सावरकर सभी अपनी अपनी जगह पर अफलातून हिरो हैं । जयभीम।
@milindmulik1393
@milindmulik1393 2 месяца назад
आप्रतीम विश्लेषण
@anilgamare841
@anilgamare841 2 месяца назад
Jai bhim ❤❤❤
@VijayManjrekar-xs9fe
@VijayManjrekar-xs9fe 2 месяца назад
एकदम बरोबर. डॉ बाबासाहेब आंबेडकर हे नेहमीच गांधीना एक मामुली इसम असं म्हणायचे. डॉ बाबासाहेब आंबेडकर यांनी लिहिलेली पुस्तके लेटर्स ओफ डॉ बाबासाहेब आंबेडकर आणि पाकिस्तान आणि पार्टीशन हे वाचा. डॉ बाबासाहेब आंबेडकर यांनी नथुराम गोडसे आणि सावरकर यांची स्तुती केलेली आहे. जयभीम.
@devidasrathod517
@devidasrathod517 2 месяца назад
खुपच छान विश्लेषण आवटे सर
@sunandakedare3316
@sunandakedare3316 2 месяца назад
अत्यंत अभ्यास पूर्व विश्लेषण सर जयभीम🙏🙏
@p.k.9743
@p.k.9743 2 месяца назад
अतिशय सुंदर मांडणी
@user-nz1ei7pt3x
@user-nz1ei7pt3x 2 месяца назад
जेव्हा गरज वाटली त्या वेळेस बाबासाहेब
@savitajade9824
@savitajade9824 2 месяца назад
पंतप्रधान नेहरूंनी स्वतःच्या स्वतःला भारतरत्न घेतला. इंदिरा गांधींनी भारतरत्न घेतला. राजीव गांधींनी भारतरत्न घेतला. .... संविधान निर्मात्या डॉ बाबासाहेब आंबेडकरांना मात्र तुमची कांग्रेस सपशेल विसरली. नेमकं कसं समर्थन करणार आता तुम्ही तुमच्या कांग्रेसचं ?
@SachinDeshpande-pd9qc
@SachinDeshpande-pd9qc 19 дней назад
त्यांच्या हयातीत घेतला? काय बोलताय भान आहे का ❓जरा विचारधारा बघा कोणाची चांगली आहे आजच्या सारख नाही संसद भवन बनवल आणी सेंगोल ला पाया पडले स्वतः च्या नावाच स्टेडियम बनवल मोटेरा स्टेडीयम नाव बदलून फोटो सगळीकडे आपलेच कसे लागतील याची काळजी घेतली
@anildethe5911
@anildethe5911 2 месяца назад
अतिशय अभ्यासपूर्ण विश्लेषण केल सरजी....राहिला मोदींचा प्रश्न तर यांना इतिहासाशी काही घेण देण नाही..सवंग प्रसिध्दी व बेजबाबदार विधान करून सत्तेसाठी हपापलेल कर्तव्यशुन्य व्यक्तिमत्व अशीच मोदीची इतिहासात नोंद होणार
@VijayManjrekar-xs9fe
@VijayManjrekar-xs9fe 2 месяца назад
तिनों के लिए आदर है । तिनों के लिए अभिमान है । नथुराम गोडसे डॉ बाबासाहेब आंबेडकर सावरकर सभी अपनी अपनी जगह पर अफलातून हिरो हैं । जयभीम।
@PreranaNavsagare-fd8pi
@PreranaNavsagare-fd8pi 2 месяца назад
बाबासाहेब की तुलना किसी से होती नहीं सक्ती है बाबासाहब प्रज्ञासूर्य है और सूरज कु कम्पेअर किसी से हो ही नहीं सक्ती है यह घोडसेवाली बात वो तो देश में हत्या , मर्डर का सत्र तभी से सुरू हुआ था @@VijayManjrekar-xs9fe
@pintudethe1815
@pintudethe1815 2 месяца назад
आवटे सर , आपणास सखोल अभ्यासाची गरज आहे कारण डॉ बाबासाहेब आंबेडकर यांची तुलना म, गांधी आणि पं, नेहरू बरोबर होऊ शकत नाही . अर्धवट माहिती चे विश्लेषण
@pundlikdhurat8478
@pundlikdhurat8478 2 месяца назад
मतभेद जरूर असावे पण वैयक्तिक मतभेद नसावे!
@umakantkamble5639
@umakantkamble5639 2 месяца назад
Really nice analysis done thank you so much for providing such facts
@pushpalatavaidya1499
@pushpalatavaidya1499 2 месяца назад
सर,तुमचं विवेचन अत्यंत परखड तर आहेच, अभ्यासपूर्ण आहे पण पटण्यासारखं आहे. असं चालू ठेवा. धन्यवाद!
@rajendragaikwad1572
@rajendragaikwad1572 2 месяца назад
अत्यंत छान माहिती दिली तुम्ही आम्ही उगाचच काँग्रेस ला दोषी मानत होतो. मुळात काँग्रेस आणि बाबासाहेब यांची नैतिक मुल्ले समानच होती असे यावरून दिसतेय मग ते राजकार्नात विरोधी का असेनात. Thanks to congress party. Jai bhim 🙏
@sairajambekar9149
@sairajambekar9149 2 месяца назад
हा बाताडा पण मोजकेच सांगायला...आबे कांग्रेस म्हणजे नेहरूची...आणि गांधी हे चातुर्वर्ण्य मानत असत हे सांग की...आणि एवढा सन्मान होता कांग्रेसला बाबासाहेबांचा तर भारतरत्न का नाही दिला हे सांग..
@user-no1qh4ly3r
@user-no1qh4ly3r 2 месяца назад
कॉग्रेसच्या काळात भारतरत्न प्रदान केले
@sairajambekar9149
@sairajambekar9149 2 месяца назад
@@user-no1qh4ly3r V.P. singh chya govt ni jyala bjp support hota tyan dila bharatratna
@rajankhataokar4408
@rajankhataokar4408 2 месяца назад
​@@user-no1qh4ly3rचुकीचं बोलत आहात तुम्ही. जेव्हा pm VP Singh नी दिले
@jagdishrajguru3827
@jagdishrajguru3827 2 месяца назад
अस्पृश्यतेला म.गांधींचा विरोध जगजाहिर आहे त्यासाठी त्यांनी केलेले प्रयत्न जाणून घेतले पाहिजेत.
@narendramahajan8356
@narendramahajan8356 2 месяца назад
गाधी आबेडकर यांना भारत रत्नांची आवश्यकता नाही । ते भारत रत्नाच्या वरचे आहे । त्यांना भारत रत्न देणे म्हणजे भारत रत्नाचा सन्मान आहे ।
@arvindparab2159
@arvindparab2159 2 месяца назад
अभ्यास पुर्ण विवेचन केले आहे; धन्यवाद!
@prashantbhagare12
@prashantbhagare12 2 месяца назад
अप्रतिम मांडणी केली सर सत्य
@sagarthroat5737
@sagarthroat5737 2 месяца назад
खूप छान विश्लेषण केले आवटे सरांनी 🙏🙏
@navchaitanyashiroli3108
@navchaitanyashiroli3108 2 месяца назад
sundar mahiti sir ji ani abhyasat bhar padali aplya mule
@ckamble4831
@ckamble4831 2 месяца назад
बाबासाहेब व गांधीजी यांच्यातला आंतरविरोध काहीजरी असला तरी काळाची गरज पाहून सांप्रतकाळी त्याच्याकडे कानाडोळा करून आज सर्व भारतीयांनी भारतीय संविधानाचे जे कोणी शत्रू आहेत त्यांना संपवणे हे अत्यंत आवश्यक व गरजेचे आहे.
@antonkadam2033
@antonkadam2033 2 месяца назад
विश्लेषण चांगले आहे झालेल्या घटना का व कश्या झाल्या यावर मत एैक्य होणार नाहीत तथ्य ते तथ्य असते. अलिकडे खोट्या इतिहासाचे पर्व सुरु आहे त्यापेैकी हे वाटत नाही
@schandpatil3875
@schandpatil3875 2 месяца назад
Khup Chan sir
@govindsonkamble9286
@govindsonkamble9286 2 месяца назад
फारच छान मांडणी केली आहे आपण, तेही तथ्यासहीत....धन्यवाद.
@SANJAYSHARMA-gi1kk
@SANJAYSHARMA-gi1kk 2 месяца назад
SANJAY AWTE JI GREAT 👍 👌 🙏
@ramdasraut4000
@ramdasraut4000 Месяц назад
अतिशय उत्तम विश्लेषण केले साहेब आजच्या पिढीला प्रेरणा मिळते व सत्य अधोरेखित होते
@chandrakantlakade5425
@chandrakantlakade5425 5 дней назад
धन्यवाद. Sar.
@ramkrishnaraut816
@ramkrishnaraut816 2 месяца назад
अगदी अचुक ऐतिहासिक सत्य आपण सांगितले.आता तरी काही लोकांनी गांधींचा व कांग्रेस चा टोकाचा विरोध करने सोडून द्यावे.फार छान वीडियो.
@VijayManjrekar-xs9fe
@VijayManjrekar-xs9fe 2 месяца назад
गांधी आणि नेहरूंनी अत्यंत इमानदारीने इंग्रजांसाठी मेहनत घेतली आणि वेळोवेळी जमेल तसे स्वातंत्र्य चळवळीत खोडा घातला. स्वातंत्र्यानंतर दोघांनीही अत्यंत इमानदारीने पाकिस्तान आणि इस्लामची सेवा केली. इमानदारी महत्वाची असते.
@Sanketarts4758
@Sanketarts4758 5 дней назад
Very good morning sir Jay Bheem Jay savidhaan
@rajenharshe1494
@rajenharshe1494 2 месяца назад
Wonderful. Very well said.
@Lavnya-js5cs
@Lavnya-js5cs 2 месяца назад
एवढे बाबासाहेब बदल काँग्रेस चांगले होते तर त्यांनी का जातीचा नायनाट केला नाही? आज ही सर्व समाजात ब्राह्मण च्य natar buddhist samaj sushikshit asla तरी त्याला मुद्दाम हिणवले जाते मग का आंबेडकरांना अंतर्राष्ट्रीय कीर्ती असुनही गावंढळ लोकं माहिती नसताना जातीभेद करतात त्यांचे इतके विद्वान नेहरू गांधी पण नव्हते
@pradeepshinde8566
@pradeepshinde8566 2 месяца назад
निशब्द,अतिशय वस्तुनिष्ट विश्लेषण.
@pushpapatil7896
@pushpapatil7896 Месяц назад
चुकीचे विश्लेषण
@vivekshelke9437
@vivekshelke9437 2 месяца назад
खुप छान माहिती 👌🙏
@chetanpawar3066
@chetanpawar3066 2 месяца назад
बाबासाहेब यांचं राजकारण तत कालीन मतदार संघातील मतदारांनी संपवलं , खर तर बाबासाहेब निवडणुकीत उभे असताना मतदारांनी दुसरा उमेदवाराचा विचारणारच करायला नको होती
@rahulyetale9494
@rahulyetale9494 19 дней назад
Thanks sir Chan mahit dilit🙏
@YTSKATTUSATYLIVENEWS
@YTSKATTUSATYLIVENEWS 2 месяца назад
राजकारणच नाही तर डाॅ बाबासाहेबांना पण संपवलं
@babanrankhambe2407
@babanrankhambe2407 2 месяца назад
खुपच छान मांडणी संदर्भासह त्यामुळे ज्ञानात भर पडलीय सर.
@sidnaaz5238
@sidnaaz5238 2 месяца назад
खूप छान..मी तुमचा माहितीचा फैन आहे...
@BhagwatAiwale-ly2wk
@BhagwatAiwale-ly2wk 11 часов назад
खरी माहिती सांगितली सर आपण आणि हे सर्व पटलं
@sushilbole9079
@sushilbole9079 2 месяца назад
अप्रतिम विश्लेषण केलत ह्या विषयावर विश्लेषण करताना आपण आज निळा शर्ट परिधान केलेला आहे हा योगायोग आहे मी भक्त नाही डॉ बाबासाहेब यांचा अनुयायी म्हणून गंमतीने प्रश्न मांडला
@manudange6953
@manudange6953 2 месяца назад
Explain चांगलं केलं पण भंडारा-गोंदिया मतदार संघातून निवडणूक लढवली आणि तिथून हरवलं कोणी याचा उल्लेख झाला पाहिजे होता.
@pankajjamankar1960
@pankajjamankar1960 2 месяца назад
Khar aahe. Yacha ulekh kela nahi. Yachi pan history sanga.
@ashokmore7918
@ashokmore7918 2 месяца назад
अभ्यासपूर्ण माहिती दिलीत त्याबद्दल आपले आभार.🙏👍👌
@SharadWagh-to1qj
@SharadWagh-to1qj 18 дней назад
Satya lokanchi Puri Aliya baddal Hardik shubhechha Jay Bheem Jay
@vijayguraurav6964
@vijayguraurav6964 12 дней назад
फारच छान ज्ञान सांगितले सर तुम्ही..
@user-vm5ti6ty9v
@user-vm5ti6ty9v 2 месяца назад
VBA jai bhim
@ravindrakulkarni9606
@ravindrakulkarni9606 2 месяца назад
विषय खूप मुद्देसूद मांडलाय.
@mattdemon007
@mattdemon007 2 месяца назад
Congress हे जळत घर आहे -dr br Ambedkar हे पण विसरून चालणार
@user-bb4xc1xy2m
@user-bb4xc1xy2m 21 день назад
छान सर माहिती दिली
@bharatbhushangolatkar2285
@bharatbhushangolatkar2285 2 месяца назад
खूप छान माहिती दिलीत
@avadhutjoshi796
@avadhutjoshi796 2 дня назад
आदरणीय महोदय संजय आवटे यांनी चांगल्या हेतूने सत्य सांगितले आहे, तरीही ते दीर्घकाळासाठी पुरेसे नाही. तरीही मी म्हणतो ते अर्धसत्य आहे. स्थिर, दीर्घकालीन किंवा कायमस्वरूपी सामाजिक आणि धार्मिक सौहार्दासाठी, आपल्या राष्ट्राला इतिहास, जात आणि धर्म व्यवस्था यावर देशव्यापी चर्चा आवश्यक आहे. या दिशेने केलेल्या माझ्या प्रयत्नांची मी थोडक्यात माहिती देत ​​आहे. हमारे देश में नैतिकता का अभाव है। हम सिर्फ़ उच्च मूल्यों की बात करते हैं और कभी उन पर अमल नहीं करते। मैं इसे अपने उदाहरण से व्यक्त कर रहा हूँ।2015 से यह बात और भी सच हो गई है। मैं अपने अनुभव का ब्यौरा साझा कर रहा हूँ। मेरी राय में, नैतिकता की कमी की यह समस्या हिंदू धर्म के विरोधाभास का कड़वा फल है। जब भी आप हमारे देश में किसी भी व्यक्ति से जाति और धर्म के बारे में कुछ सुनते हैं, चाहे वह बुद्धिजीवी हो या राजनीतिक नेता, हमेशा एक महत्वपूर्ण बात याद रखें। आपको कभी भी ऐसा व्यक्ति नहीं मिलेगा जो पूरी तरह से सच बोलता हो। आपको उसके राजनीतिक झुकाव के अनुसार आधा सच या झूठ मिलेगा। आधे सच या झूठ का प्रतिशत व्यक्ति की प्रकृति के अनुसार अलग-अलग होगा। जितना बेशर्म व्यक्ति, उतना अधिक आधा सच और झूठ। यदि व्यक्ति अच्छा है, तो अच्छे इरादे या ज्ञान की कमी के कारण वह आधा-अधूरा सच बोलेगा। मैं एकमात्र व्यक्ति हूँ जो वास्तव में गैर राजनीतिक हूँ और इसलिए केवल सच बोलने की स्थिति में हूँ। 26 जून 2024 तक का सत्य 30 जनवरी 1948 से भारत का सामाजिक और धार्मिक ताना-बाना कमज़ोर होता चला गया। 30 जनवरी 1948 को क्या हुआ था? गोडसे ने गांधीजी की हत्या की। इस दुखद घटना ने जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में पक्षपात को बढ़ावा दिया। यह प्रक्रिया जारी रही और आज हम सबसे खराब स्थिति में पहुँच गए हैं। जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में हम दुनिया में नंबर एक बेवकूफ राष्ट्र हैं। इस प्रक्रिया ने हमारे इतिहास को खराब कर दिया है। इतिहास अब हमारे देश में हास्य बन गया है। एक सच्चे साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र का दर्जा पाने के लिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा करनी चाहिए। एक लंबे धागे की उलझन से हर कोई परिचित है। अगर आप इसे सुलझाना चाहते हैं, तो यह बहुत ही नाजुक काम है। और हमारे पास हज़ारों सालों की ऐसी उलझन है। और ऐसा समाधान खोजना जो सभी को संतुष्ट कर सके, बहुत ही खास काम है। इसके लिए खास उपकरण की ज़रूरत होगी। मेरे पास ऐसा उपकरण है। मैंने इस उद्देश्य के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने और सभी को संतुष्ट करने में सक्षम है। लेकिन इसके लिए सरकार का समर्थन ज़रूरी है। मई 2022 तक, मैंने सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ कीं। और सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया। मैं सभी सच्चे देशभक्त नागरिकों से सरकार से ऐसा अनुरोध करने का विनम्र अनुरोध करता हूँ। कृपया सरकार से मुझे एक अवसर देने का अनुरोध करें। आइए हम अपने देश को एक सच्चा साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र बनाएँ। अवधूत जोशी
@tejasdeshpande1471
@tejasdeshpande1471 2 месяца назад
1952 च्या लोकसभा निवडणुकीत बाबासाहेबांचा पराभव कोणी केला ते पण सांगा
@radhakishantangde8940
@radhakishantangde8940 2 месяца назад
Agree
@AshrafKhan-lf6kq
@AshrafKhan-lf6kq 2 месяца назад
RSS aur sangh kiske sath tha 😅
@subhashmanwar5323
@subhashmanwar5323 Месяц назад
Thanks sir ji, I learnt so much from your video
@popatraotadake8642
@popatraotadake8642 2 месяца назад
औवटे सरजी,मला नेहरु,गांधी व आंबेडकर यांच्याकडे कसं बघायला पाहिजे याचे आपण वेगळे दर्शन घडविल्याबद्दल आपले खुप खुप आभार,जयभीम🙏💐🙏
@rajuchandanshive3441
@rajuchandanshive3441 2 месяца назад
Very Very information
@baburaoingle6007
@baburaoingle6007 5 дней назад
सर जी आपन दिलेली प्रतिक्रिया दिली असून माझे आपणास जयभीम जय सवीधान❤❤❤❤❤❤❤😂
@vinodmeshram2673
@vinodmeshram2673 2 месяца назад
गांधी ने हे म्हटले होते बाबासाहेब यांना संविधान सभेत येउदेवू नका संविधान सभेच्या दार आणि खिडक्या सुद्धा बंद करा नाहीतर तो आंबेडकर अंदर घुसेल जय vba
@yogeshsalve9521
@yogeshsalve9521 2 месяца назад
छान समजून सांगितलं , Thanks
@niranjanmeshram8591
@niranjanmeshram8591 Месяц назад
सर आपण ऊचित मार्गदर्शन केल.तुमच हे विश्लेषण मला आवडल.गांधी,नेहरु,आंबेडकर हे फक्त प्रकृतीन अलग अलग होते.विचारानही ते काही ठीकाणी भिन्न भासलेत.पण त्या तिघांच्याही मनात एकमेकाबद्दल द्वेश नंव्हता असे जानवले.बाकी आपण केलेल्या अभ्यासपुर्ण विवेचनासाठी मी आपले आभार व्यक्त करतो.
@BhagwanPachpinde-rd2un
@BhagwanPachpinde-rd2un 11 дней назад
खूप छान मांडणी केली आहे
@dineshbhagat5874
@dineshbhagat5874 2 месяца назад
जय भीम जय संविधान जय शिवराय 🌹❤❤❤❤❤❤🙏🙏🙏🙏🙏🌹
@devidaspatil9246
@devidaspatil9246 2 месяца назад
खूप छान विश्लेषण ते पण संदर्भासहित
@jayantmane3475
@jayantmane3475 11 дней назад
Good anylised by.Awate sir
@shantikumarkhairnar9577
@shantikumarkhairnar9577 2 месяца назад
नमस्कार सर 🙏🙏 .Excellent explanation 👌👌
@ismailsamdole3051
@ismailsamdole3051 2 месяца назад
अतिशय अभ्यासपूर्ण विश्लेषण...
@user-uh3uu6lh7m
@user-uh3uu6lh7m 2 месяца назад
Ha khota rachark aahe mat sathi tayari chalu aahe loksabhyechi as disun yet
@ambadasrajguru2314
@ambadasrajguru2314 2 месяца назад
जय भीम
@pranilmore6810
@pranilmore6810 2 месяца назад
सर मंडणी छानच आहे त्या बद्दल वाद नाही. पण माझ्या वाचनात असे आले आहे की नेहरूंना राज्य घटना Ivor Jennings यांच्या कडून लिहून घ्यायची होती पण गांधी आणि सरदार पटेल यांचा त्याला विरोध होता. हे खरं नाही का?
@satyawangovalkar7023
@satyawangovalkar7023 2 месяца назад
फारच छान विश्लेषण केले आहात. really great
@sureshgangurde8998
@sureshgangurde8998 2 месяца назад
बरोबर मांडणी आहे तुमची.
@user-xe4pd4zp3q
@user-xe4pd4zp3q 20 дней назад
Nice analysis .sir
@123xyzabccba
@123xyzabccba 2 месяца назад
M. Gandhi was fighting for countries freedom so he cld not openly side with the depressed castes as that wld hv antagonised the oppressing castes into withdrawing their support to Gandhis freedom movement. But Gandhiji had great admiration for Ambedkar’s single minded determination to fight for the emancipation of the depressed castes. The relationship between Gandhi & Ambedkar can be described as LOVE & HATE ….. Each also had great respect for each other.
@VijayManjrekar-xs9fe
@VijayManjrekar-xs9fe 2 месяца назад
एकदम बरोबर. डॉ बाबासाहेब आंबेडकर हे नेहमीच गांधीना एक मामुली इसम असं म्हणायचे. डॉ बाबासाहेब आंबेडकर यांनी लिहिलेली पुस्तके लेटर्स ओफ डॉ बाबासाहेब आंबेडकर आणि पाकिस्तान आणि पार्टीशन हे वाचा. डॉ बाबासाहेब आंबेडकर यांनी नथुराम गोडसे आणि सावरकर यांची स्तुती केलेली आहे. जयभीम.
@user-tm6ot1be9d
@user-tm6ot1be9d 2 месяца назад
Anmol mahiti dili tyabaddal abhar.
@sangeetaumale827
@sangeetaumale827 2 месяца назад
Jay bhim
@pramodpatange5663
@pramodpatange5663 20 дней назад
Very nice👍
@asmitakulkarni9464
@asmitakulkarni9464 2 месяца назад
मला माहिती पाहिजे आहे. गांधी फक्त विजातीय लग्नाला उपस्थित राहाणार म्हणाले.कस्तुरबा व महात्मा गांधी वेगळ्या जातीचे होते का?
@bhaskarmohite5476
@bhaskarmohite5476 2 месяца назад
खर तर आंबेडकर एकटेच लढत होते. ambedkar यांच्या विद्वत्ता बुद्धिमत्ता यांचा त्या वेळच्या देशासाठी फायदा करून घेतला.
@VijayManjrekar-xs9fe
@VijayManjrekar-xs9fe 2 месяца назад
आजकालचे सर्वच्या सर्व दलीत नेते डॉ बाबासाहेब आंबेडकर यांच्या विचाराविरूद्ध काम करतात. जयभीम
@someshkamblepune2567
@someshkamblepune2567 27 дней назад
छान सांगितलं सर
@shashikantanavkar3228
@shashikantanavkar3228 2 месяца назад
Really good and prolific analysis. Thanks Aawate Sir. Jay Maharashtra Jay Marathi.
@dyaneshwardevhare7923
@dyaneshwardevhare7923 2 месяца назад
संजय आवटे सर विश्लेषण सुरेख केले पण डॉ बाबासाहेब आंबेडकर संविधान बनवताना हिंदू महासभेचे योगदान किती होते माझा अंदाजे काहीच नसेल
Далее
Занимайся йогой со мной 🫶🏻
00:13
Why Dr. Ambedkar is Great? Dr Vikas Divyakirti
57:52
Lakshvedhi on Manusmriti part 1
18:36
Просмотров 104 тыс.