NEW NOHAY 2024 | AI ALI AKBARE MAN | MIRSHAH RIZWAN| SPECIAL NAUHA MASAYAB MAULA ALI AKBAR A.S
RECITER _MIRSHAH RIZWAN
POET _MAULANA BILAL KAZMI S.B
ORIGINAL RECITER _ MEESAM ABBAS KAZMI
special thanks_
MEESAM ABBAS KAZMI S.B
LYRICS _
चाक शुद क़लेबे तू अज़ नोके सेना जान
अली अकबरे मन अए अली अकबरे मन जान अली अकबरे मन
चाक बरछी से हुआ तेरा जिगर जान अली अकबरे मन जान अली अकबरे मन अए अली अकबरे मन
1
खा गई किस की नज़र यूसुफे सानी तुझको
रास आई ना मेरे लाल जवानी तुझको
नेज़ा सीने में लगा _ दिल तेरा टुकड़े हुआ
जान अली अकबरे मन अए अली अकबरे मन
2
आरज़ू जिसकी थी बेटा वो पयाम आया है
तुझको सुग़रा का मदीने से पयाम आया है
दे जवाब उस को भला _ अए मेरे माहे लक़ा
जान अली अकबरे मन अए अली अकबरे मन
3
तेरे मरने से अजब हशर् का हँगाम हुआ
दस्ते सरवर से ज़ईफी का असा छूट गया
नूर आखों का गया _ लुट गऐ शाहे होदा
जान अली अकबरे मन अए अली अकबरे मन
4
बाप के वास्ते इस दर्द का दरमान नहीं
लाश बेटे की उठाना कोई आसान नहीं
क्या करूँ माहे लक़ा _ कहते हैं शाहे होदा
जान अली अकबरे मन अए अली अकबरे मन
5
रोके कैहती थीं सकीना मेरे अच्छे भाई
उमर् थी ब्याह रचाने की तो बरछी खाई
कैसे देखूँ मैं भला _ तेरा सेहरा भईय्या
जान अली अकबरे मन अए अली अकबरे मन
6
रोके चिल्लाती थी शब्बीर की जानी हाऐ
लुट गई मेरे बरादर की कमाई हाऐ
क्या करुँ बहरे ख़ोदा _ मेरा अकबर ना रहा
जान अली अकबरे मन अए अली अकबरे मन
7
जब तेरे ग़म की ख़बर पाऐ गी सोग़रा अकबर
यूँ ही बिमार है मर जाऐ गी सोग़रा अकबर
रात दिन रस्ता तेरा _ देखती है दुखीया
जान अली अकबरे मन अए अली अकबरे मन
8
हाँ मगर सोंचती हूँ राहते जाँ नूरे अऐन
तेरा लाशा तो ज़ईफी में उठा लाऐ हुसैन
कौन लाऐ गा भला _ लाशाऐ शाहे होदा
जान अली अकबरे मन अए अली अकबरे मन
9
नौहा रिज़वान जो पढ़ता है लिखे कैसे बेलाल
खा के जब बरछी गिरा घोड़े से शब्बीर का लाल
हशर् हर सू था बपा _ गूँजती थी ये सदा
जान अली अकबरे मन अए अली अकबरे मन
15 окт 2024