मैं जब पहली बार विपासना किया तो मुझे लाभ हुआ पर आज मैं सौभाग्य से दूसरी बार विपासना किया , मैं बता नही सकता मुझे तो इतनी अच्छे से समझ आई, गोयंका जी को नमन है 100बार नमन है , मेरे पास अभी सब्ध नही है मैं क्या बोलूं ।।।
नमन गुरुजी इतने गहरे सत्य को बुद्ध के आप वापिस जिंदा रख भारत में ले आए वरना बीज पड़े और कुछ चाहने वाले वंचित हो जाते इस गहरी मन और सांस की विद्या जो सब कचड़ा उदीर्ण कर देती हैं मै बीज पड़ा भटक रहा था अहोभाग्य 10 दिन लग गए इगतपुरी और पहली बार में बीज पड़े होने से आपके द्वारा खुद में उतारी विद्या और सुकून में हूं रोज practice कर !🙏🙏🙏