एक ऐसा फ्रिज जिसमें ना तो बिजली की आवश्यकता है और ना ही बिजली के बिल की चिंता. ऐसा फ्रिज जिसे एक स्थान से दूसरे स्थान पर आसानी से ले जाया जा सकता है. जी हाँ! इस फ्रिज को बनाने में कई हाथ जुटे हैं. वहीं लॉकडाउन में इसने कई लोगों की हलक बुझाई, साथ ही कई लोगों के पेट की आग को भी शांत किया. दरअसल जोधपुर के पावटा चौराहे पर सड़क किनारे बैठे शाहू बंजारा नामक व्यक्ति प्लास्टिक की बोतलों पर जूट से बुनाई करते हैं. उनके मुताबिक ऐसी बुनाई एक बोतल पर करते-करते 4 से 5 घंटे तक लग जाते हैं. कई बार तो पूरा दिन भी लग जाता है. बता दें कि हम जिस प्लास्टिक की बोतल को फेंक देते हैं. उसी प्लास्टिक की बोतल का शाहू जैसे कइयों ने बेहतर प्रयोग करके दिखाया है. इस बोतल में जो पानी रखा जाता है. वह पानी कुछ ही देर में फ्रिज की बोतल की तरह ठंडा हो जाता है, जो कई घंटों तक ठंडा रहता है. वहीँ गांव में कई लोग इस तरह की बोतलें बनाकर हाईवे की सड़कों पर बेचते दिखाई देते हैं. साथ में शहर के बाज़ारों में भी इसकी डिमांड है. मार्केट में इसकी कीमत 100 रुपए से 200 रुपये तक हैं. वहीं यह तकनीक प्रदूषण को तो रोकता ही है. साथ ही ऊर्जा की भी बचत करता है
19 июл 2020