ॐ
नज़र से प्यार छलकाओ,सभी ग़म भूल जायेगें,
ज़ुबां से रागिनी गाओ,सभी ग़म भूल जायेगें॥
जगत के झूठे नाते है,सभी कुछ ख़्वाब होता है,
जिसे तू मान कर बैठा सहारे छूट जायेगें॥
तेरी ये ज़िन्दगी मालिक की है क्यूँ भूलता है ये,
ये दिन और रात दोहराओ सभी ग़म भूल जायेगें॥
मिले जो ज्ञान की दौलत इसे धड़कन में रखना तुम,
जो पहले से लुटा तुझ पर जगत क्या लुट पायेगें॥
खुदा ये तेरी रहमत को भला मैं नाम क्या दूं ये,
अगर अब साथ छोड़ा तो,प्रभु हम रूठ जायेगें,
नज़र से प्यार छलकाओ,सभी ग़म भूल जायेगें,
ज़ुबां से रागिनी गाओ,सभी ग़म भूल जायेगें॥
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5 июн 2024