ॐ
गुरूदेव दया करके मुझको अपना लेना,
मैं शरण पड़ा तेरी चरणों में जगह देना।
करूणानिधि नाम तेरा, करूणा दिखलाओ तुम,
सोये हुए भाग्य को, हे नाथ जगाओ तुम
मेरी नाव भँवर डोले उसे पार लगा देना।।
तुम सुख के सागर हो, निर्बल के सहारे हो,
इस मन में समाये हो, मुझे प्राणों से प्यारे हो
नित माला जपूँ तेरी, नहीं दिल से भुला देना।।
पापी या कपटी हूँ , जैसा भी हूँ मैं तेरा,
हे नाथ भुला ना मुझे, मैं तेरे चरणों में
तेरे दर का पुजारी बन, मेरे दोष मिटा देना।॥
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16 апр 2024