ॐ
सत्गुरु मेरे सत्गुरु तुमपे ही तो नाज़ है,
काम कोई क्यूँ रुकेगा, करते सत्गुरु आप हैं |
लाखों हैं एहसान तेरे, ना चुका पाएँगे हम,
बहुत की है मेहरबानी, ना भुला पाएँगे हम,
तू ही हिम्मत, तू ही ताक़त, तू मेरा सरताज है ।।
मेरा राखा सत्गुरु, हरदम करता रखवाली,
ज़िंदगी की डोर सत्गुरु, तूने ही तो सँभाली है,
तू ही हिम्मत, तू ही ताक़त, तू मेरा सरताज है ।।
सेवा सिमरन और सत्संग, ये सदा होता रहे,
मन में मेरे ज्ञान दीपक, ये सदा जलता रहे,
तू ही हिम्मत, तू ही ताक़त, तू मेरा सरताज है ।।
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25 янв 2024