ॐ
मुझे तूने सतगुरू सब कुछ दिया है,
तेरा शुक्रिया है तेरा शुक्रिया है ।
ना मिलती अगर मुझको ये दात तेरी,
दुनिया में क्या थी औक़ात मेरी,
तुम्ही ने तो जीने के काबिल किया है ॥
तू ही है मालिक मेरी ज़िंदगी का,
सहारा है मुझको तेरी बंदगी का,
जो कुछ लिया है तुम्हीं से लिया है॥
मिला है ख़ज़ाना बदौलत तुम्हारी,
जीवन बगिया खिली है हमारी,
उसे क्या कमी जो तेरा हो गया है॥
हुकुम तेरे का तलबदार हूँ मैं,
तेरी रहमतों का क़र्ज़दार हूँ मैं,
दिया मैंने कुछ नहीं लिया ही लिया है ॥
तेरे प्यार में कैसी तासीर दादा,
आवागमन से सहज ही छुड़ाता,
जनमों का भटका था अपना लिया है,
तेरा शुक्रिया है तेरा शुक्रिया है ॥
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25 апр 2024