नवांशहर/राहों,
नजदीकी गांव छोकरां में सतपाल ईंट-भट्ठा के पास दाता अब्बू आलम शाह के दरबार पर संगत व प्रबंधक कमेटी द्वारा दो दिवसीय 34वां सालाना जोड़ मेला करवाया गया। दरबार के सेवादार व गद्दीनशीन बलदेव राज माही की देखरेख में मंगलवार देर शाम को संगत द्वारा निशान साहिब चढाने की रस्म के बाद मेंहदी लगाने तथा चिराग रोशन की रस्म अदा की गई। सतलुज दरिया में दो बेड़ा जल प्रवाह किए गए। जिसमें संगत के साथ विधायक डा. नछतर पाल विशेष तौर पर हाजिर हुए। सभी ने जिंदा ख्वाजा पीर से सब की सुख शांति के लिए अरदास की। इसके बाद देर रात को सोनिया नक्काल ने संगत को खूब झूमाया। दूसरे दिन बुधवार को सुबह चादर चढाने व झंडा चढाने की रस्म अदा की गई। इसके बाद सोनू नक्काल पार्टी सोढिया वाले, कव्वाल शकील साबरी फिल्लौर वालो ने अपने फन का मुजाहिरा किया। शकील शावरी ने खेर चोली पा बाबा अब्बू आलम जी, मैं आप ना लाइयां अब्बू आलम ने लगाइयां चोरी चोरी.., बंगा चढा लो कुडिओं अब्बू आलम दे दरबार दीयां, यह हलका हलका सरूर है, आ गया वैखो अर्शा दा तारा.., चरखे दी मिट्ठी मिट्ठी घूक.., यार बेठा मेरे नाल तूं उहनूं देखी जा.., वे सोने दिया कंगना वे सौदा इक्को जेहा, अल्ला हूं अल्ला हूं दी आवाज पई आवे इत्यादि सुना कर सबको मंत्र मुग्ध कर दिया। मेले में विशेष तौर पर नवांशहर के विधायक डा. नछतर पाल शामिल हुए। डा. नछतर पाल ने बताया कि मेले लोगो में सदभावना पैदा करते हैं। हमारे मेले अमीर गरीब, ऊंच नीच, जात पात का भेद भाव समाप्त करने में सहायक होते हैं। दाता अब्बू आलम शाह के दरबार पर आने सबकी मनोकामनाएं पूरी होती है। पीरो का आशीर्वाद सबकी मनोकामनां पूर्ण करता है। कोई भाग्यशाली ही मेले में पहुंच सकता है। हमें मेले में पहुंच कर पीरों का अशीर्वाद लेना चाहिए। गद्दीनशीन बलदेव राज माही ने बताया कि दाता अब्बू आलम इस दरबार पर आने वाले सभी भक्तो की मनोकामनाए पूरी करते हैं। यह दरबार काफी सदियों पुराना है, यहां संगत की मुरादे पूरे होते देर नहीं लगती। संगत के लिए दोनो दिन पीर का भंडारा लगाया गया। देर शाम को चादर चढाने की रस्म के साथ मेला संपन्न हो गया। मौके में प्यारा लाल माही, दर्शन माही, शीतल फगवाडा, सुरजीत सिंह, अमरीक सिंह, शीतल राम, सोहन साईं, मदन सिंह, गुरदयाल सिंह राहों, हरनाम बैरसियां, कुलविंदरराजू, धर्मपाल, सतनाम, अमरजीत सिंह, सुरजीत कुमार, बाबा राजिदंर कुमार, बिमला रानी, जगदीश कौर, ऊषा राणी, सर्बजीत जाफरपुर, सोहन लाल, छिंदर पाल, जोगिंदर पाल, मुन्ना स्लोह, जस्सी, नरेश कुमार, प्यारा लाल, हरबंस लाल, सुमन कैंथ,विपन कुमार इत्यादि मौजूद रहे।
14 окт 2024