Vipassana meditation is a life changing experience. We are running in life towards the end... Vipassana meditation make us realise to Stop and know ourselves, our body and our mind and true dharma
पहले बाहर से देखने पर मुझे लगा की ऐसे ही कोई विडियो ह लेकिन सुनने के बाद ज़िंदगी का बहुत मूल्य वचन ग्रहण किया सुनकर बहुत अच्छा लगा आपकी वाणी बहुत ही सुन्दर है 🙏🙏🙏🙏🙏
Buddha Saasan ek hi chalu hai.. Goutham Buddha ka.. Or aap baatav mujhe aapne bola second Buddha saasana.. To second buddha saasan ke buddha kon hai???? Aap yeah pdh lo pahile ब्रम्हदेश के रंगुन शहर मे 1954 मे संघायन हुआ था । तब बाबासाहाब आम्बेडकरजी और विपश्यना आचार्य गोयेंकाजी विद्यमान थे ।और भारत मे बुद्ध धम्म पुनर्जीवित करने के लिये ये पंडित जनो के दो मत और उद्देश : हमारे बोधिसत्व डाँ. बाबासाहाब आंम्बेडकरजी ,ब्रम्हदेश रंगुन मे संघायन मे विद्यमान थे इसअर्थसे की भारत मे बौद्ध धम्म आंदोलन कि एक रुपरेखा कैसी हो, इस उद्देशसे । बाबासाहाबने ब्रम्हदेश के समिती को खत =पत्रक लिखा था । ये पत्रक रायटिंग और स्पिचेस खंड न. 17 मे प्रकाशित है ।ये अंग्रेजी में है और इसका अनुवाद इसतरह है," बाबासाहाब ने कहा "भारत मे बौद्ध धम्म पुनर्जीवित करने के लिये, ध्यान, भावना, समाधी,अभिधम्म पर जोर दिया जा रहा है ।ये हमारे हित के लिये इस तरह से बुद्ध धम्म को पेश करना घातक होगा ।" और भारत मे बुद्ध धम्म के लिये शुण्य काल होने से भी, बुद्ध धम्म को बढाने के लिये विपश्यना आचार्य गोयंकाजी बुद्ध धम्म की शिक्षा -सभ्येता मे समाज रचना के लिये प्राथमिक और व्यवहारिक धम्म की आवश्यकता होते हुयेभी, प्राथमिक धम्म को कर्मकान्ड, सांप्रदायिक है।, ऐसा कहके केवल ध्यान, समाधि से सोतापन्न साक्षात्कार होनेवाले निमित्य- कर्मस्थान =विपश्यना की शिक्षा दिया । ये दो मत के अर्थ से हम सभी बाबासाहाब के नयेपरिवर्तनवादी धम्मक्रांति मे समर्पित लोग, तीन रत्न -बुद्ध धम्म -संघ संस्कृति की सभ्यता का निर्माण करनेवाले होकर भी, गृहस्थी विपश्यना आचार्य पद्धति निर्माण करके उसमे पुरी तरह उलझ गये ।
Oh bro you have very superficial knowledge about Dhamma and Babasaheb you need to correct your fact. All Dhamma is important all means Vipassana, Abhidhamma, Jhanas, four fold sangha.....
@@ravindraganage7562 1954 Mai babasaheb bole Hai, Bharat Mai dhyan,bhavna,abhidhamma,samadhi aaise padhna घातक ghatk hai, babasaheb bole Bharat Mai dhamma zero se padhana chahiye, yani Ki प्राथमिक धम्म...