ॐ
बार बार ये जन्म ना आता,
जोड़ लें प्यारे राम से नाता,
जो करना है आज ही कर ले,
देख समय ये बीता जाये।
कभी ना सोचा है कभी ना जाना है,
कहाँ है मंज़िल तो कहाँ ठिकाना है,
मोह माया में ऐसा भटका भूला सृजनहार,
देख तुझे सतगुरू है जगाता॥
मिली ये श्वांसे जो लगा ले सिमरन में,
चदरिया जीवन की रंगा ले भक्ति में,
राम नाम बिन और ना कोई जीवन का आधार,
अंत समय कुछ साथ ना जाता॥
अदालत रब की है सभी को जाना है,
हिसाब अपना अपना सभी को चुकाना है,
सोच समझ ले कुछ तो प्राणी कर ले कुछ विचार,
हरि सिमरन से कट जाये खाता,
जोड़ ले प्यारे राम से नाता॥
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22 апр 2024